भोजपुर के हर्ष का कैसे हुआ पाकिस्तानी एजेंसी ISI से कनेक्शन? कम उम्र से ही दिखने लगे थे तेवर
बिहार के भोजपुर जिले में हर्ष राज नामक एक युवक का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध सामने आया है। जांच में पता चला है कि हर्ष सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआई के संपर्क में था और उन्हें जानकारी भेजता था। स्थानीय लोगों के अनुसार, हर्ष कम उम्र से ही विवादों में रहता था। खुफिया एजेंसियां अब उसके नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं।

भोजपुर के युवक का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से कनेक्शन। सांकेतिक तस्वीर
जागरण टीम, आरा/बिहिया। ISI Connection: पंजाब के लुधियाना में ग्रेनेड विस्फोट (Ludhiyana Granade Blast) की साजिश और आतंकी गुट से जुड़ाव के आरोप में गिरफ्तार भोजपुर जिला निवासी हर्ष कुमार ओझा उर्फ झमन ओझा इन दिनों सुर्खियों में है।
महज चार–पांच हजार रुपये की लालच में वह आतंकी गुट के संपर्क में आ गया था। बताया जाता है कि वह वाट्सएप के माध्यम से आतंकी गुट के सदस्यों से बातचीत भी करता था।
पंजाब पुलिस ने 19 नवंबर को बिहिया थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। उस समय मामला आर्म्स एक्ट से जुड़ा बताया गया था।
ISI से भी जुड़ रहा कनेक्शन
दैनिक जागरण ने खबर भी प्रकाशित की थी। लेकिन, अब पंजाब पुलिस की जांच में आतंकी संबंधों का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान की कुख्यात एजेंसी आइएसआइ से भी कनेक्शन जुड़ रहा है।
इस खुलासे के बाद ग्रामीण उसकी करतूतों से हैरान हैं। 21 जुलाई 2025 को बेलवनिया बाजार स्थित खाद दुकानदार उदय शंकर सिंह पर बदमाशाें ने फायरिंग की थी।
पुलिस ने इस मामले में तीन बदमाशों लालजी, शुभम और राकेश को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने कल्याणपुर गांव के संदिग्ध का नाम लिया था, लेकिन पिता का नाम स्पष्ट न होने से पुलिस सत्यापन नहीं कर पाई थी।
सूत्रों के अनुसार, पंजाब पुलिस की पूछताछ में हर्ष ने बेलवनिया गोलीकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करने की बात कही है।
थानाध्यक्ष सुमेश्वर ने बताया कि पंजाब पुलिस से संपर्क कर स्वीकारोक्ति बयान के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। एसपी राज ने बताया कि पूर्व के आपराधिक इतिहास के बारे में पता किया जा रहा है।
एक साल पहले दिल्ली पुलिस ने भी किया था गिरफ्तार
2020 में उसके नाना उसे ओडिशा लेकर गए थे, जहां किसी आश्रम में पूजा-पाठ सिखाने की कोशिश की गई। पर, वह वहां से भी भागकर वापस आ गया था।
बड़े चाचा ने दोबारा उसका नामांकन कराया था, लेकिन व्यवहार में सुधार नहीं हुआ। 2022 में मौसी उसे महाराष्ट्र के मालेगांव ले गईं, पर वहां भी उससे तालमेल नहीं बना।
मालेगांव स्टेशन पर संदिग्ध नाबालिग के तौर पर वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। बाद में उसे मालेगांव से आरा बाल सुधार गृह भेजा गया था।
कुछ समय बाद वह वहां से भी फरार हो गया था। 2024 में दिल्ली पुलिस ने उसे पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस ने बड़े चाचा अवधेश ओझा से उसकी गतिविधियों को लेकर पूछताछ भी की थी।
इसके बाद उसे फिर आरा बाल सुधार गृह भेजा गया, जहां से वह दोबारा फरार हो गया था। बाद में पुलिस ने बहन से मिले सुराग के आधार पर उसे पकड़ा था।
दूसरों के खातों पर मंगाता था पैसा, घरवालों को देता था धमकी
हाल के दिनों में उसके मामा ने बिलौटी गांव के समीप एनएच-922 पर दुकान दिलाई थी, लेकिन उसने यह काम भी छोड़ दिया और होली के समय से वापस गांव में रह रहा था।
सूत्रों के अनुसार, वह दूसरों के बैंक खातों पर पैसे मंगवाता था। घर का सामान बेच देता था और आए दिन गोली मारने की धमकी देता था।
बड़े पिता अवधेश ओझा कहते हैं कि बिना माता-पिता के बच्चे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर लोग क्या कहेंगे, इसी सोच से उन्होंने कभी शिकायत नहीं की।
वे कहते हैं कि हर्ष का पाकिस्तानी आईएसआई या विश्नोई गैंग से संपर्क कैसे हुआ, यह जानकर वे खुद भी स्तब्ध हैं।
इंटर टापर बहन ने बढ़ाया था परिवार का मान
हर्ष माता-पिता का इकलौता पुत्र है। 2015 में उसकी मां और 2020 में पिता राजेश ओझा उर्फ भुअर ओझा की मृत्यु हो गई थी।
इसके बाद वह पूरी तरह रास्ता भटक गया था। उसकी बड़ी बहन ने इस वर्ष इंटर परीक्षा में प्रदेश टाप-10 में स्थान प्राप्त कर जिले का मान बढ़ाया था।
पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके बड़े चाचा अवधेश कुमार ओझा (शिक्षक) पर थी। उन्होंने दोनों भाई-बहन का नाम बिहिया चौरस्ता स्थित निजी स्कूल में लिखवाया था, लेकिन हर्ष का मन पढ़ाई में नहीं लगता था।
छठी के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और आवारागर्दी शुरू कर दी थी। खर्च जुटाने के लिए उसने घर के गहने और सामान तक बेच दिए थे। विरोध करने पर धमकी देता था।

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