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    Bihar Jamabandi: आरा में सरकारी जमीन पर कब्जे वाली 145 अवैध जमाबंदी होगी रद, CO ने ADM को भेजी रिपोर्ट

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 03:46 PM (IST)

    आरा में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। प्रशासन ने 145 लोगों की पहचान की है जिन्होंने गैरमजरूआ जमीन पर अवैध जमाबंदी कराई थी। इन जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। जांच में पता चला है कि दलालों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से यह खेल चल रहा था। अब कार्रवाई के बाद लोगों को उम्मीद है कि सरकारी जमीन को बचाया जा सकेगा।

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    आरा में सरकारी जमीन पर कब्जे वाली 145 अवैध जमाबंदी होगी रद

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। जिला मुख्यालय आरा शहर में अरबों की कीमत वाली सरकारी जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा कर धड़ल्ले से खरीद-बिक्री की जा रही थी। प्रशासन की सख्ती के बाद अब इस खेल पर ब्रेक लगने जा रहा है। सदर अंचलाधिकारी (सीओ) ने शहर के विभिन्न हिस्सों में डेढ़ बीघा गैरमजरूआ जमीन पर अवैध जमाबंदी दर्ज कराने वाले 145 लोगों की पहचान की है।

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    इस पूरी रिपोर्ट को जमाबंदी रद करने की अनुशंसा के साथ एडीएम (भू-राजस्व) को भेजा गया है। मालूम हो प्रशासन को शिकायतें मिली थीं कि सरकारी भूमि पर फर्जी कागज तैयार कर न सिर्फ कब्जा जमाया गया है, बल्कि इसे बाजार भाव से भी बेचा और खरीदा जा रहा है। जैसे ही इसकी जानकारी मिली, जिला प्रशासन ने तुरंत इस जमीन की रजिस्ट्री और खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी थी।

    इसके बाद जब जांच की गई तो पता चला की आरा शहर में गैर मजरूआ जमीन का रकबा काफी बड़ा है। कई प्रभावशाली लोग इसे अपनी निजी संपत्ति बताकर कब्जा करते रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से दलालों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से इस तरह की अवैध जमाबंदी कराई जाती रही है। अब जब कार्रवाई की गाज गिरी है तो इस पूरे खेल की परतें खुलने लगी हैं।

    आरा शहर में यह मामला मौजा आरा नगर 237, खाता पुराना नंबर 1138 और खेसरा 3771 और 3772 से सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है। इस खाता खेसरा के जमीन की सैकड़ों लोगों के नाम पर जमाबंदी दर्ज है, जो गलत है। गैर मजरूआ जमीन की अब ना जमाबंदी हो रहा है और ना ही उसे खरीद बिक्री किया जा सकता है। इसके बावजूद भी अवैध ढंग से इस जमीन की खरीद बिक्री लाखों करोड़ों में की जा रही थी।  यह पूरा मामला बाबू बाजार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।

    प्रशासन की सख्ती से उम्मीद जगी, कब्जाधारियों में हड़कंप

    प्रशासनिक कार्रवाई के बाद आम लोगों में उम्मीद जगी है कि अब शहर की बेशकीमती सरकारी जमीन बचाई जा सकेगी। सूत्रों के अनुसार, सिर्फ डेढ़ बीघा ही नहीं, बल्कि शहर और आसपास के कई इलाकों में ऐसे ही कई रकबे पर अवैध जमाबंदी दर्ज है, जिनकी फाइलें भी खंगाली जा रही हैं।

    सीओ द्वारा भेजी गई अनुशंसा रिपोर्ट के बाद अवैध कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया है। जमीन कब्जाने वाले कई लोग अब प्रशासनिक स्तर पर पैरवी में लग गए हैं। बताया जाता है कि इन जमीनों पर पक्के मकान और मार्केट भी खड़े कर दिए गए हैं।

    फैक्ट फिगर

    • अवैध कब्जाधारी – 145 लोग
    • जमाबंदी रद प्रस्ताव – डेढ़ बीघा जमीन
    • जमीन की प्रकृति – गैर मजरूआ
    • अनुशंसा भेजी गई – एडीएम (भू-राजस्व) को
    • खरीद-बिक्री की स्थिति – तत्काल प्रभाव से रोक।

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