कर्मचारियों का 40 फीसद वेतन चट कर जाती है आउटसोर्सिंग एजेंसी
रेणु संतोषी कुंती शैल जैसे 100 से अधिक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने शुक्रवार को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय कार्यालय में कुलपति व कुलसचिव से मिलने आई थीं ...और पढ़ें

आरा । रेणु, संतोषी, कुंती, शैल जैसे 100 से अधिक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने शुक्रवार को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय कार्यालय में कुलपति व कुलसचिव से मिलने आई थीं। इसके कारण कुलपति कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल था। सभी महिलाएं आउट सोर्सिंग कंपनी के माध्यम से विवि के विज्ञान भवन में सफाई करती हैं। इनकी शिकायत है कि आउट सोर्सिंग कंपनी वेतन के रूप में 4,600 रुपये का भुगतान करती है। जबकि कंपनी को उनको 9 हजार रुपये भुगतान करने के लिए दिया जाता है। यही शिकायत मौके पर उपस्थित 170 कर्मचारियों की है। सभी को उसके वेतन के 40 फीसदी से अधिक राशि काट ली जाती है। सबसे आश्चर्य की बात है कि सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान नकद ही किया जाता है। इसमें आधे से अधिक कुशल, अर्द्ध कुशल कर्मचारियों हैं।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मी ने बताया कि जो कुशल कर्मी विगत वर्ष 2015 से काम कर रहे हैं, उनको मात्र 6500 रुपये का वेतन भुगतान किया गया है। शुरू में उन्हें नौ हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान किया जाता था। लेकिन विगत नवंबर में मात्र 7300 रुपये का भुगतान किया गया। कंपनी द्वारा बताया गया कि उनकी शेष राशि ईपीएफ व ईएसआई में कट जाती है। लेकिन आज तक ईपीएफ व ईएसआई का कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया। स्नातकोत्तर विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि आउट सोर्सिंग कंपनी वर्ष 2015 में 11,800 रुपये वेतन भुगतान करती थी।
2015 में दैनिक वेतन भोगी के रूप में 9500, वर्ष 2016, 2017 और वर्ष 2018 में क्रमश: 9500, 8500 और 8000 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया कि बढ़ती महंगाई के साथ कर्मचारियों का वेतन घटता गया। विगत सप्ताह में कर्मचारियों ने कुलसचिव कर्नल श्यामानंद झा से इसकी शिकायत की थी। कुलसचिव कर्नल श्यामानंद झा ने बताया कि विवि प्रशासन से कर्मचारियों को योग्यता के अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है। बीच में आउट सोर्सिंग कंपनी इनकी राशि को चट कर जाती है।
-------------
0.01 प्रतिशत सर्विस चार्ज लेती है कंपनी
चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की सेवा देने वाली कंपनी विश्वविद्यालय से मात्र 0.01 प्रतिशत सर्विस चार्ज लेती है। कुलसचिव कर्नल श्यामानंद झा ने बताया कि जिस कंपनी को सर्विस देने की जिम्मेवारी दी गई है। वह विश्वविद्यालय से मात्र 0.01 प्रतिशत सर्विस चार्ज लेती है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आउट सोर्सिंग कंपनी को चार तरह का वेतन भुगतान किया जाता है। अकुशल कर्मी को 9,656, अर्द्ध कुशल कर्मी को 10,052, कुशल को 12,251 और उच्च कुशल को 14,953 रुपये का भुगतान किया जाता है। लेकिन कर्मियों के पास जो वेतन भुगतान का आंकड़ा है इससे मेल नहीं खाता है।
----------------
कुलपति ने 90 कर्मचारियों की सेवा लेने से किया इन्कार
कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी ने विश्वविद्यालय में सेवा दे रहे 90 कर्मचरियों की सेवा लेना से इन्कार कर दिया। निकाले गए सभी कर्मचारी विगत चार माह से विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे थे। कुलपति प्रो. तिवारी ने आउट सोर्सिंग कंपनी को बिना अनुमति के उपरोक्त कर्मचारियों को रखने के लिए फटकार भी लगाई।
बता दें कि आउट सोर्सिंग कंपनी के द्वारा कुशल, अर्द्ध् कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए विगत दिसंबर में जांच परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा में बमुश्किल से एक दर्जन अभ्यर्थी का चयन किया गया था। फिर भी करीब चार दर्जन कर्मचारियों की नियुक्ति कराई गई थी।
---------------
सूचना पट पर चिपकाया जाएगा कर्मचारियों का वेतन
कुलपति प्रो. तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन भुगतान में पारदर्शिता रहेगी। आउट सोर्सिंग कंपनी के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन सूचना पट लगाया जाएगा। कुलपति की इस घोषणा से कर्मचारियों में खुशी दिखी। क्योंकि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का वेतन लगातार घट रहा है। कर्मचारियों द्वारा विरोध करने पर कहा जाता है कि विवि से उसे इतना ही मिलता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।