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    Bihar Chunav: पिछले चुनाव से कम हुई महिलाओं की हिस्सेदारी, घटा लिंगानुपात

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 01:45 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच, मतदाता सूची में महिलाओं की घटती भागीदारी चिंता का विषय है। राज्य में महिला मतदाताओं का लिंगानुपात घटकर 892 हो गया है। विशेषज्ञ इसे पलायन, उदासीनता और पहचान पत्र सुधार में लापरवाही से जोड़ रहे हैं। भागलपुर जिला लिंगानुपात में सबसे आगे है, जबकि पश्चिमी चंपारण सबसे पीछे। यह गिरावट पिछले चुनाव से भी अधिक है, जो लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी पर सवाल उठाती है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक चौंकाने वाली तस्वीर उभरकर सामने आई है। राज्य की मतदाता सूची में महिलाओं की हिस्सेदारी घटती दिख रही है।

    चुनावी आंकड़ों के मुताबिक, सूबे में महिला मतदाताओं का जेंडर रेशियो घटकर 892 रह गया है। यानी, हर 1000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले सिर्फ 892 महिला मतदाता ही हैं। यह गिरावट लोकतंत्र के उस आधे हिस्से की भागीदारी पर सवाल खड़ा करती है, जिसे अक्सर 'आधी आबादी' कहा जाता है।

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    सामाजिक और प्रशासनिक विशेषज्ञ इसे ग्रामीण पलायन, महिला नामांकन की उदासीनता और पहचान पत्र सुधार में लापरवाही से जोड़कर देख रहे हैं। आने वाले चुनाव में यह असंतुलन न केवल सांख्यिकीय चिंता का विषय है, बल्कि लोकतंत्र की गहराई पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न छोड़ रहा है।

    आंकड़े बताते हैं कि भागलपुर जिला 939 जेंडर रेशियो के साथ राज्य में सबसे आगे है। इसके बाद मधेपुरा, नवादा, जमुई और अररिया जिले हैं। जबकि पश्चिमी चंपारण महज 872 के रेशियो के साथ सबसे पीछे। इसके बाद सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर और पूर्वी चंपारण का नंबर आता है।

    इसी तरह विधानसभा स्तर पर भागलपुर (958) सबसे ज्यादा संतुलित विस बनी है। इसके बाद नाथनगर, बिहपुर, गोपालपुर और कोरहा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में जेंडर रेशियों सही है। जबकि सिकटा (851) में महिलाओं की संख्या सबसे कम।

    इसी के साथ नौतन, लौरिया-चिरैया, नरकटियागंज और करगहर भी जेंडर रेशियों के मामले में राज्य में सबसे निम्न श्रेणी में शामिल हो गए हैं।

    पिछले चुनाव से भी घटा लिंगानुपात

    इस बार के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का लिंगानुपात वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से भी घट गया है। चुनाव आयोग के डाटा पर नजर डाले तो वर्ष 2020 के चुनाव में जेंडर रेशियों 894 था। इस बार यह घटते हुए 892 हो गया है। इस प्रकार दो अंक का अंतर हुआ है।

    राज्य में टॉप फाइव ज्यादा और कम जेंडर रेशियों वाले जिले

    ज्यादा वाले जिले

    जिला जेंडर रेशियो
    भागलपुर 939
    मधेपुरा 913
    नवादा 911
    जमुई 910
    अररिया 909

    कम रेशियों वाले जिले

    जिला जेंडर रेशियो
    पश्चिमी चंपारण 872
    सीतामढ़ी 873
    शिवहर 874
    समस्तीपुर 875
    पूर्वी चंपारण 876

    सबसे ज्यादा और कम रेशियों वाले पांच-पांच विस

    ज्यादा वाले

         विधानसभा - जेंडर रेशियों

    • भागलपुर - 958
    • नाथनगर - 957
    • बिहपुर - 949
    • गोपालपुर - 944
    • कोरहा रक्षित - 941

    कम वाले

          विधानसभा - जेंडर रेशियों

    • सिकटा - 851
    • नौतन - 854
    • लौरिया - 861
    • नरकटियागंज - 865
    • करगहर - 867