'तेजस्वी के बिना सुधार ना होई, भाई लालू बिना चालू ई बिहार ना होई...', चुनावी माहौल में भोजपुरी गीतों की धूम
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी गानों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विभिन्न पार्टियों के समर्थन में गाने सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। खेसारी लाल यादव और टुनटुन यादव के गाने राजद के समर्थन में हैं जबकि एनडीए के लिए भी कई गाने जारी किए गए हैं। रीतेश पांडेय का गाना जन सुराज का समर्थन कर रहा है जिसमें जनता की आवाज को दर्शाया गया है।

दीपक, आरा। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में भोजपुरी गानों की गूंज तेज हो गई है। राजनीतिक गानों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। विभिन्न पार्टियों के समर्थन में जारी ये गीत इंटरनेट मीडिया और पार्टी समर्थकों के फेसबुक समेत इंस्टाग्राम आईडी पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर रोजाना नए-नए चुनावी गाने अपलोड हो रहे हैं, जिन्हें हजारों-लाखों लोग देख, सुन और साझा कर रहे हैं। इन गानों में विभिन्न दलों के नेता, उनकी नीतियां और चुनावी वादे प्रमुखता से प्रस्तुत किए जा रहे हैं। खास तौर पर युवाओं और समर्थकों को साधने में यह गाने अहम भूमिका निभा रहे हैं।
भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव का गीत “तेजस्वी के बिना सुधार ना होई, भाई लालू बिना चालू ई बिहार ना होई…”, टुनटुन यादव का “राजद के गमछिया हरियर बंधले अपना सर हो, जनुआ हमार आरजेडी लभर हो…”, “हई लालू जी के मैन, फैन आरजेडी के हई…” और “लालू चाचा के इज्जत ना कर उ अहिर कइसन…” फैन हई हम लालू के, ठीकेदारी करीला बालू के…” जैसे बोल राजद के समर्थकों में काफ़ी लोकप्रिय हो रहे हैं। वे इन्हें सुन रहे हैं और खूब शेयर भी कर रहे हैं।
इसी तरह गायिका खुशी कक्कड़ का “लालटेन पर बटन दबाई दिह ना, भइया तेजस्वी के जीताइ दिह ना…” और गायक छोटू छलिया का “वोट चोर, गद्दी छोड़, पुरा बिहार बोलता, जवार बोलता, तेजस्वी से सरकार डोलता…” जैसे गीत पार्टी समर्थकों के बीच तेज़ी से फैल रहे हैं।
इन गीतों पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कई वीडियो रील भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो चुके हैं। इधर, एनडीए भी पीछे नहीं हैं।
गायक अभिषेक सिंह का गीत “भाजपा के गमछिया गेरूआ बंधले अपना सर हो, मजनूआ हमार बीजेपी लभर ह…”, भाजपा की ओर से जारी गीत “पुलिया ना ही ना ही थी बत्ती, लालू जी फिर से ना देंगे गद्दी, तेजस्वी कर देंगे छूट्टी…”, गायक सूरज कुमार का “इ मत पूछ का बा, बिहार में मोदी बा…” और गायक प्रशांत सिंह का “25 से 30 फिर से नीतीश, इनके कारण बिहार में बहार बा, रोजी-रोटी के बछौर बा…” एनडीए समर्थकों के बीच जोश भरने का काम कर रहे हैं।
वहीं, गायक दिनेश लाल यादव (निरहुआ) का “रफ्तार पकड़ लिहले बा बिहार, नई पीढ़ी का नया है बिहार…” और गायक विक्रांत का “2025 फिर से नीतीश…” गीत भी सुर्खियों में हैं। गायक रीतेश पांडेय का गीत “हर घर के आवाज बडुए, आवे वाला जनसुराज बडुए… जनता ही हो मालिक अबकी बार चाहते हैं, रोज़ी-रोज़गार चाहते हैं, नया बिहार चाहते हैं…” जैसा गीत समर्थकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
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