Ara News: नम आंखों से दी गई बलिदानी BSF इंस्पेक्टर को अंतिम विदाई, मसाढ़ गांव में गमगीन हुआ माहौल
पश्चिम बंगाल में शहीद हुए बीएसएफ इंस्पेक्टर कपिलदेव सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा जहाँ उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। कपिलदेव सिंह अमर रहें के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। अधिकारियों के अनुसार पशु तस्करों को पकड़ने के दौरान वे घायल हो गए थे और अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई।

जागरण टीम, आरा/उदवंतनगर। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से सटे आगरा बॉर्डर आउट पोस्ट पर तैनात बीएसएफ की 88वीं बटालियन के इंस्पेक्टर कपिलदेव सिंह तस्करों को पकड़ने के दौरान बलिदान हो गए। सोमवार को जब बलिदानी कपिलदेव सिंह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव उदवंतनगर प्रखंड के मसाढ़ गांव पहुंचा, तो अंतिम दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान “कपिलदेव सिंह अमर रहें”, “जब तक सूरज चांद रहेगा, कपिलदेव सिंह तेरा नाम रहेगा” के नारे गूंजने लगे। महिलाएं, बुजुर्ग और युवा सभी की आंखें नम थीं, लेकिन सीना गर्व से चौड़ा था।
शव के घर आते ही चीत्कार मच गया, बेटी, पत्नी रो रोकर बेसुध होने लगी। अंतिम दर्शन के लिए जनप्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन और बीएसएफ के जवानों का हुजूम लग गया। इस दौरान सशस्त्र सलामी भी दी गई। संदेश विधानसभा के राजद विधायिका किरण देवी के पुत्र दीपू राणावत, एमएलसी राधा चरण साह, मुखिया प्रिया सिंह, प्रतिनिधि राकेश सिंह समेत कई लोग पहुंचकर बलिदानी के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
उदवंतनगर प्रखंड के मसाढ़ गांव निवासी शिव पूजन सिंह के 58 वर्षीय कपिलदेव सिंह 31 अक्टूबर 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे।जबकि आठ जनवरी 1985 को पंजी पाड़ा में कांस्टेबल पद पर योगदन दिए थे। कपिलदेव सिंह की शादी सुनीता देवी से हुई थी। उन्हें एक बेटी कंचन सिंह एवं एक बेटा रितिक रौशन है , जो अभी स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। इधर, कपिलदेव सिंह दो साल पहले 88 बटालियन, मालदा में योगदान दिए थे।
छह माह पूर्व इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन हुआ था। वर्तमान में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के नारायणपुर कैंप में पदस्थापित थे। वहीं पार्थिव शरीर के साथ पहुंचे बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट पहुंचे अशोक ने कहा कि आगरा बोर्डर आउट पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान पशु तस्करों के साथ झड़प हुई थी, उनके पीछे भागने के दौरान वे गिर पड़े थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया जा रहा था तभी उनकी मौत हो गई थी।
पशु तस्करों को पकड़ने के दौरान हो गए थे बलिदान
बलिदानी के दामाद लव कुमार सिंह ने बताया कि वो हर रोज की तरह शुक्रवार को भी ड्यूटी के लिए आगरा बॉर्डर आउट पोस्ट पर कंपनी कमांडेंट के तौर एम्बुश लगाकर ड्यूटी पर तैनात थे। इस बीच तस्कर बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहे थे। कपिलदेव सिंह द्वारा तस्कर को पीछे हटने की बात बोला गया, लेकिन तस्कर उनकी एक बात भी नहीं मानी और बॉर्डर पार करने लगे थे।
तभी कपिलदेव सिंह के द्वारा एक राउंड फायरिंग की गई थी। इसके बाद तस्कर को पकड़ने के लिए खुद दौड़ पड़े थे। लेकिन, कुछ दूर आगे दौड़ने के बाद जमीन पर गिर पड़े और अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
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