शीश महल चौक से स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण अधर में, रोड मैप 'गायब' होने से बढ़ी समस्या
आरा शहर में शीश महल चौक से स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण का काम रुका हुआ है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है। पहले बने रोड मैप के गायब होने से अतिक्रमण हटाने की कोशिशें कमजोर हो गई हैं। शहरवासियों की मांग है कि जिला प्रशासन नया रोड मैप तैयार करे और सड़क को चौड़ा करे ताकि जाम से मुक्ति मिल सके।
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अधर में लटका सड़क चौड़ीकरण। (जागरण)
जागरण संवाददाता, आरा। शहर लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव से जूझ रहा है, लेकिन स्थिति सबसे अधिक भयावह शीश महल चौक से गोपाली चौक, शिवगंज, बड़ी मठिया होते हुए आरा स्टेशन तक देखने को मिलती है।
यह पूरा मार्ग शहर की लाइफलाइन माना जाता है, जहां रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया वर्षों से फाइलों में दबी हुई है।
हालात यह हैं कि जहां दोनों तरफ 20-20 फीट सड़क होनी चाहिए, वहीं 20 फीट पर ही अतिक्रमण पसरा हुआ है। इससे सड़क सिकुड़ कर लगभग आधी रह गई है और ट्रैफिक जाम ने स्थायी रूप ले लिया है।
20 फीट सड़क पर 20 फीट का अतिक्रमण, परिणाम जाम ही जाम हो रही है। शीश महल चौक से स्टेशन तक का यह प्रमुख मार्ग व्यवसायिक गतिविधियों का केंद्र है। दुकानों, ठेलों, अवैध पार्किंग और सड़क किनारे स्थायी-अस्थायी निर्माणों ने पूरे रास्ते को पकड़ रखा है।
सड़क की वास्तविक चौड़ाई लगभग 40 फीट होनी चाहिए थी, लेकिन दोनों ओर 20-20 फीट का अतिक्रमण होने से बीच में सिर्फ 15 से 18 फीट जगह ही वाहन आवागमन के लिए बच पाती है। बड़े वाहनों, ई-रिक्शा, बाइक और पैदल यात्रियों के बीच जगह की जद्दोजहद शहरवासियों की रोजमर्रा की परेशानी बन चुकी है।
पूर्व जिलाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने तैयार किया था रोड मैप
आरा शहर में सड़क चौड़ीकरण को स्थायी समाधान के रूप में देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने इस रूट का एक विस्तृत रोड मैप तैयार कराया था। इस योजना के अनुसार पूरे मार्ग के दोनों ओर 20-20 फीट सड़क सुनिश्चित की जानी थी, जिसके लिए चिह्नांकन से लेकर नोटिस, मुआवजा प्रक्रिया और चरणबद्ध कार्यान्वयन तक की विस्तृत योजना मौजूद थी।
शहरवासियों में इस रोड मैप को लेकर उम्मीदें जगी थीं कि आखिरकार आरा को जाम से मुक्ति मिलेगी। लेकिन यह योजना उस समय अचानक ठप पड़ गई, जब एक राजनीतिक नेता की दखलअंदाजी के बाद तत्कालीन डीएम का तबादला कर दिया गया। डीएम के जाने के साथ ही सड़क चौड़ीकरण की पूरी प्रक्रिया फाइलों में कैद होकर रह गई।
डीएम का तबादला हुआ, रोड मैप भी ‘गायब’ हो गया
तबादले के बाद जिला प्रशासन रोड मैप का कोई रिकॉर्ड खोज नहीं पाया। सवाल यह है कि इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज का अचानक गायब हो जाना प्रशासनिक लापरवाही है या जानबूझकर किया गया प्रयास इस पर किसी भी स्तर पर जांच नहीं हुई।
शहर के लोग आज भी कहते हैं कि रोड मैप को गायब कर देने से अतिक्रमण हटाने की सारी कोशिशें हमेशा के लिए कमजोर हो गईं। नए जिलाधिकारियों ने भी अब तक इस रोड मैप को दोबारा तैयार करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
अभी तक किसी डीएम ने नहीं बनाया नया रोड मैप
पिछले कई वर्षों में आरा में कई अधिकारी आए और गए, लेकिन शीश महल चौक से स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण पर कोई नया खाका तैयार नहीं किया गया। न तो जमीन का नया सर्वे हुआ, न अतिक्रमण की सूची बनी, और न ही योजना को प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया।
आरा शहर के लाखों लोगों का सफर हर दिन जाम में बेकार होता है, लेकिन समस्या हल करने की दिशा में कोई ठोस प्रशासनिक कार्रवाई देखने को नहीं मिलती। ट्रैफिक पुलिस की तैनाती या अस्थायी रोक-टोक से समस्या हल नहीं हो सकती, जब तक सड़क चौड़ीकरण का नया और स्पष्ट रोड मैप तैयार न हो।
शहरवासियों की मांग जाम से राहत दिलाने के लिए पुनः बने रोड मैप शहर के व्यापारियों, छात्रों, आम यात्रियों और स्थानीय नागरिकों की एक ही मांग है कि जिला प्रशासन शीश महल चौक से स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण का नया रोड मैप तैयार करे। अतिक्रमण का सर्वे हो, 40 फीट सड़क सुनिश्चित की जाए।
स्थायी और व्यावहारिक योजना बने
राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाकर काम किया जाए। शहर को जाम से मुक्ति दिलाना संभव है, पर इसके लिए ईमानदार पहल और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। जब तक नया रोड मैप नहीं बनता, तब तक आरा शहर की जाम की समस्या यूं ही बढ़ती जाएगी।

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