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    Ara News: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के 29 कॉलेजों को 318 करोड़ का अनुदान बाकी, शिक्षक निराश

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 02:24 PM (IST)

    वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध 29 कॉलेजों को सात सत्रों का 318 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना बाकी है। उत्तीर्णता के आधार पर कॉलेजों को मिलने वाल ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में संबद्धता प्राप्त 29 कॉलेजों का सात सत्रों का अनुदान बाकी है। अनुदान की राशि करीब 318 करोड़ रुपये बताई जा रही है। छात्र-छात्राओं के उत्तीर्णता के आधार पर कॉलेज को अनुदान मिलता है।

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    काफी मशक्कत के बाद विगत दो वर्षों में पांच कॉलेजों का अनुदान निर्गत हो सका है। इन कॉलेजों के अनुदान की राशि को शिक्षा विभाग ने निर्गत नहीं किया है।

    शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के बीच कई बार पत्राचार हुआ है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात साबित हो रहा है, जबकि अनुदान की राशि कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारियों के लिए मायने रखती है।

    विश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय और संबद्धन शाख की मानें तो अनुदान को लेकर सभी कागज विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग को सौंप दिया है। दूसरी ओर, सैकड़ों शिक्षक और कर्मी विश्वविद्यालय और शिक्षा विभाग का चक्कर काट रहे हैं। कई शिक्षक अपने कालेज के प्रबंधन से भी निराश हैं। संबद्धता प्राप्त कालेजों का कहना है कि जिन सत्रों का अनुदान मिला है।

    उसका उपयोगिता प्रमाण-पत्र के कागज से शिक्षा विभाग दे दिया गया है। शिक्षा विभाग राशि देने में टालमटोल कर रहा है। शैक्षणिक सत्र 20014-17, सत्र 2015-2018, सत्र 2016-19 ,सत्र 2017-20, सत्र 2018-21, सत्र 2019-22, सत्र 2020-23, सत्र 2021-24 का अनुदान बाकी है।

    कॉलेजों में बीत गई जवानी, लेकिन नहीं मिला अनुदान

    वर्ष 1983-84 के बाद बिहार में कॉलेजों का सरकारीकरण नहीं हुआ। संबद्ध कॉलेजों में सेवा देने वाले शिक्षक और कर्मियों को भरोसा था कि कालेओं का अंगीभूत होगा तो उनकी सेवा नियमित हो जाएगी और वेतनमान भी सम्मानजनक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब जब इससे अनुदान की राशि मिलने की बात आयी तो शिक्षा विभाग का पेंच समस्या पैदा कर दिया है।

    संबद्ध कॉलेजों में काम करने वाले डॉ. शिव नाथ पांडेय, डॉ. हरिओम चौबे ने बताया कि पूरी जिंदगी कॉलेज में दे दिया, लेकिन अनुदान की राशि नसीब नहीं हो सकी। इस तरह से अनुदान की राशि निर्गत नहीं होने से शिक्षकों की आर्थिक हालत दयनीय है।

    संबद्ध कॉलेजों का कहना है कि अनुदान की राशि राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को सौंप दी गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन तकनीक कारणों का हवाला देकर अनुदान राशि निर्गत करने में देरी किया। इन सत्रों में कई कालेजों को अनुदान की राशि मिल भी चुकी है। वहीं, कई कॉलेज आपस में विवाद के कारण राशि नहीं ले गए हैं।

    क्या कहते हैं पदाधिकारी?

    कॉलेजों का अनुदान राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर जारी किया जाता है। जिन कॉलेजों में अभी तक अनुदान नहीं मिला है, उसके कागजी कार्रवाई से शिक्षा विभाग संतुष्ट नही होगा। इसलिए अनुदान जारी करने पर रोक लगा दी होगी। जिन कॉलेजों पर शिक्षा विभाग की ओर से आपत्ति होती है, उसके जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर अनुदान रोक देता है। - प्रो. राम कृष्ण ठाकुर, कुलसचिव, वीकेएसयू