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    'वायरलेस राउटर' के चंगुल में फंसी रेलवे की साइट

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 02 Sep 2018 02:17 PM (IST)

    आप घर बैठे आइआरसीटीसी की साइट पर तत्काल टिकट बुक करा रहे हैं तो आपकी टिकटें नहीं कटेंगी और इंटरनेट भी स्लो हो जाएगा।

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    'वायरलेस राउटर' के चंगुल में फंसी रेलवे की साइट

    भागलपुर। आप घर बैठे आइआरसीटीसी की साइट पर तत्काल टिकट बुक करा रहे हैं तो आपकी टिकटें नहीं कटेंगी और इंटरनेट भी स्लो हो जाएगा। कभी मेक पेमेंट मोड में फंस जाएगा तो कभी 'कैप्चा' लिखने में। फिर तत्काल का समय समाप्त होने के बाद इंटरनेट ठीक से काम करना शुरू कर देगा। जब फिर से कोशिश करेंगे तब तक टिकट का कोटा खत्म हो जाएगा। क्योंकि इन दिनों चाइना की नजर आइआरसीटी की साइट पर लग गई है। चाइनीज 'वायरलेस राउटर' नामक डिवाइस से आइआरसीटीसी की साइट को हैक कर रही है। इस तरह के मामले का खुलासा महानगरों के कई शहरों में हो चुका है। तत्काल टिकट गिरोह के सिंडिकेट बड़े शहरों के बाद सिल्क सिटी में भी यह काम गुपचुप तरीके से संचालित कर रहा है। इस धंधे से जुड़े सिंडिकेट के सदस्य इन दिनों सिल्क सिटी में भी हावी होने लगे है। हालांकि रेलवे सुरक्षा बल ऐसे ऐसे सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से होने से इन्कार कर रही है।

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    10 बजे दिन से एसी क्लास की तत्काल टिकटें कटती है और 11 बजे से स्लीपर क्लास की। आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट लेने के लिए नंबर सिस्टम लागू होता है और लोग रात से ही काउंटर के बाहर कतारबद्ध हो जाते हैं। लेकिन ई-टिकट के माध्यम से कटने वाली तत्काल टिकटें पर सॉफ्टवेयर की मनमर्जी चलती है। एजेंसी के प्राइवेट एजेंट दूसरे सॉफ्टवेयर के माध्यम से तत्काल टिकटें काट रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सॉफ्टवेयर की करिश्मा से दस बजे से दो से तीन मिनट पहले ही आइआरसीटीसी की साइट को धीमा कर देते हैं। संबंधित यात्रा करने वालों का नाम पहले ही फीडिंग कर लेते हैं, और दस बजते ही ओके कर कंफर्म टिकटें निकाल लेते हैं। इस कारण आम लोगों को तत्काल टिकटें नहीं मिलती है और एजेंट आराम से तत्काल की कंफर्म टिकटें काट लेते हैं। यही प्रक्रिया स्लीपर क्लास में भी की जाती है। समय समाप्त होने के बाद आइआरसीटीसी का साइट ठीक से काम करना शुरू कर देता है।

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    मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु के टिकटों की डिमांड ज्यादा

    तत्काल ई-टिकटों का ज्यादा डिमांड मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, विशाखापतनम जैसे बड़े जगह के लिए होती है। लंबी दूरी होने की वजह से वहां काउंटर का तत्काल टिकट पहुंचना संभव नहीं है। ऐसे में उन लोगों को ई-तत्काल टिकट पर ही आश्रित रहना पड़ता है। तत्काल टिकट कटने के बाद मेल से प्रिंट और मोबाइल पर संदेश भेज दिया जाता है। इसके एवज में मोटी रकम अदा की जाती है।

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    ऐसे होता है वायरलेस राउटर का इस्तेमाल

    चाइनीज निर्मित वायरेलस राउटर एक हाडवेयर डिवाइस है। यह बहुत ही आधुनिक तकनीक और तेज डिवाइस है। जिस कंप्यूटर या मोबाइल से लोग आइआरसीटीसी की टिकट काटते हैं उसका इंटरनेट इस डिवाइस के माध्यम से स्लो हो जाता है और पहले वाला का इंटरनेट कनेक्शन अपने आप फारवर्ड हो जाता है। इस कारण दस मिनट में तत्काल टिकटें बुक कर दी जा रही है।

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    कोट

    चाइनीज वायरलेस डिवाइस से ई-टिकट काटने का मामला भागलपुर में सामने नहीं आया है। फर्जी आइडी पर ई-टिकट काटने के मामले कुछ मिले थे। गुप्त रूप से ऐसे टिकट काटने वाले गिरोह पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक कई प्राथमिकी भी दर्ज की गई है, कई को जेल भी भेजा गया है। रेलवे सुरक्षा बल के जवान लगातार दबिश बना हुए हैं।

    -अनिल कुमार सिंह, निरीक्षक प्रभारी, आरपीएफ, भागलपुर।