बिहार का 'वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय' होगा नीलाम, टैक्स के लिए नगर निगम की कार्रवाई
बिहार के भोजपुर स्थित Veer Kunwar Singh University को नगर निगम द्वारा नीलाम किया जाएगा। यह कार्रवाई टैक्स भुगतान न करने के कारण हो रही है। विश्वविद्या ...और पढ़ें

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, आरा। नगर निगम के द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, कतीरा स्थित कार्यालय एवं आवासीय परिसरों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। यह कार्रवाई Veer Kunwar Singh University पर लंबे समय से चले आ रहे नगर निगम कर के बकाया भुगतान को लेकर की जा रही है।
आरा नगर निगम के अनुसार वर्ष 2020 से अब तक कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को रिमाइंडर लेटर भेजे गए, लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय की ओर से न तो बकाया राशि का भुगतान किया गया और न ही किसी प्रकार की ठोस पहल की गई।
बार-बार अनदेखी किए जाने के बाद अब नगर निगम ने नीलामी का लेटर जारी कर दिया है। नगर निगम सूत्रों के अनुसार इसी वर्ष अगस्त माह में विश्वविद्यालय को एक करोड़ 23 लाख रुपये के बकाया को लेकर अंतिम नोटिस जारी किया गया था।
इस नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो नगर निगम को नियमानुसार सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, जिससे नगर निगम को नीलामी की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लेना पड़ा।
टैक्स की वजह से उठाया कदम
बताया जाता है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कतीरा स्थित कार्यालय भवन और आवासीय परिसरों पर नगर निगम का हाउस टैक्स एवं अन्य देय कर लंबे समय से लंबित है। समय-समय पर नगर निगम द्वारा कर निर्धारण कर बिल भेजे गए, लेकिन भुगतान नहीं होने से बकाया राशि बढ़ती चली गई।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि सरकारी या शैक्षणिक संस्थान होने के बावजूद कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है और कर भुगतान में लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय को ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) प्रक्रिया के तहत भी बकाया निपटाने का अवसर दिया जा सकता था। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन पहल करता तो आपसी सहमति से किश्तों में या रियायत के साथ भुगतान की व्यवस्था हो सकती थी, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में भी कोई आवेदन या प्रस्ताव नहीं दिया गया।
ऐसे में निगम के पास अब नीलामी के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। नीलामी की सूचना जारी होने के बाद शैक्षणिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
...तो रोकी जा सकती है कार्रवाई
लोगों का कहना है कि विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे विश्वविद्यालय की छवि के साथ-साथ छात्रों और कर्मचारियों के बीच भी असमंजस की स्थिति बन सकती है।
हालांकि नगर निगम का कहना है कि नीलामी अंतिम कदम है और यदि इससे पहले विश्वविद्यालय बकाया राशि जमा कर देता है या ओटीएस के तहत समाधान निकालता है तो कार्रवाई रोकी जा सकती है।
फिलहाल नगर निगम ने नीलामी प्रक्रिया से संबंधित औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं। नियमों के अनुसार निर्धारित समय के बाद संपत्ति की कुर्की और नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य किसी संस्थान को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि सार्वजनिक धन की वसूली सुनिश्चित करना है। अब देखना यह है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन समय रहते पहल करता है या फिर मामला नीलामी तक पहुंचता है।

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