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    Ara News: 150 विस्थापितों को 48 वर्ष बाद भी नहीं मिला मालिकाना हक, 2002 में जमा कराए गए थे पैसे

    1975 की बाढ़ में विस्थापित सुरौधा के 150 परिवारों को 1977 में कोईलवर में बसाया गया लेकिन 48 साल बाद भी उन्हें जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला है। 2002 में पैसे जमा कराने के बावजूद उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिला। मामला विधानसभा और लोक शिकायत निवारण तक पहुंचा लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। अब विधायक की पहल से उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।

    By Niraj Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 23 May 2025 02:19 PM (IST)
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    150 विस्थापितों को 48 वर्ष बाद भी नहीं मिला मालिकाना हक, 2002 में जमा कराए गए थे पैसे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    नीरज कुमार, कोईलवर (आरा)। 1975 के बाढ़ की विभीषीका में सुरौधा टोक से पलायन कर चुके कई दर्जन ग्रामीणों को सरकार द्वारा कोईलवर में बसाए जाने के लगभग 48 वर्ष बाद उनहें जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला।

    1975 भयंकर बाढ़ की विभीषिका झेलने के बाद सरकार द्वारा 1977 में कोईलवर मौजा के ढाई सौ परिवार को कोईलवर रेलवे स्टेशन से सटे उत्तर मेंं सुरौधा कॉलोनी बना 7.40 एकड़ भूमि आवंटित किया गया था। जिसमें एक सौ भूमिहीन परिवार को 3.95 एकड़ में बिहार आवास बोर्ड द्वारा घर आवंटित किया गया था, जबकि 150 परिवार को जमीन का मालिकाना हक देने की बात कही गयी थी।

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    जिसके लिए फरवरी 2002 में तत्कालीन समाहर्ता भोजपुर के आदेशानुसार सीओ कोईलवर द्वारा 150 भूधारियों से पांच लाख 15 हजार 400 सौ रुपया जमा करवाया गया। जिसके 23 वर्ष बाद भी किसी प्रकार का भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया। जिसे लेकर सुरौधा कॉलोनी के लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

    विधानसभा में उठाया गया था मुद्दा

    ग्रामीणों द्वारा मालिकाना हक की लगातार मांग को गंभीरता से लेते तत्कालीन विधायक संजय सिंह टाइगर ने इस मामले को सदन में उठाया था। जिस पर राजस्व व भुमि सुधार मंत्री ने अपनी मुहर लगा दी थी।

    उस समय विधायक ने कहा था कि सरकार का दायित्व है कि वो पर्चा निर्गत कर सभी पर्चाधारियों का रजिस्टर टू में नाम अंकित करें, लेकिन इतने वर्ष बाद भी स्थानीय या जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं कि गयी थी।

    लोक शिकायत निवारण में भी गुहार लगाई

    सुरौधा कॉलोनी के 150 विस्थापित ग्रामीणों को जब जमीन का पर्चा नहीं मिला तो इस मामले को लेकर परिवादी सुपारी लाल व ग्रामीणों ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से गुहार लगायी थी।

    जिसके बाद द्वितीय अपील के बाद लोक शिकायत निवारण प्राधिकार ने निर्गत पत्र संख्या 42911-09415 दिनांक 6 दिसम्बर 2018 को निर्णय दिया था कि सीओ कोईलवर सभी सम्बंधित कागजातों का सत्यापन कर जमा बंदी कायम करें, लेकिन सात साल बाद भी भूमिहीनों को पर्चा नहीं मिला। अब उम्मीद की किरण जगी है।

    विधायक जी ने कहा

    बीस सूत्री के पहली बैठक में बड़हरा विधायक सह पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह के पास भी जमाबंदी कायम को लेकर श्याम प्रकाश महतो ने मामला उठाया। जिसमें विधायक ने सीओ कोईलवर को निर्देशित करते हुए कहा कि सुरौधा कॉलोनी के विस्थापितो का जमीन सम्बंधित मामलो का जल्द समाधान किया जाये।

    सुरौधा कॉलोनी के जो डेढ़ सौ विस्थापित है। उन्हें तय समय सीमा के अंदर मजिस्ट्रेट से प्रमाणित शपथ पत्र समर्पित करने को कहा गया है। जिसके बाद उन्हें जमीन का पर्चा मिल सकेगा। - प्रियंका कुमारी, सीओ, कोईलवर