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    बिहार के साथ यूपी के बाजारों में भोजपुर के मटर की धूम

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 15 Feb 2022 11:49 PM (IST)

    दिसंबर माह में जब किसानों की जेब ढ़ीली होती है। हरे मटर की फसल उनके चेहरे पर मुस्कान भर देती है। इसका परिणाम होता है कि मटर उत्पादन करने वाले बड़हरा कोईलवर व आरा प्रखंड के किसानों को तंगी नहीं अखरती है क्योंकि इसकी बुआई करने वाले किसान हरे मटर की फसल से खुशहाल हो जाते हैं। यह गंगा के पार उत्तर प्रदेश की सीमावर्ती रानीगंज बैरिया में धूम मचाती है।

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    बिहार के साथ यूपी के बाजारों में भोजपुर के मटर की धूम

    आरा । दिसंबर माह में जब किसानों की जेब ढ़ीली होती है। हरे मटर की फसल उनके चेहरे पर मुस्कान भर देती है। इसका परिणाम होता है कि मटर उत्पादन करने वाले बड़हरा, कोईलवर व आरा प्रखंड के किसानों को तंगी नहीं अखरती है, क्योंकि इसकी बुआई करने वाले किसान हरे मटर की फसल से खुशहाल हो जाते हैं। यह गंगा के पार उत्तर प्रदेश की सीमावर्ती रानीगंज, बैरिया में धूम मचाती है।

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    उसकी खुशबू बनारस के बाजार में समोसे में जगह बनाकर ग्राहकों को ललचाती है। इससे किसानों के बाढ से हुई बर्बादी की भरपाई हो जाती है। दरअसल, जुलाई-अगस्त माह में गंगा के दियारा में बाढ़ का पानी तटीय इलाके से नीचे की ओर खिसकने लगता है। किसान उसमें मटर की बुआई कर देते हैं। इसमें एक मटर की प्रजाति मात्र दो माह में तैयार हो जाती है। जबकि, दूसरी प्रजाति तीन माह में तैयार होती है। दो माह वाली हरे मटर के निकल जाने के बाद किसान उस खेत में नवंबर के अंत में गेहूं की बुआई करके दुना लाभ अर्जित कर लेते हैं।

    उत्तम बीज का करते हैं इस्तेमाल

    मौसम व वक्त के साथ खेती का स्वरूप बदला है। अब किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अपनी तकदीर संवार रहे हैं। इसके कारण उन्हें अच्छा मुनाफा अर्जित मिलता है। इसकी बानगी बड़हरा प्रखंड के मरहा गांव के किसान ध्रुव सिंह हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उनके गांव में हरे मटर का बीज दिल्ली एवं वाराणसी से लाया गया था। देखते ही देखते यह खेती फायदे मंद साबित होने लगी। जिसके बाद अब किसानों का एक बड़ा समूह इस खेती से जुड़ गया है। इस खेती में समय से बुआई तथा पटवन होता है। इसके लिए बोरिग होना अनिवार्य है। प्रखंड के एकवना, बखोरापुर, बलुआ, करजा, मोहनपुर, गजियापुर, छीनेगांव, फरहदा, लक्ष्मीपुर, सिन्हा, पदमिनियां, मौजमपुर, जोकहरी,जगतपुर- पकड़ी, त्रिभुवानी तथा सोहरा गांव के कई गांवों के किसान हर साल की तरह इस वर्ष भी हरे मटर की खेती किये हैं।

    जिले में 2,743 हेक्टर में मटर की खेती

    जिले में विपणन वर्ष 2021-22 में 2852.5 हेक्टेयर जमीन में मटर आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसमें 2,743.5 हेक्टेयर में आच्छादन किया गया। इसमें बड़हरा, बिहिया व कोईलवर प्रखंड में लक्ष्य से भी ज्यादा आच्छादन किया गया। इसके अलावा आरा सदर, शाहपुरख् गड़हनी, सहार में भी मटर की खेती होती है।