चुनाव से पहले आरके सिंह के साथ पवन सिंह की तस्वीर पर चढ़ा सियासी पारा
अपने पोस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह के साथ तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा है एक नई सोच के साथ नई मुलाकात। तस्वीर के साथ पोस्ट पर लिखे गए वाक्य के भी खूब मायने-मतलब निकाले जा रहे हैं।बताया जा रहा है कि पवन सिंह ने दिल्ली में आरके सिंह से उनके घर में मुलाकात की है।
कंचन किशोर, जागरण, आरा। भाेजपुरी स्टार पवन सिंह ऐसे तो मनोरंजन की दुनिया में हमेशा चर्चा में रहते हैं, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव में काराकाट से भाग्य आजमाने के बाद इनके पोस्ट राजनीतिक सुर्खियां भी बटोर रही हैं। सोमवार की देर रात ''एक्स'' पर प्रसारित उनके एक पोस्ट ने शाहाबाद की राजनीति में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया।
अपने पोस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह के साथ तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा है, ''एक नई सोच के साथ नई मुलाकात''। तस्वीर के साथ पोस्ट पर लिखे गए वाक्य के भी खूब मायने-मतलब निकाले जा रहे हैं। दरअसल, आरा चुनाव से हारने के बाद राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए आरके सिंह का अचानक लोकसभा चुनाव में कट्टर विरोधी रहे पवन सिंह के साथ प्रसारित तस्वीर से लोग शाहाबाद में नए समीकरण के कयास लगा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पवन सिंह ने दिल्ली में आरके सिंह से उनके घर में मुलाकात की है और उसी की तस्वीर साझा की गई है। एक तस्वीर में दोनों साथ खड़े हैं और दूसरी तस्वीर छत पर की है, जहां दोनों आपस में बात कर रहे हैं।
पिछले महीने ही मीडिया से बात करते हुए भोजपुरी स्टार ने खुद को तेजस्वी यादव का फैन बताया था। अब ''एक्स'' पर नई तस्वीर देख यूजर भी खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अपनी प्रतिक्रिया में रवि यादव नामक एक यूजर ने लिखा है, '' विकास पुरुष आरके सिंह अगर यही फोटो सेशन वाला काम चुनाव से पहले कर लिये होते तो आज वो पुनः आरा के सांसद होते''।
यूजर धर्मेंद्र गिरी ने प्रतिक्रिया में पवन सिंह को सलाह दी है, ''तू राजनीति में मत जा भैया, एक बार आप लड़ लिए नू, अपना ही धोखा दिया और कब आंख खोलिएगा आप जिद छोड़ अपने काम पर ध्यान दीजिए या आगे जाइएगा....''।
विवेक सिंह नामक यूजर ने लिखा है, ''यह भी याद रखिएगा कि लोकसभा चुनाव में किस तरह आपको दरकिनार किया गया था और ये महोदय क्या कह रहे थे आपके लिए..''! वहीं, अंजनी कुमार नामक यूजर ने लिखा है, ''कुछ नहीं बोलना है, राजनीति है''।
लोकसभा चुनाव में दोनों में रही थी तनातनी
लोकसभा चुनाव में पवन सिंह भाजपा में थे और आसनसोल से उन्हें टिकट मिला था। आसनसोल का टिकट ठुकराकर वे आसनसोल से निर्दलीय मैदान में कूद गए। इससे पार्टी में असहज स्थिति हो गई और आरके सिंह ने पवन सिंह को पार्टी से निकालने की मांग कर दी थी। हालांकि, पवन सिंह नहीं माने और उनके चुनाव लड़ने से शाहाबाद में राजग के जातीय समीकरण का गणित बिगड़ गया। इससे अपने दबदबा वाले आरा समेत काराकाट, सासाराम और बक्सर सीट एनडीए ने गंवा दी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।