Move to Jagran APP

वट सावित्री व्रत : सुहागिनों ने की बरगद के वृक्ष की पूजा, पति की दीर्घायु की कामना, मांगा आशीर्वाद

भागलपुर सहित आसपास के जिलों में शुक्रवार सुबह से ही सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करने में जुटे रहे। महिलाओं ने वहां सत्‍यवान और सावित्री की कथा सुनी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 11:57 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 11:57 AM (IST)
वट सावित्री व्रत : सुहागिनों ने की बरगद के वृक्ष की पूजा, पति की दीर्घायु की कामना, मांगा आशीर्वाद
वट सावित्री व्रत : सुहागिनों ने की बरगद के वृक्ष की पूजा, पति की दीर्घायु की कामना, मांगा आशीर्वाद

भागलपुर, जेएनएन। पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि और सुरक्षा के लिए शुक्रवार को सुहागिन महिलाओं वट सावित्री पूजा की। जिले में वट सावित्री को लेकर सुबह से ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक का माहौल पूरी तरह धार्मिक बना हुआ रहा। व्रती महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और घर परिवार की समृद्धि के लिए नए नए परिधानों में सज धज कर वट वृक्ष के नीचे पहुंची। वहां विभिन्न प्रकार के पकवानों और मौसमी फलों से त्रिदेव स्वरूप वट वृक्ष की पूजा की और मनोवांछित फल मंगा।

loksabha election banner

इस दौरान भागलपुर के तिलकामांझी चौक, इशाकचक पानी टंकी, दुर्गा स्थान, कैंप जेल, जीरो माइल, इंजीनियरिंग कॉलेज, महादेव स्थान सबौर, शीतला स्थान, बरारी बड़ गाछ चौक, सिकंदरपुर, मिरजानहाट, सबौर, कजरैली, तमौनी, गोराचौकी आदि स्थानों पर पूजा के लिए वट वृक्ष के नीचे सुहागिनों की भीड़ लगी रही। वहीं ज्यादातर सुहागिनों ने अपने घर में ही वटवृक्ष की टहनियों को गमले में लगाकर विधि विधान के साथ वट सावित्री पूजा की। इसके उपरांत सत्यवान सावित्री की कथा भी सुनी। पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ व्रतियों को वट सावित्री की पूजा कराई।

 

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य : ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. एसएन झा कहते हैं कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव हमारी प्राथमिकता है। ऐसी विषम परिस्थिति में व्रती सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की एक टहनी घर में लाकर उसे गमले या भूमि में स्थापित करें। पूजा की शुरुआत गणोश और माता गौरी से करें। इसके बाद वट वृक्ष की टहनी की पूजा त्रिदेव मानकर करे। उसकी पूजा और परिक्रमा का फल वट वृक्ष की पूजा के बराबर ही मिलेगा। इसके उपरांत सावित्री सत्यवान की पुण्य कथा का श्रवण करें। ऐसा कर आप सरकार के लॉकडाउन नियम का पालन भी करेंगी। साथ ही कोरोना से बचाव भी कर सकेंगी।

पूजा का शुभ मुहूर्त : वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त 22 मई को अमावस्या तिथि होने की वजह से पूरे दिन है। उमेश्वरनगर सबौर के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि अमावस्या तिथि 21 मई को रात 9 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है। जो 22 मई की रात 11 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

क्‍यों की जाती है बरगद के पेड़ की पूजा

वट सावित्री पूजा : इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु व डालियों व पत्तियों में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इस व्रत को वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है।

किशनगंज के पोठिया में वट सावित्री की पूजा करतीं सुहागिन महिलाएं।

कटिहार बारसोई में वट वृक्ष की पूजा अर्चना करती महिलाएं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.