विधानसभा चुनाव: डीएम के एक पत्र ने खोली पोल, विभागों में छिपाए गए एक हजार कर्मचारी आए बाहर
आरा में डीएम के एक पत्र ने विभागों में छिपे एक हजार कर्मचारियों का खुलासा किया जब अधिकारियों ने अपने चहेतों को चुनाव ड्यूटी से बचाने की कोशिश की। प्रशिक्षण के दौरान शिकायतें मिलने पर डीएम ने सख्ती दिखाई और सभी विभागों से शपथ पत्र मांगे। विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाता सहभागिता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। जिले में अपने-अपने चहेतों को विभिन्न विभागों के पदाधिकारी छुपा कर रखने की फिराक में थे, परन्तु डीएम के एक पत्र ने सभी का भंडाफोड़ कर दिया। डीएम ने जैसे ही सभी विभागों के हेड से अपने यहां के सभी कर्मी चुनाव में प्रशिक्षण के लिए का शपथ पत्र मांगा, इसके बाद एक हजार नय कर्मी और टपक पड़े। इससे अब चुनाव कार्य में भी सुविधा होगी।
भोजपुर जिले में लगभग 24 हजार चुनाव कर्मचारियों को पहले चरण का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान कई कर्मचारियों ने डीएम समेत वरीय पदाधिकारी से शिकायत की कि उनके यहां कई कर्मचारी चुनाव कार्य में नहीं लगाए गए हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि विभाग के प्रमुख पदाधिकारी अपने चहेते को चुनाव कार्य से बचाने के लिए उसकी रिपोर्ट ही कार्मिक कोषांग को नहीं भेजी है।
इससे नाराज होकर डीएम ने सभी विभागों के प्रमुख पदाधिकारी से एक पत्र जो शपथ पत्र के समान है मांगा कि आप सभी लिख कर दीजिए कि आपके यहां क्या सभी कर्मचारी प्रशिक्षण ले लिए? एक भी कर्मचारी बगैर प्रशिक्षण का नहीं बचना चाहिए। डीएम की इस सख्ती के बाद विवश होकर सभी पदाधिकारी को अपने यहां के बचे हुए कर्मचारियों की संख्या नाम और पता कार्मिक कोषांग को देनी पड़ी।
इस तरह से कर्मचारियों की संख्या 24 हजार बढ़कर 25 हजार से भी ज्यादा हो गई। डीएम के इस कदम से विभाग के पदाधिकारियों की मनमर्जी पर जहां अंकुश लगा वहीं दूसरी तरफ चुनाव के लिए और ज्यादा कर्मचारी उपलब्ध हो गए। डीएम के इस कार्य की चर्चा पूरे जिले में चारों ओर हो रही है।
भोजपुर में मतदाता सहभागिता बढ़ाने पर विशेष जोर
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने एवं मतदाता सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से मंगलवार को समाहरणालय सभागार, भोजपुर में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में विभिन्न कोषांगों के वरीय एवं नोडल पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्वाचन कार्यों की अद्यतन समीक्षा की और सभी नोडल पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रशिक्षण कोषांग को सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को निर्धारित समय-सारणी के अनुसार गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया। कार्मिक कोषांग को सभी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया, वहीं सामग्री कोषांग को निर्वाचन सामग्री की सूची एवं चेकलिस्ट तैयार कर समय पर सभी डिस्पैच सेंटरों तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया।
मीडिया कोषांग को निर्वाचन संबंधी सभी सूचनाओं के समय पर प्रसारण एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। अभ्यर्थी व्यय लेखा अनुश्रवण कोषांग को संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में एफएसटी/एसएसटी की संख्या बढ़ाने को कहा गया, ताकि व्यय पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके।
वेबकास्टिंग कोषांग को सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया, जबकि वाहन कोषांग को निर्वाचन कार्य में प्रयुक्त वाहनों का सुव्यवस्थित डेटाबेस तैयार करने को कहा गया। इसके साथ ही, स्विप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरूकता अभियान को गति देने पर जोर दिया गया।
कम मतदान वाले क्षेत्रों में चुनावी पाठशालाओं और मतदाता जागरूकता क्लबों के गठन का निर्णय लिया गया, ताकि युवाओं और प्रथम बार मतदाता बनने वालों को मतदान के महत्व से अवगत कराया जा सके। बैठक में यह भी तय हुआ कि रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर एवं निबंध लेखन जैसी गतिविधियों के माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर डीडीसी गुंजन सिंह, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी डॉक्टर बलदेव चौधरी, नगर आयुक्त, अपर समाहर्ता सहित सभी कोषांगों के वरीय एवं नोडल पदाधिकारी, निर्वाची एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारी उपस्थित थे।
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