Bihar News: धान किसान छत्तीसगढ़ के व्यापारियों के ऑफर से गदगद, कीमत में जमीन-आसमान का अंतर; पैक्सों से बना रहे दूरी
Bihar News जिले के धान किसान इस साल छत्तीसगढ़ के व्यापारियों के ऑफर से गदगद हैं। भोजपुर जिले समेत दक्षिण बिहार के रोहतास कैमूर औरंगाबाद गया जहानाबाद आदि जिलों के धान छत्तीसगढ़ के व्यापारी ऊंचे दाम देकर ले जा रहे हैं। यहां का धान पलामू (झारखंड) होते हुए अम्बिकापुर सीमा से छत्तीसगढ़ में ट्रक से धान और चावल जा रहा है।

जागरण संवाददाता, आरा। जिले के धान किसान इस साल छत्तीसगढ़ के व्यापारियों के ऑफर से गदगद हैं। भोजपुर जिले समेत दक्षिण बिहार के रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद आदि जिलों के धान छत्तीसगढ़ के व्यापारी ऊंचे दाम देकर ले जा रहे हैं।
यहां का धान पलामू (झारखंड) होते हुए अम्बिकापुर सीमा से छत्तीसगढ़ में ट्रक से धान और चावल जा रहा है। दरअसल, चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में धान अधिप्राप्ति पर सात सौ रुपये प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा हुई है। इसी के असर से वहां धान पर अच्छा रेट मिल रहा है। धान बाहर जाने से यहां पैक्स समितियां बेबसी के आंसू बहा रही हैं।
भोजपुर में 65 प्रतिशत धान की कटनी हो चुकी
भोजपुर जिले में 65 प्रतिशत धान की कटनी हो चुकी है। अभी तक जिले के 192 पैक्सों में 6770.8 एमटी धान की खरीद हुई है, जबकि लक्ष्य दो लाख एमटी है। इस हिसाब से अभी सरकारी एजेंसियों सिर्फ तीन प्रतिशत धान की खरीदारी की है।
संदेश प्रखंड के चिल्लौस पैक्स अध्यक्ष तेज प्रताप सिंह ने बताया कि सारा धान प्रदेश से बाहर जा रहा है। सभी जगह अरवा चावल आपूर्ति करना है। इसलिए यहां से अरवा चावल भी बाहर जा रहा है। छत्तीसगढ़ में अरवा चावल करीब 4400 रुपये प्रति क्विंटल है। यहां पर अरवा 2900 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। वहीं, बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपए प्रति क्विंटल है।
ज्यादा लाभ के लिए पैक्सों को धान नहीं बेच रहे किसान
पैक्स अध्यक्ष बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में बोनस के साथ मंसूरी 3100 रुपए और महीन धान 3700 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीद है। बिहार के व्यापारी किसानों से मंसूरी धान 2200 और महीन धान 2700 रुपये खरीद कर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों को बेच रहे हैं।
इसके कारण व्यापारी मालामाल हैं और पैक्स समितियां बेचारगी की हालात में हैं। पैक्सों को किसान धान नहीं बेचना चाहते हैं। क्योंकि कि बाजार में व्यापारियों की धूम है। मूल्य अधिक और दो दिनों में भुगतान हो रहा है।
जानकार लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मंसूरी धान पर प्रति क्विंटल सात सौ रुपए बोनस है। इसके कारण बिहार से वहां धान और चावल महंगा है। इस संबंध जिले के सहकारिता विभाग पदाधिकारी विजय कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। इससे जाहिर है कि विभाग भी दबाव में है।
उसना चावल की आपूर्ति सबसे बड़ी बाधक
पैक्सों को धान खरीदने में उसना चावल भी बाधक है। क्योंकि किसानों को जल्द कीमत का भुगतान करना है। मिलर अपना काम शुरू नहीं किये हैं। दूसरी ओर बाजार में व्यापारी किसानों को चार से छह सौ रुपए प्रति क्विंटल अधिक कीमत पर धान खरीदी कर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों को बेच देते हैं।
जिला प्रशासन ने सात उसना मीलों से 86 पैक्सों को टैग किया है। गड़हनी, पीरो, चरपोखरी, जगदीशपुर, संदेश, उदवंतनगर और कोईलवर प्रखंड के पैक्सों को शामिल किया गया है, लेकिन अभी तक राइस मीलरों के साथ पैक्सों का एग्रीमेंट ही नहीं हुआ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।