शाहपुर नगर पंचायत: वार्ड संख्या 7 में एक भी प्रत्याशी नहीं
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दिलीप ओझा, शाहपुर (भोजपुर): नगर पंचायत की सुविधाओं से वंचित शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या 07 गोपालपुर गांव की जनता ने नप चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। ग्रामीणों द्वारा ऐसा कदम उठाया गया है। लोगों का कहना है कि सरकार उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर यह जांच कराये की क्या गोपालपुर को शहरी क्षेत्र में रखने योग्य हैं। यदि ऐसा नहीं होता और सरकार नगर निकाय में रहने को मजबूर करती है तो ऐसी सूरत में गांव के लोग सामूहिक रूप से गांव छोड़कर पड़ोस के पंचायत में चले जायेंगे।
लोगों के अनुसार जब से नगर पंचायत बरी है वार्ड में बुनियादी सुविधा नहीं है। पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य सहित तमाम सुविधाएं नदारद है। वार्ड की स्थिति पंचायत के वार्डो से भी बदतर है। हालांकि किसी वार्ड की महिला द्वारा नामांकन किया गया था लेकिन प्रस्तावक व समर्थकों का अंगूठा का निशान गलत पाये जाने के कारण निर्वाची पदाधिकारी द्वारा रद्द कर दिया गया।
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वार्ड की भौगोलिक स्थिति : नप वार्ड नं. 7 गोपालुपर शाहपुर से 3 किमी उतर की ओर नदी के पार सहजौली पंचायत के रतनपुरा गांव के समीप अवस्थित है। उक्त गांव को शाहपुर से जोड़ने वाला कोई पक्का रास्ता नहीं है। सड़क मार्ग से गोपालपुर की दूरी 5 किमी हो जाती है, जो पंचायत से होकर गुजराती है।
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नप के वार्ड में क्या कराया गया : नगर पंचायत द्वारा पिछले दो दशक के दौरान एक सामुदायिक भवन एवं 300 फीट ईट सोलिंग कराया गया है, जो करीब 20 वर्ष पूर्व की योजनाएं है। वहीं 2009 में एक मात्र सोलर स्ट्रीट लाइट लग हुआ है।
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क्या कहते हैं लोग : अधिवक्ता अभय कुमार पांडेय कहते हैं आखिर किस आधार पर हमलोग अपने आप को शहरी कहें। जबकि हमारी स्थिति गांवों से भी बदतर है। सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं कहा? सुखनंदन पांडेय के अनुसार क्या हमारा गांव शहरी क्षेत्र के लायक हैं। सरकार को उच्च स्तरीय जांच कराकर देखना चाहिए। यदि इसी तरह चलता रहा तो हमलोग गांव छोड़ने को विवश हो जायेंगे। वहीं धमेन्द्र यादव ने बताया कि हमारे गांव के लोगों द्वारा किसी भी चुनाव का बहिष्कार होता रहेगा जब तक कि हमलोग नगर पंचायत से अलग नहीं हो जायें। जबकि बच्चाजी पांडेय, साधु पांडेय, श्री प्रकाश यादव, मदन यादव सहित कई लोगों ने कहा कि मात्र टैक्स लगा देने से हम लोग शहर वाले हो जायेंगे। सरकार जहां सुविधाएं देती है वहां के लोगों को शहर में रखे हमे क्यों?
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क्या कहती हैं पूर्व वार्ड आयुक्त : पूर्व वार्ड आयुक्त संतोषी देवी के अनुसार हम लोग व हमारा गांव नप में उपेक्षित बनकर रह गया है। जबसे नप का गठन हुआ आज तक कुछ काम नहीं हुआ। हमें नप में इसलिए रखा गया था कि शहरी क्षेत्र घोषित करने के लिए आबादी कम पड़ रही थी।
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