भोजपुर में रेलवे अंडरपास में गर्दन भर पानी भरने से मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा
ग्रामीणों के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए बना यह अंडरपास इन दिनों गर्दन भर पानी से लबालब है। जहां संबंधित गांव के लोग रोजमर्रा की जरूरतों जैसे दुकानदारी रोजगार अस्पताल या सरकारी दफ्तरों में जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है।
संवाद सूत्र,चरपोखरी(भोजपुर)। चरपोखरी प्रखंड के बरनी मोड़ के पास स्थित आरा-सासाराम रेलखंड के नीचे बनाया गया अंडरपास अब ग्रामीणों के लिए सुविधा की बजाय मुसीबत का सबब बन गया है। बरसात का पानी जमा होने से यह अंडरपास पूरी तरह से भर चुका है, जिससे बलिहारी, इटौर, बरनी, कोरी, पाण्डेयडीह, जनेयाडीह, कुम्हैला, बराड़, इंग्लिश सहित दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है।
बता दे कि ग्रामीणों के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए बना यह अंडरपास इन दिनों गर्दन भर पानी से लबालब है। जहां संबंधित गांव के लोग रोजमर्रा की जरूरतों जैसे दुकानदारी, रोजगार, अस्पताल या सरकारी दफ्तरों में जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है।
सबसे अधिक लोगों की चिंता यह सता रही है की अब कोई बीमार पड़ता है तो उसे अस्पताल कैसे ले जाया जाएगा। बलिहारी निवासी अविनाश राव ने कहा कि हर साल बरसात के मौसम में ऐसी ही स्थिति पैदा हो जाती है। सरकार का यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक गलत खर्च साबित हुआ है, जिसका कोई फायदा नहीं मिल रहा, बल्कि यह लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
हमने इसकी शिकायत डीडीयू रेलमंडल को कर समाधान का मांग किया है। वही बरनी के अमरेंद्र कुमार ने बताया कि यह अंडरपास हमारे लिए सुविधा नहीं, बल्कि हर साल आने वाली एक नई आफत है।बता दे कि चरपोखरी में कथराई मोड़ और बरनी मोड़ दो जगह रेलवे अंडर पास बना है,दोनों का स्थिति बराबर है,जबकि इन्ही कारणों से देकुड़ा,नगरी और दुबेडीहरा में अंडर पास बनाने को लेकर विरोध हुआ था,जिस कारण रेलवे गुमटी बनाया गया है।
फंस रहे वाहन, बढ़ रही मुश्किलें
पानी के अंदर की गहराई का अंदाजा न होने के कारण वाहनों के फंसने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। हाल ही में एक ट्रैक्टर चालक अपनी जान जोखिम में डालकर जैसे-तैसे बाहर निकला, जब उसका ट्रैक्टर बीच पानी में फंस गया। इस घटना ने एक बार फिर अंडरपास की बदहाली को उजागर कर दिया है।प्रशासन से इस समस्या के समाधान की मांग करते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक पानी निकालने और जल निकासी की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।
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