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    इस वर्टिकल गार्डन को आप देख चौंक जाएंगे, बिहार की नेहा स्‍वाति की अद्भुत कारीगरी, आप भी करें ट्राय

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Thu, 24 Feb 2022 06:39 AM (IST)

    इस वर्टिकल गार्डन को देखकर आप भी चौंक जाएंगे। बिहार की नेहा स्‍वाति ने घर के आगे गार्डन और छत पर वर्टिकल गार्डन तैयार किया है। इसमें उन्‍होंने घर के ह ...और पढ़ें

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    बिहार की नेहा स्‍वाति ने घर के आगे गार्डन और छत पर वर्टिकल गार्डन तैयार किया है।

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। कोरोना काल में कई लोगों को अपने भीतर छुपे हुनर को प्रदर्शित करने का मौका मिला। डर और दहशत के समय को कई ने अवसर में बदल डाला। जब घर में समय काटना लोगों के लिए मुश्किल हो गया था, ताे कई ने अपने अंदर के कलाकार को जिंदा कर डाला। खगड़िया शहर के गुलाब नगर कालोनी की नेहा स्वाति ने भी कोरोना काल के अंधेरे में रोशनी की पटकथा लिख डाली।

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    उन्होंने कोल्ड ड्रिंक, सुधा दही और दूध के डब्बे, एसिड, फिनायल की बोतल, पानी का जार, सरसों तेल, डीजल, मोबिल, किरासन तेल आदि के बेकार पड़े डिब्बे से गमले तैयार करना शुरू किया। देखते ही देखते डेढ़ सौ से अधिक आकर्षक गमले बना डाले। ये गमले इतने सुंदर हैं कि पहली झलक में ही लोगों को अपनी और आकर्षित कर लेते हैं। गमले पर बेहतरीन पेंटिंग बनाए गए हैं। और इन गमले में फूल-पौधे और लत्तर की एक अलग दुनिया बनाई-सजाई गई है।

    जिसे देखने आसपास के लोग आते हैं। वे नेहा स्वाति से बेकार पड़े सामानों से गमले बनाने के गुर भी सीखते हैं। नेहा उन्हें यह कार्य सहर्ष सिखाती हैं। नेहा के गमलों पर तरह-तरह के स्लोगन भी लिखे गए हैं। इन गमलों पर कोई भी काम असंभव नहीं है, जैसे स्लोगन लोगों में आत्मबल भरता है। गुलाब नगर से सटे आदर्श नगर निवासी रग्बी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कविता कहती हैं- नेहा स्वाति से मिलकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती हैं।

    पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है। ख्याति प्राप्त चिकित्सक डा. प्रेम ने कहा कि रचनात्मकता का यह अनूठा उदाहरण है।नेहा स्वाति कहती हैं- इन डेढ़ सौ से अधिक गमले में आज 10 प्रकार के गुलाब, एक दर्जन से अधिक वैरायटी के अड़हुल, पिटूनिया, पेंजी, एथेनियम, कारनेशन और प्रचुर मात्रा में आक्सीजन देने वाले स्नेक प्लांट लहलहा रहे हैं। वे कहती हैं- चित्रकारी का शौक मायके चौथम से ही था। शादी के बाद घर गृहस्थी में उलझी रही। कोरोना काल में समय मिला। बेकार पड़े डिब्बों, बोतलों से गमले तैयार किए और एक छोटा से उपवन बना डाला। नेहा स्वाति रक्तवीर ग्रुप की सदस्य भी हैं। बराबर जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान भी करती रहती हैं।