सरकार ने लौटाया वीकेएसयू का बजट
मृत्युंजय सिंह, आरा : राज्य सरकार ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के बजट की कुछ प्रतियों को लौटा दिया है। साथ ही बजट की विसंगतियों को दूर करते हुए बिहार राज्य विश्वविद्यालय की धारा-46 (2) में निहित प्रावधानों के अधीन संशोधित प्रस्ताव मांगा है। इसके अतिरिक्त इस आय-व्यय में प्रथम दृष्टया कुल 347 शिक्षक व 196 शिक्षकेतर कर्मियों के मामले में विसंगतियां व त्रूटियों को रेखांकित करते हुए कुल 18 पृष्ठों की प्रतियां के साथ संलग्न कर वीकेएसयू को भेजा है। उच्च शिक्षा निदेशक डा.एस.आर.सिंह ने शिक्षा विभाग के पत्रांक 15/ बी, 07/ 12- 1442 के माध्यम से वीकेएसयू के कुलपति को इसकी जानकारी फैक्स व स्पीड पोस्ट के माध्यम से दे दी है। जिसमें कहा गया है कि वीकेएसयू के वित्तीय वर्ष 2012-13 के आय-व्यय में व्याप्त विसंगतियां है। इसका निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। कुलपति को जारी पत्र में कहा गया है कि आपके पत्रांक एफओ/ 26 / 12 दिनांक 26.5.2012 के संदर्भ में निदेशानुसार अंकित करना है कि आपके विश्वविद्यालय का बजट निर्धारित तिथि 12 दिसंबर 2011 के लगभग 168 दिनों विलंब से प्राप्त हुआ है। सरकार को जो बजट प्राप्त हुआ है, उसमें त्रुटियां ही त्रुटियां है। विभागीय संकल्प संख्या 2693 दिनांक 27.08. 2010 की कंडिका 30 (आईभी) के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालयों तथा इसके अधीनस्थ महाविद्यालयों में वित्त विभाग के पत्रांक 8826 तथा पत्रांक 8825 दिनांक 20.12. 2000 के अनुरूप इसी प्रभाव से कर्मियों को पृथक्कीरण के अनुरुप पदों पर अनुमान्य वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतन बैंड व ग्रेड वेतन अनुमान्य किया गया है। उक्त तिथि के पश्चात पृथक्कीकरण के अनुरुप निम्न वर्गीय लिपिक के पदों पर ही सीधी नियुक्ति की कार्रवाई की जानी है। परंतु इस नियम का पालन नहीं किया गया है। बजट में उक्त तिथि के बाद नियुक्त कर्मियों को भी उच्चतर वेतन बैंड तथा ग्रेड वेतन का लाभ दिया गया है। जो बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 35 में निहित प्रावधानों के सर्वथा प्रतिकूल है। उल्लेखनीय है बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 35 के अधीन राज्य सरकार के पूर्वानुमति के बिना कोई पद नियुक्ति हेतु स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। परंतु विभागीय पत्रांक 1216 दिनांक 18.9. 1975 के द्वारा डिमोस्ट्रेटर के पद के समाप्ति के पश्चात भी प्रयोगशाला से बजट में दर्शाया गया है। यही नहीं इन कर्मियों को सहायक प्राध्यापक के समतुल्य पे बैंड 15600-39100 तथा ग्रेड पे 6000 दिया गया है। राज्य सेवी वर्गी के चतुर्थ कर्मियों को सीधी प्रोन्नति दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके विपरीत विश्वविद्यालय मुख्यालय सहित महाविद्यालयों में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पदों पर प्रोन्नति दी गयी है जो नियम विपरीत है।
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कहते है अधिकारी:
'वित्त पदाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि सरकार के पत्र का जबाव तैयार किया जा रहा है। बजट में जिन विषयों पर सरकार को आपत्ति है, उसके निराकरण के लिए 31 जुलाई तक समय विवि. को दिया गया है। सरकार द्वारा निर्धारित तिथि को जबाव दे दिया जाएगा। '
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