कोईलवर के छठ घाटों पर कीचड़ और गड्ढों का संकट, सफाई और सुरक्षा के लिए प्रशासन पर दबाव
कोईलवर में छठ घाटों की स्थिति चिंताजनक है क्योंकि सोन नदी का जलस्तर घटने से घाटों पर कीचड़ और गड्ढे हो गए हैं। मूर्ति विसर्जन के बाद कचरा जमा है, जिससे सफाई मुश्किल है। बालू खनन से बने गड्ढे खतरनाक हो गए हैं। प्रशासन के लिए सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती है, क्योंकि घाटों पर हजारों श्रद्धालु आते हैं। नगर पंचायत ने सफाई शुरू कर दी है और प्रकाश की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

संवाद सूत्र, कोईलवर(आरा)। लोक आस्था का महापर्व छठ अब कुछ ही दिनों दूर है, लेकिन सोन नदी का जलस्तर घटने के साथ कोईलवर क्षेत्र के सभी छठ घाटों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। हाल ही में आई बाढ़ के बाद नदी का पानी उतरने से अधिकांश घाटों पर दो से तीन फीट गहरा मिट्टी और कीचड़ का दलदल बन गया है।
वहीं मूर्ति विसर्जन के बाद घाटों पर पुआल और कचरा भी जमा है, जिससे सफाई कार्य और कठिन हो गया है। नगर क्षेत्र के टीबी सेंटोरियम घाट, जमुनिया घाट, नार्थ क्लब छठ घाट, हनुमत धाम घाट, शिव मंदिर घाट, गोरया घाट, सूर्य मंदिर घाट और बबुरबानी घाट सहित कुल 14 छठ घाट हैं, जिनमें से कई की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है।
अगर समय रहते मिट्टी और कीचड़ नहीं हटाया गया तो इस बार छठ व्रतियों को नदी में पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इधर, सोन नदी में बालू खनन के दौरान बने गड्ढों में पानी भर जाने से कुछ घाट खतरनाक भी हो गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती
ऐसे स्थलों पर बैरिकेडिंग और गोताखोरों की तैनाती की आवश्यकता बताई जा रही है। नगर परिषद कोईलवर के लिए सभी घाटों की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।
मालूम हो कि छठ महापर्व के दौरान कोईलवर के गोरया छठ घाट पर आरा, पटना समेत दूर-दराज इलाकों से चालीस से पचास हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जो डूबते और उगते सूर्य की आराधना करते हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर जल्द ही विशेष अभियान चलाने की तैयारी शुरू करने की आवश्यकता है।
उदय कुमार ने कहा सोन नद जलस्तर घटने के बाद चारो तरफ कीचड़ फैला हुआ है। जिससे छठव्रती को अर्ध्य देने के समय परेशानी होगी। वहीं राजीव कुमार गुप्ता
बालू के खनन के कारण सोन नदी की दुर्दशा हो गई है। दस साल पहले सपाट और सुंदर दिखने वाला सोन का बालू अब गड्ढे और उबड़ खाबड़ दिखता है।
नीलमणि ने कहा लोहा पुल के समीप नगर के अलावे दूसरे जगहों से छठव्रतियों की भीड़ जुटती है। जिस घाट से कीचड़ हटाये जाने की जरूरत है। वहीं सचिन कुमार ने कहा पिछले दस सालों में सोन नदी में बेतरतीब खनन से इसकी सुंदरता खत्म हो गया है। जिला प्रशासन को इसे देखना चाहिए।
सौरभ पाठक ने कहा गौरया छठ घाट समेत नगर के सभी घाटों पर कीचड़ और मिट्टी कब दलदल बन गया है। जिसे अविलंब हटाये जाने की जरूरत है।
नगर पंचायत के सभी छठ घाटों की सफाई शुरू करा दी गयी है। सोन में दो पोकलेन मशीन लगा जमा मिट्टी और कीचड़ को हटा रास्ता बनवाया जा रहा है। जिसे छठ महाव्रत से पहले ठीक करा दिया जाएगा। साथ ही नगर कार्यालय की ओर से सभी छठघाट पर प्रकाश और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की जाएगी।- सरताज आलम, मुख्य पार्षद, नपं, कोईलवर
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