VKSU Admission: PG की प्रवेश परीक्षा में 11 छात्र निष्कासित, कर रहे थे गलत काम
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में पीजी सेमेस्टर 2025-27 की प्रवेश परीक्षा में कदाचार के आरोप में 11 छात्र निष्कासित किए गए। 96% उपस्थिति रही। परीक्षा 23 केंद्रों पर आयोजित हुई। छात्रों को रीजनिंग और इतिहास के प्रश्नों में परेशानी हुई। कदाचार रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए गए थे और पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया था।

जागरण संवाददाता, आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर (पीजी) सेमेस्टर प्रथम, सत्र 2025-27 के प्रवेश परीक्षा में बुधवार को कदाचार के आराेप में 11 छात्रों को निष्कासित किया गया।
परीक्षा में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 96 प्रतिशत रही। छात्राओं की उपस्थिति 60 प्रतिशत रही। शहर में परीक्षा आठ केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसके अलावा रोहतास में आठ, कैमूर में चार, बक्सर में तीन समेत 23 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई।
परीक्षा के लिए कुल 25213 एडमिट कार्ड जारी किया गया था। परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनवर इमाम ने बताया कि सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा से आधे घंटे पहले ही सभी छात्र-छात्राओं को परीक्षा हाल में प्रवेश करा दिया गया था।
बनाए गए थे सख्त नियम
छात्रों के मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण को बाहर में जमा करा लिया गया था। किसी भी हालत में एडमिट कार्ड के अलावा किसी तरह के कागज को ले जाने की इजाजत नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दरम्यान एचडी जैन कालेज में पांच, डीके कार्मेल स्कूल में चार और पयहारीजी महाराज महाविद्यालय में दो छात्रों को कदाचार के आरोप में परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया।
कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर सभी केंद्रों पर आर्बजर को नियुक्त किया गया था। परीक्षा का जायजा लेने के लिए नामांकन नोडल पदाधिकारी प्रो.धीरेंद्र कुमार सिंह ने महाराजा कालेज, एसबी कालेज, एचडी जैन कालेज समेत कई कालेजों में जाकर परीक्षा का जायजा लिया और केंद्राधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया।
प्रथम पेपर में रीजनिंग और दूसरे पेपर में इतिहास ने छकाया
पीजी में नामांकन के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में कई प्रश्न को हल करने में छात्र-छात्रा परेशान नजर आये। पहले पेपर में सामान्य ज्ञान की परीक्षा में थी, जिसमें रीजनिंग के प्रश्न हल करने में परेशानी हुई।
सनद रहे कि प्रथम पेपर में 50 प्रश्न थे, जबकि दूसरे पेपर में 75 प्रश्न थे। दूसरा पेपर विषय आधारित था। जो छात्र विषय का अध्ययन संपूर्ण तरीके से नहीं किये थे, उन्हें हल करने में परेशानी हुई। वहीं इतिहास विषय में अधिक दिक्कत बताई गई।
विज्ञान विषयों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र- छात्राओं को दूसरे पेपर के उत्तर देने में परेशानी हुई। दूसरे पेपर में 75 प्रश्न 150 अंक थे।
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