Bihar Crime: पुलिस को गाेलीकांड के आरोपी तो मिले, हथियार कहां गायब हो जाते हैं?
बिहार के भोजपुर जिले में गोलीकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी तो हो गई है, लेकिन पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अपराध में इस्तेमाल किए गए हथिया ...और पढ़ें

गोलीकांड की जांच करती टीम। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले में हाल के महीनों में अवैध हथियारों से फायरिंग और हत्या की कई घटनाएं हुई हैं। पुलिस ने इन मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी तो कर ली है, लेकिन कई घटनाओं में इस्तेमाल किए गए अवैध हथियार अब तक बरामद नहीं हो सके हैं। इससे मामलों की गहराई तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
पुलिस की मानें तो गिरफ्तार आरोपित पूछताछ में हथियारों के ठिकाने को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दिए थे। संदेह है कि अपराध के तुरंत बाद हथियारों को सुरक्षित ठिकानों पर खपा दिया जाता है या दूसरे जिलों में पहुंचा दिया जाता है।
लगातार हो रही वारदातें जिले में सक्रिय अवैध हथियार नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं। यह भी बात आ रही कि कुछ कांडों में मंहगे हथियार इस्तेमाल होने के चलते आरोपित मुंह नहीं खोले। जिससे कांडों में प्रयुक्त गन की परतें तह तक नहीं खुल सकी है।
केस स्टडी-01
15 अक्टूबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत आरा-सलेमपुर मार्ग पर बखरिया गांव के समीप एक प्रापर्टी डीलर विपिन कुमार को गोली मारकर घायल कर दिया गया था।
इसे लेकर बिहिया के झाैंवा निवासी घायल के बयान पर नामजद प्राथमिकी की गई थी। इस दौरान पुलिस ने एक-दो आरोपितों को पकड़ा था। लेकिन, कांड में इस्तेमाल हथियार नहीं मिला था। बाद में घायल की मौत हो गई थी।
केस स्टडी-02
30 अक्टूबर की शाम मुफस्सिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत बेलघाट गांव के समीप मिठाई दुकानदार प्रमोद महतो एवं उनके बेटे प्रियांशु कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में पुलिस ने कांड का राजफाश कर कांड में संलिप्त नवादा थाना के बहीरो निवासी द्वारिक शर्मा, गजराजगंज ओपी के कारीसाथ गांव निवासी सूरज कुमार समेत तीन को गिरफ्तार किया गया था।
प्रेम-प्रसंग में चार लाख रुपये सुपारी देकर हत्या कराए जाने की बात सामने आई थी। हालांकि, कांड में प्रयुक्त पिस्टल बरामद नहीं हो सका था।
केस स्टडी-03
25 नवंबर की शाम मुफस्सिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत जमीरा गांव में अवैध पिस्टल की सफाई के दौरान चली गोली से अविनाश कुमार नामक युवक घायल हो गया था। घटना के बाद हमले की कहानी बनाकर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया गया था। बाद में पुलिस ने कांड का राजाफाश कर दो आरोपितों सन्नी व राज को गिरफ्तार किया था। लेकिन, अवैध हथियार नहीं मिल सका था।
केस स्टडी-04
12 दिसंबर की शाम नवादा थाना क्षेत्र के प्राइवेट बस स्टैंड के पास शराब को लेकर उपजे विवाद में हथियार बंद तत्वों ने आशीष कुमार को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। जबकि, लोहे के राड से हमले में रघु रंजन व उसके भाई रिशु रंजन को घायल कर दिया गया था।
इस घटना को लेकर सात के विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपितों को पकड़ा था। लेकिन, अवैध हथियार नहीं मिल सका था। जबकि, अन्य आराेपित अभी भी फरार है।
कांडाें में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। कई कांडों में हथियारों की बरामदगी हुई भी है। -राज, एसपी, भोजपुर

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