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    भोजपुर में खत्म नहीं हो रही रंगदारी , कमाई में मांग रहे हिस्सा

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jan 2021 10:54 PM (IST)

    भोजपुर जिले में सक्रिय अपराधी एक बार फिर रंगदारी को लेकर धीरे-धीरे सिर उठाने लगे है।

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    भोजपुर में खत्म नहीं हो रही रंगदारी , कमाई में मांग रहे हिस्सा

    आरा। भोजपुर जिले में सक्रिय अपराधी एक बार फिर रंगदारी को लेकर धीरे-धीरे सिर उठाने लगे है। जिससे व्यवसायी व ठेकेदार से लेकर गाड़ी ऑनर तक सकते में पड़ गए हैं। घर से सड़क तक रंगदारों का खौफ दिख रहा है। पिछले साल भी बेखौफ अपराधियों ने अधिवक्ता, व्यवसायी से लेकर ठेकेदारों से रंगदारी मांगकर पुलिस प्रशासन को चुनौती दी थी। जिसमें संलिप्त अपराधियों को हवालात की हवा खानी पड़ी थी। नए साल में भी अपराधियों ने रंगदारी को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। वाट्सएप के जरिए भोजपुर के एक ठेकेदार को खौफनाक धमकी देकर अपनी सक्रियता का एहसास करा दिया है। रंगदारी नहीं दिए जाने पर जान से मारने की भी धमकी दी गई है। जिससे भयभीत बड़े संवेदक ने पुलिस अफसरों से मिलकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। आंकड़े भी बताते है कि जिले में रंगदारी की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। पिछले साल 2020 में रंगदारी का ग्राफ 58 से अधिक पहुंच गया है। जबकि, 2019 में करीब 46 के आसपास ही था। अगर दोनों सालों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि करीब 12 घटनाओं का इजाफा हुआ है।

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    जुलाई व अक्टूबर महीने में सर्वाधिक मामले प्रतिवेदित

    साल 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई व अक्टूबर महीने में रंगदारी के सर्वाधिक मामले प्रतिवेदित हुए है। जबकि, सबसे कम घटनाएं मार्च एवं अप्रैल घटनाएं घटित हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार जनवरी महीने में चार, फरवरी महीने में तीन, मार्च महीने में दो, अप्रैल महीने में दो, मई महीने में छह, जून महीने में छह, जुलाई महीने में सात, अगस्त महीने में चार, सितंबर महीने में छह, अक्टूबर महीने में आठ, नवंबर महीने पांच और दिसंबर महीने में पांच घटनाएं घटित हुई हैं।

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    नौ सालों के अंदर रंगदारी की 286 घटनाएं

    भोजपुर जिले में अगर विगत नौ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि करीब 286 रंगदारी की घटनाएं घटित हुई है। इन बीते सालों में रंगदारी की सबसे कम ग्राफ साल 2012, 2016 तथा 2017 के बीच रहा है। इन तीनों सालों में रंगदारी का ग्राफ16 से 19 के बीच ही प्रति वर्ष रहा है। जबकि, सबसे अधिक उछाल साल 2015, 2018, 2019 तथा 2020 रहा है। इन सालों में रंगदारी का ग्राफ 35 से 60 के बीच पहुंच गया है। जो की पूर्व में प्रतिवेदित घटनाओं से दोगुना है।

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    वाट्सएप कालिग के जरिए चल रहा रंगदारी का खेल

    जिले में सक्रिय अपराधी रंगदारी मांगे जाने के लिए हाईप्रोफाइल तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। वाट्सएप कालिग के जरिए रंगदारी मांगी जा रही है। विगत सालों में जो रंगदारी मांगे जाने की घटनाएं सामने आई थीं, उसमें वाट्सअप का ही इस्तेमाल किया गया था। नए साल में भी रंगदारों द्वारा धमकाए जाने में वाट्सएप कालिग का ही इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आ रही है। वाट्सएप कालिग में पुलिस को आसानी से ट्रैक करने में परेशानी होती है।

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    सड़कों पर गोली मारने में भी नहीं कर रहे गुरेज

    भोजपुर जिले की सड़कों पर भी सक्रिय रंगदारों का खौफ देखा जा रहा है। खासकर तीन प्रमुख मार्ग ऐसे हैं, जिस पर रंगदारों की सक्रियता सबसे अधिक है। तीन प्रमुख सड़कों में आरा-छपरा फोरलेन, नासरीगंज-सकड्डी हाईवे तथा आरा-अरवल मुख्म मार्ग अहम हैं। जिस पर अक्सर चलने वाले ट्रकों से अपराधी रात के अंधेरे में पिस्तौल के बल पर रंगदारी वसूलते हैं। रंगदारी नहीं दिए जाने पर ड्राइवर को गोली मारे जाने से भी गुरेज नहीं करते हैं। अभी हाल में ही संदेश के अखगांव के समीप रंगदारी का विरोध करने पर अपराधियों ने सीतामढ़ी के चालक अरूण कुमार को गोली मार दी थी। नकदी भी छीन लिए थे। हालांकि, बाद में पुलिस ने दो को पकड़कर जेल भी भेजा था। अगर विश्लेषण करें तो पता चलता है कि सड़कों पर रंगादारी का सर्वाधिक केस कोईलवर, चांदी , संदेश व उदवंतनगर में प्रतिवेदित होता है।

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    वर्ष वार आंकड़ों पर नजर

    साल आंकड़ा

    2012 16

    2013 23

    2014 26

    2015 35

    2016 18

    2017 19

    2018 40

    2019 46

    2020 60