आरण्य देवी की तर्ज पर आरा में बनेगा दुर्गा पंडाल, कोलकाता के कारीगरों की टीम करेगी काम
आरा का यह आरण्य देवी पंडाल इस बार श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। शहरवासी उत्साहित हैं कि इस भव्य पंडाल का हिस्सा बनने का अवसर उन्हें मिलेगा। समिति के अध्यक्ष के अनुसार पंडाल के उद्घाटन के दिन से ही यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगेगी और त्योहार के दिनों में यह स्थल पूरे शाहाबाद की सांस्कृतिक राजधानी बन जाएगा।

जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। शहर का माहौल इन दिनों दुर्गा पूजा त्योहारों की रौनक से सराबोर है। इस बार आरा शहर के सरकारी बस स्टैंड स्टेशन के पास भव्य और आकर्षक आरण्य देवी मंदिर के तरह पंडाल बनाया जा रहा है। आयोजन समिति ने बताया कि इस वर्ष पंडाल का स्वरूप अत्यंत अद्वितीय और भव्य होगा, जिसका मुख्य आकर्षण इसका डिजाइन और सजावट रहेगी। संस्था के अध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह उर्फ भोलू सिंह ने जानकारी दी कि करीब 45 लाख रुपए की लागत से इस बार का पंडाल तैयार किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए पूरे शाहाबाद क्षेत्र से लोग पहुंचेंगे।
कोलकाता और आज़मगढ़ से लाइटिंग व पंडाल निर्माता को विशेष तैयारी मंगाया गया है। पंडाल निर्माण में इस बार विशेष आकर्षण जोड़ा गया है। पंडाल निर्माण का कार्य पश्चिम बंगाल, कोलकाता से आए अनुभवी कलाकारों की देखरेख में हो रहा है। वहीं, सजावट और साज-सामान भी कोलकाता से ही मंगाया गया है। लाइटिंग की पूरी व्यवस्था आजमगढ़ से कराई गई है, जिससे पंडाल रात में बेहद आकर्षक और जगमगाता हुआ दिखाई देगा।
टेंट की जिम्मेदारी आरा शहर के आधुनिक टेंट हाउस के अमन सिंह को सौंपी गई है। अमन सिंह ने बताया कि पूरे आयोजन स्थल को आधुनिक डिजाइन, कलाकृतियों और रंगीन झूमरों से सजाया जाएगा ताकि श्रद्धालु और दर्शक खुद को एक अनोखी दुनिया में महसूस कर सकें।
शाहाबाद का सबसे भव्य पंडाल बनाने की योजना
संस्था के सदस्य सनी सिंह ने कहा कि इस बार लक्ष्य शाहाबाद का सबसे भव्य पंडाल बनाना है। उन्होंने बताया कि पंडाल न सिर्फ आरा के लोगों को आकर्षित करेगा बल्कि आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु और दर्शक यहां खिंचे चले आएंगे। इस आयोजन को सफल बनाने में समिति के सदस्य राजकमल टिंकू सिंह, विकास सिंह, प्रतिक राज और रितु की अहम भूमिका है। सभी सदस्यों ने मिलकर इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की योजना तैयार की है।
आरा शहर धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक संदेश का संगम है। आरण्य देवी पूजा पंडाल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि यह सांस्कृतिक संदेश भी देगा। समिति के सदस्यों ने बताया कि पंडाल को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि इसमें परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा। मूर्तियों की स्थापना और सजावट से लेकर लाइटिंग और रंगाई तक हर चीज में बारीकी का ध्यान रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए अलग से कतार व्यवस्था और सुरक्षा की पुख्ता तैयारी की जा रही है ताकि भीड़ के बावजूद किसी को परेशानी न हो।
स्थानीय कलाकारों को भी मिला मौका
जहां पंडाल निर्माण और सजावट में बाहरी कलाकारों की मदद ली जा रही है, वहीं स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया गया है। उनकी पेंटिंग्स, सजावटी आइटम और हस्तशिल्प सामग्री का उपयोग पंडाल को आकर्षक बनाने में किया जाएगा। इससे स्थानीय कलाकारों को मंच मिलेगा और उनकी प्रतिभा भी बड़े स्तर पर सामने आएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
आरा का यह आरण्य देवी पंडाल इस बार श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। शहरवासी उत्साहित हैं कि इस भव्य पंडाल का हिस्सा बनने का अवसर उन्हें मिलेगा। समिति के अध्यक्ष के अनुसार पंडाल के उद्घाटन के दिन से ही यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगेगी और त्योहार के दिनों में यह स्थल पूरे शाहाबाद की सांस्कृतिक राजधानी बन जाएगा।
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