Bihar News: वोटिंग के बाद काम पर लौटने की अफरातफरी, प्लेटफार्म में गुजर रही यात्रियों की रात
बिहार में मतदान के बाद काम पर लौटने वाले यात्रियों की स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। टिकट न मिलने के कारण कई यात्री प्लेटफार्म पर रात बिताने को मजबूर हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में जगह मिलना मुश्किल हो रहा है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। स्टेशनों पर अफरातफरी का माहौल है।

ट्र्नों पर भारी भीड़। फाइल फोटो
रितेश चौरसिया, आरा। रात के साढ़े नौ बज रहे हैं। धरहरा से मनोज तिवारी पुणे जाने वाली ट्रेन पकड़ने प्लेटफार्म नंबर दो पर परिवार के साथ मिले। ट्रेन रात 12 बजे आएगी, लेकिन रात में आटो मिलने में परेशानी के कारण पहले ही स्टेशन पहुंच गए, यहां चुनाव और पर्व के बाद काम पर लौटने वाले यात्रियों की भीड़ बहुत ज्यादा। कहने लगे, ठंड बढ़ने लगी और मच्छर तबाह कर रहे हैं, रेलवे ने अस्थायी टेंट भी नहीं यहां लगाया है, जहां यात्री विश्राम कर सकें।
रात 9:30 बजे से लेकर 12 बजे तक स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में यात्रियों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की समाप्ति के बाद प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने कार्यस्थलों की ओर लौट रहे हैं।
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा सहित कई राज्यों के आरपीएफ जवानों को एक माह के लिए बिहार में तैनात किया है। इन जवानों को रात के समय गश्त और प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। रात के समय सबसे बड़ी समस्या प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन पर वेटिंग हाल के अभाव में देखने को मिली।
महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग यात्री ठंड और मच्छरों के बीच खुले प्लेटफॉर्म पर बैठकर ट्रेनों का इंतजार करते रहे। कई यात्रियों ने अखबार व चिमकी बिछाकर फर्श पर रात बिताई। महिला यात्री रंजना देवी ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर रोशनी भी अपर्याप्त थी, जिससे महिलाओं को असुरक्षित महसूस हुआ।
आरा जंक्शन से गुजरने वाली कई लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव केवल दो मिनट का है। इतनी भीड़ में इस कम समय में यात्रियों का चढ़ना और उतरना लगभग असंभव हो गया। कई यात्रियों की तो ट्रेन भी छूट जाती है।
आरपीएफ जवानों ने संभाली भीड़, फिर भी रही अव्यवस्था
रात में भीड़ बढ़ते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर दीपक कुमार के नेतृत्व में जवानों ने प्लेटफॉर्म पर गश्त बढ़ा दी थी। यात्रियों को लाइन में लगकर चढ़ने की अपील की गई, लेकिन अफरातफरी इतनी थी कि कई लोग कोच के दरवाजे पर ही लटककर यात्रा करने लगे।
रेल प्रशासन का कहना है कि चुनाव समाप्ति के बाद यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ने से असुविधा हुई है। आने वाले दिनों में स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
टिकट काउंटर और पूछताछ कक्ष पर लंबी लाइनें
रात 9:30 बजे से 12 बजे तक टिकट काउंटर और पूछताछ कक्ष पर यात्रियों की लंबी लाइनें लगी रहीं। तत्काल और वेटिंग टिकट के लिए मची मारामारी के बीच कई यात्री टिकट न मिलने से निराश होकर लौट गए। ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी सीटें फुल होने से लोगों को जनरल डिब्बों में सफर करने पर मजबूर होना पड़ा।
यात्रियों की मांग जल्द खोला जाए वेटिंग हॉल
स्थानीय यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन पर वेटिंग हॉल की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही, त्योहारी और चुनावी सीजन में विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की अपील की है। यात्रियों ने कहा कि अगर रेलवे ने समय रहते व्यवस्था की होती तो उन्हें इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।