शराब तस्करी में सबसे सुरक्षित हथियार बनी बाइक, आरा में 9 साल में 514 मोटरसाइकिल जब्त
बिहार में शराबबंदी के बाद, मद्यनिषेध विभाग ने तस्करी के खिलाफ अभियान में 787 वाहन जब्त किए हैं। डीएम के आदेश पर इन वाहनों की नीलामी की जाएगी, जिससे सर ...और पढ़ें
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9 साल में 514 मोटरसाइकिल जब्त
जागरण संवाददाता, आरा। बिहार में 2016 में लागू हुई शराबबंदी कानून के बाद से मद्यनिषेध एवं उत्पाद विभाग लगातार तस्करी की गतिविधियों के खिलाफ अभियान चला रहा है। इसी कड़ी में विभाग ने अब तक 787 वाहनों को शराब तस्करी में इस्तेमाल किए जाने के आरोप में जब्त किया है।
विभागीय प्रक्रिया के अनुसार जब्त किए गए सभी वाहनों को डीएम न्यायिक आदेश के बाद नीलामी की प्रक्रिया में शामिल किया गया, जिससे सरकारी राजस्व को मजबूती मिल सके।
सहायक आयुक्त मद्यनिषेध रजनीश कुमार ने बताया कि राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से शराब की आपूर्ति शृंखला को ध्वस्त करने के लिए विभाग लगातार सर्च ऑपरेशन, वाहन जांच और सूचना के आधार पर छापेमारी करता आ रहा है।
वाहनों की नीलामी से विभाग को राजस्व
इसी दौरान तस्करों द्वारा इस्तेमाल किए गए दोपहिया, तीन पहिया, कार एवं भारी वाहनों को बड़ी संख्या में पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि जब्त किए गए वाहनों की नीलामी से विभाग को राजस्व प्राप्त होता है, जिसे सरकार के निर्धारित मद में जमा कराया जाता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो शराब तस्करी में सबसे अधिक 514 दोपहिया वाहन पकड़े गए हैं। तस्करों द्वारा गांवों, गलियों और संकरी सड़कों से बचकर निकलने के लिए बाइक को सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है, इसलिए अधिकतर मामलों में मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया जाता है।
75 तीन पहिया वाहन जब्त किए गए
वहीं 75 तीन पहिया वाहन जब्त किए गए हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से छोटी खेप की ढुलाई के लिए किया जाता था। शराब तस्करी में इस्तेमाल होने वाले चार पहिया लक्जरी वाहन भी बड़ी संख्या में पकड़े गए हैं। विभाग ने अब तक 169 कारें जब्त की हैं।
अधिकारी बताते हैं कि तस्करी के कई मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें महंगी कारों का इस्तेमाल शराब तस्करी में की जा रही थी। सबसे गंभीर श्रेणी में 29 बड़े ट्रक शामिल हैं जिन्हें भारी मात्रा में शराब की खेप की ढुलाई के दौरान पकड़ा गया।

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