Bihar News: आज मनेगा सतुआन, कल से बजने लगेगी शहनाई; जान लें सभी जरूरी बात
Bihar News आज खरमास खत्म होते ही शहनाई बजेगी और मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इस साल वैशाख और जेठ में 33 शुभ लग्न हैं पर आषाढ़ में कोई मुहूर्त नहीं है। 11 जून से गुरु पश्चिम में अस्त होंगे जिससे बाद में रोक लगेगी। 14 अप्रैल को सतुआन पर्व मनाया जाएगा। शादी-विवाह के सीजन में नए नोटों की मांग बढ़ेगी।

विजय कुमार ओझा, उदवंतनगर(आरा)। सोमवार को खरमास समाप्त होते ही लगन की शहनाई बजने लगेगी। शादी विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे।
स्थानीय बाजार लगन की ओर टकटकी लगाए देख रहा है। इस वर्ष वैशाख व जेठ महीने में लग्न है, लेकिन आषाढ़ मास में एक भी शादी विवाह का मुहूर्त नहीं है।
गर्मी में शादी विवाह के कुल 33 लग्न मुहूर्त है लेकिन मृत्यु वाण, भद्रा आदि से परहेज़ जरूरी माना जाता है। 11 जून से गुरू पश्चिम दिशा में अस्त हो जायेंगे।
उसके बाद मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। नतीजतन इस वर्ष जुलाई महीने में शहनाई पर रोक रहेगी। 14 अप्रैल को सतुआन पर्व मनाया जाएगा।
छह जुलाई को भगवान श्री हरि योग निद्रा में चले जाएंगे। इसके बाद पूरे चार महीने तक फिर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।
पंडित विवेकानंद पांडेय, पंडित विश्वनाथ तिवारी जैसे विद्वान पंडितों ने बताया कि 14 अप्रैल से खरमास समाप्त होते ही शादी विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे।
अप्रैल में 13, मई में 12 तथा जून महीने में आठ विवाह मुहूर्त है। आठ जून के बाद गुरु वृद्धत्व को प्राप्त करेंगे और 11 जून को गुरु पश्चिम दिशा अस्त हो जायेंगे तथा 7 जुलाई को पूर्व दिशा में उदय लेंगे।
वहीं, छह जुलाई को श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे।उस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। 1 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन श्रीहरि योग निद्रा से बाहर आयेंगे और मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे।
लग्न के मौसम में नए नोटों की बढ़ जाती है मांग
शादी विवाह का सीजन शुरू होते ही नए नोटों की मारामारी शुरू हो जाती है। लोग अपनी खुशियों में नए नोटों का लेन-देन करना चाहते हैं। सबसे अधिक डिमांड 10 और 20 के नोटों का होती है।
मांग बढ़ने पर करेंसी ढूंढे नहीं मिलता है। लोग परेशान होते हैं। उदवंतनगर के भोला सिंह ने बताया कि लग्न शुरू होने वाला है।10 और 20 के पुराने नोटों पर भी आफत है।
करेंसी नोटों को लेकर बैंकों ने हाथ खड़ा कर दिए हैं।पर हैरत की बात है कि अधिक कीमत पर कालाबाजारी में नए नोट आसानी से मिल जाते हैं। इसका फायदा बिचौलिया उठाते हैं। करें
14 को सतुआन
इस वर्ष 14 अप्रैल को सतुआन पर्व मनाया जाएगा। जब सूर्य मीन राशि से मकर राशि पर आता है तो सत्तू संक्रांति मनाया जाता है।सतुआन पर्व रबी फसल होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
इस दिन लोग पवित्र नदी सरोवरों आदि में स्नान करते हैं तथा दान पुण्य करते हैं। गंगा स्नान का विशेष महत्व है। लोग घरों में कुलदेवता को जौ का सत्तू, गुड़ व कच्चा आम प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं।जौ का सत्तू,घी, गुड़,दूध से बने लड्डू (घेवड़ा) खाया जाता है। लोग चने का सत्तू व आम की चटनी खाते हैं।
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