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क्‍या भारत में सचमुच प्रतिबंधित हो जाएंगे... Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram, पूछ रहे यहां के लोग

New Guideline for Internet Media क्‍या भारत में सचमुच इंटरनेट मीडिया के महत्‍वपूर्ण प्लेटफॉर्म फेसबुक ट्विटर व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम मई 2021 से बैन हो जाएंगे। क्‍या सरकार फ‍िर से इन कंपनियों से बातचीत करेगी। क्‍या कोई बीच का रास्‍ता निकलेगा। लोगों ने दी कुछ ऐसी प्रतिक्रिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 11:18 PM (IST)
क्‍या भारत में सचमुच प्रतिबंधित हो जाएंगे... Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram, पूछ रहे यहां के लोग
Facebook, Twitter, WhatsApp और Instagram पर बैन पर प्रतिक्रिया।

भागलपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। इंटरनेट मीडिया के महत्‍वपूर्ण प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर, वाॅट्सऐप और इंस्टाग्राम (Facebook, Twitter, WhatsApp और Instagram) बैन हो सकते हैं। इसे भारत में बैन किया जा सकता है। ऐसे इंटरनेट मीडिया प्‍लेटफार्म पर यह कार्रवाई केंद्र की नई इंटरमीडियरी गाइडलाइन को लागू नहीं करने के कारण हो सकती है। Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram प्रतिबंध लागू होने की सूचना मात्र से ही यहां के लोगों ने दुखी है।

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इस बीच Facebook की तरफ से एक बयान आया है कि वो सरकार की नई गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे। नई गाइडलाइन पर उसकी सरकार के साथ बातचीत चल रही है। जबकि Twitter ने नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए छह माह का समय मांगा है। WhatsApp सरकार के निर्णय के खिलाफ अदालत पहुंच चुकी है।

तीन माह पहले जारी हुई थी नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार ने फरवरी में नई गाइडलाइन को जारी की थी। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए यह जरुरी था। इंडियन वर्जन Koo एक मात्र इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसने नई गाइडलाइन पालन किया है।

भारत में किसके कितने यूजर्स हैं

भारत में Youtube के 44.8 करोड़, WhatsApp के 53 करोड़, और Facebook के 41 करोड़ यूजर हैं। इंस्टाग्राम के 21 करोड़ क्लाइंट है। वहीं, 1.75 करोड़ Twitter एकाउंट होल्डर हैं। वहीं Koo ऐप के 65 लाख से यूजर्स हैं।

इंटरनेट मीडिया को लेकर नई गाइडलाइन

इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को यहां नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (इंडिया में बेस्ड) तैनात करना होगा। 15 दिनों के अंदर ओटीटी कंटेंट के बारे में शिकायतों का निवारण करना होगा। एक मंथली रिपोर्ट जारी करनी होगी। शिकायतों और उनके निवारण की जानकारी,  कौन सी पोस्ट और कंटेंट को हटाया गया और इसकी वजह। सभी प्लेटफॉर्म के पास इंडिया का फिजिकल पता हो, जो कंपनी के ऐप और वेबसाइट पर दर्ज रहे। शिकायत के 24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। कंपनियों को शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा। 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण हो साथ ही 15 दिनों में इसका निपटरा करे।

बोले-सरकार और इंटरनेट मीडिया संचालक आपस में बात कर बीच का रास्‍ता निकाले

P.S Arap, Bikram, Patna के शिक्षक और टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार ने कहा कि ऐसी जानकारी मुझे भी मिली हैं। उन्‍होंने कहा कि इन प्‍लेटफार्म के माध्‍यम से लगातार हमलोग लॉकडान में बच्‍चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। प्रत्‍येक दिन तीन से चार घंटे का कोई का कार्यक्रम इसी प्‍लेटफार्म से प्रसारित कर लोगों को जानकारी दी जा रही थी। सरकार को चाहिए कि इन कंपनियों से बात करें और बीच का रास्‍ता निकालें, ना कि पूरी तरह प्रतिबंध लगाए। भारत में अभिव्‍यक्ति की आजादी है। लोग अपनी प्रतिक्रिया इंटरनेट मीडिया के माध्‍यम से रखते थे। इंटरनेट मीडिया का यह महत्‍पूर्ण प्‍लेटफार्म है, जिसके माध्‍यम से पलक झपकते ही सभी जानकारी हमें मिलती है। उन्‍होंने कहा कि सुरक्षा को मजबूत किया जाय। गलत पोस्‍ट करने वालों पर कार्रवाई हो। संबंधित कंपनी उस को पोस्‍ट को हटा दे। ऐसी व्‍यवस्‍था बने। Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram में काफी संख्‍या में यूजर हैं। लोगों से जुड़ने यह महत्‍वपूर्ण साधन है। संबंधित कंपनी और सरकार बीच का रास्‍ता निकाले। अगर इस पर प्रतिबंध लगता है तो इसके विकल्‍प के रूप में इंटरनेट मीडिया के अन्‍य श्रोत का इस्‍तेमाल होने लगेगा, जो और भी धातक होगा। उन्‍होंने कहा कि Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram को भी सभी नियमों का पालन करना चाहिए, जो नियम संबंधित देश में लागू है।

इंटरनेट मीडिया को भी अपनी कार्यशैली सुधारनी होगी

टीचर्स ऑफ बिहार (Teachers of Bihar- The change makers) की भागलपुर District Mentor  इशाकचक, भागलपुर निवासी खुशबू कुमारी (शिक्षिका, मध्‍य विद्यालय बलुआचक, जगदीशपुर, भागलपुर)  ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिससे लाखों शिक्षक, अभिभावक, बच्चे प्रतिदिन लाभान्वित होते हैं। टीचर्स ऑफ बिहार के सभी कार्यक्रम इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्‍यम से ही प्रसारित की जाती है।  बच्चों के शिक्षा का भी ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram के माध्‍यम से लेते हैं। बिहार और देश की उप‍लब्धियों की चर्चा होती है। गौरवशाली अतीत की बातें होती है। आदर्श व्‍यक्तित्‍व को याद किया जाता है। प्रतिदिन कई विषयों पर नई जानकारी दी जाती है। इसलिए इस इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर बैन लगाना उचित नहीं होगा। इस प्‍लेटफार्म पर जो भी कमियां है, उसे दूर कराने के लिए‍ प्रयास किया जाए। सुरक्षा पर पूरा ध्‍यान रखें। गलत और अफवाह फैलाने वाले पोस्‍ट के यूजर पर कार्रवाई हो। Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram भी पूर्वाग्रह से कार्य ना करें। उन्‍होंने कहा कि सरकार इन मुद्दों पर कंपनियों से बात करें। बीच का रास्‍ता निकाले, ना कि प्रतिबंध लगाएं।

नहीं बंद करें अभिव्‍यक्ति की आजादी का माध्‍यम

मुकुल निशांत (संस्थापक इंडियाबीटस) ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार बनाया गया, जिसमें हर व्यक्ति को अपनी बात बोलने या रखने का अधिकार दिया जाता है, जिसमें इंटरनेट मीडिया की आज अहम भूमिका है। लेकिन 19(2) में इसे सीमित करने के आधार भी बताए गए हैं। इसलिए दोनों पक्ष हमारे संविधान में है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बातचीत कर इसका हल करे, ना कि पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए। गलत जानकारी देना, अफवाह फैलाना, मान‍हानि, अदालत की अवमानना आदि करने वालों पर कार्रवाई की जाए। संबंधित इंटरनेट मीडिया प्‍लेटफार्म को भी अपनी पार‍दर्शिता बनाए रखनी चाहिए। Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram भी नियमों का पालन करे। उन्‍होंने उम्‍मीद जताया कि सरकार और संबंधित कंपनी बीच का रास्‍ता निकाल लेगी।  

जानकारी साझा करने का है उपक्रम

रविश कुमार (संस्थापक एक बिहारी सब पर भारी) ने कहा कि मेरा पेज है इंटरनेट मीडिया पर एक बिहारी सब पे भारी है। जिसे मैं 2009 से चलाता हूं। इसके माध्‍यम से बिहार से जुड़ी हर एक जानकारी लोगों को दी जाती है। साथ साथ यहां की संस्कृति और यहां के त्योहारों को लोगों तक पहुंचाया जाता है। इसलिए यह महत्‍वपूर्ण प्‍लेटफार्म है। इसलिए सरकार इसपर बैन ना लगाकर बातचीत का रास्‍ता निकले।

भविष्‍य के साथ खिलवाड़ ना करें

अररिया के सत्यनारायण साह ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का बंद होना बिल्कुल भी सही नहीं होगा। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। टीचर्स ऑफ बिहार अपील करता है कि सार्वजनिक हित में फेसबुक, ट्विटर इत्यादि प्लेटफार्म बंद नहीं करें।

ऑनलाइन पढ़ाई में होगी समस्‍या

बांका के उमाकांत कुमार (टीम लीडर, स्कूल ऑन मोबाइल, टीचर्स ऑफ़ बिहार : द चेंज मेकर्स) ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार का स्‍कूल ऑन मोबाइल फेसबुक ग्रुप के माध्यम से ही 23 अप्रैल 2021 से वर्ग 5वीं से 10वीं कक्षाओं के बच्चों के लिए फेसबुक लाइव के माध्यम से 50 सरकारी शिक्षक निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। सरकार को सबसे पहले फेसबुक जैसे प्लेटफार्म वाली व्यवस्था देनी चाहिए, जिसके माध्यम से हजारों बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो। बिहार के सरकारी विद्यालयों के बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए फेसबुक जैसे प्लेटफार्म जैसा वैकल्पिक इंतजाम होने तक इसे बंद नहीं किया जाय।

गलत फोस्‍ट करने वालों पर कार्रवाइ हो

शिक्षक अंजील कुमार ने कहा कि सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात्, न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम्। प्रियं च नानृतम् ब्रूयात्, एष धर्मः सनातन:॥ सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये। प्रिय किन्तु असत्य नहीं बोलना चाहिये; यही सनातन धर्म है॥ जो व्यक्ति इसका पालन करते हुए इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। उनके लिए इसका बंद होना दुखदाई है। लेकिन जो व्‍यक्ति इसका प्रयोग दूसरों का मज़ाक उड़ाने के लिए या निचा दिखाने के लिए करते है, वैसे व्यक्ति के लिए इसका बंद किया जाना सामाजिक हित में साबित होगा।

शिक्षा का बढि़या साधन है इंटरनेट मी‍डिया

रंजेश सिंह (टीओबी प्रवक्ता, बिहार) ने कहा कि इंटरनेट मीडिया शिक्षा के लिए एक अच्छा उपकरण है। यह कई सामाजिक मुद्दों के लिए जागरूकता पैदा कर सकता है। ऑनलाइन जानकारी तेज़ी से हस्तांतरित होती है, जिसकी मदद से उपयोगकर्ताओं को सूचना तत्काल ही प्राप्त हो जाती हैं। इस कोरोनाकाल मे भी टीओबी ने ऑनलाईन लर्निंग के कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है। सरकार इसको बैन ना करे।

जीवन का आधार है यह इंटरनेट मीडिया का प्‍लेटफार्म

तिलकामांझी भागलपुर निवासी मध्य विद्यालय मदरौनी, रंगरा चौक, भागलपुर की शिक्षिका नम्रता मिश्रा ने कहा कि आज फेसबुक और ट्वीटर न केवल एक मनोरंजन या व्यवसाय का केंद्र भी है। बल्कि मौजूदा हालात को देखते हुए बिहार के साथ पूरे देश में शिक्षा के प्रचार प्रसार का एक अहम ज़रिया बन चुका है। फेसबुक और ट्वीटर का बंद होना बच्चों के साथ शिक्षक और शिक्षा जगत के लिए एक तरह से श्‍वांस का रुक जाना होगा।

अभिव्‍यक्ति की आजादी का माध्‍यम

कन्या मध्य विद्यालय कुटुंबा औरंगाबाद के प्रधानाध्यापक चन्द्रशेखर प्रसाद साहू ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि फेसबुक और व्हाट्सएप कुछ अन्‍य इंटरनेट मीडिया के प्‍लेटफार्म भारत में बैन किए जा सकते हैं। अगर, ऐसा होता है तो यह लोगों की अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित होने के समान होगा। यह  सूचना संचारण हो या शिक्षण गतिविधि का प्रसारण हर दृष्टि से यह उपयोगी है। फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर बैन नहीं लगाया जाए।

जानकारी के अनभिज्ञ हो जाएंगे

टीचर्स ऑफ बिहार के इंस्टाग्राम मॉडरेटर मुदित कुमार ने कहा कि महान व्यक्तित्व को इंस्टाग्राम पर सैकड़ों हजारों नहीं, लाखों फॉलोअर्स फॉलो करते हैं और इंस्टाग्राम से लोग बहुत तेजी से पूरी दुनिया में अपनी तस्वीरों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। शिक्षा से संबंधित कई उद्देश्यों को हम तेजी से लोगों तक पहुंचाते हैं। अतः सरकार इस पर प्रतिबंध नहीं लगाए।

कैसे पढ़ाएंगे ऑनलाइन

बौंसी, बांका की शिक्षिका रूबी कुमारी ने कहा कि मैं प्रतिदिन बच्चों को ऑनलाइन तरीकों से विज्ञान पढ़ाती हूं। टीचर्स ऑफ बिहार के फेसबुक ग्रुप स्कूल ऑन मोबाइल के माध्यम से इसका लाइव प्रसारण किया जाता है। बच्चे भी काफी मन लगा कर पढ़ रहे हैं। यदि फेसबुक बंद हो गया तो लॉकडाउन को पढ़ाना बड़ी चुनौती हो जाएगी।

शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी मिलती है

शिवेंद्र प्रकाश सुमन ने कहा कि लाखों शिक्षक अपने नवाचारों को फेसबुक के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। इससे बच्चे और शिक्षक दोनों लाभान्वित होते हैं। ट्वीटर के माध्यम से हमें ncert, scert व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के गतिविधियों के बारे में पता चलता है। यदि फेसबुक और ट्विटर बंद हो गए तो यह सारी सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी। सरकार इस निर्णय पर पर पुन: विचार करे। बातचीत कर बीच का रास्‍ता निकाले।

फेसबुक के माध्‍यम से पढ़ाई में बाधा उत्‍पन्‍न

कोरोना काल में लॉकडाउन लगा हुआ है। सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय बंद हैं। बच्चों का शिक्षण कार्य बाधित है। इस विषम परिस्थिति में बिहार के सरकारी विद्यालयों पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक मात्र सहारा लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार है। स्कूल ऑन मोबाइल कार्यक्रम फेसबुक के माध्यम से ही संचालित किया जा रहा है। जिससे बच्चे ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यदि फेसबुक बंद हुआ तो ऑनलाइन पढ़ाई बाधित होगी। इतना ही नहीं ट्विटर के माध्यम से भी बिहार के शिक्षक अपनी बातों को सभी विभागों तक संप्रेषित करते थे। इसलिए सरकार को इंटरनेट मीडिया संचालकों से बात करनी चाहिए। और इसका कोई हल निकाला जाए। बैन लगाना उचित नहीं है। -  केशव कुमार, प्राथमिक शिक्षक, राजकीय बुनियादी विद्यालय बखरी, प्रखण्ड- मुरौल, जिला- मुजफ्फरपुर।

इसके अलावा कई हजारों लोगों ने उपयुक्‍त इंटरनेट मीडिया के प्‍लेटफार्म पर बैन लगाने के निर्णय पर आपत्ति जताई है। कहा कि सरकार अपने बेहतर विकल्‍प तैयार करे। तभी बैन लगाया जाए। लोगों ने यह भी कहा कि इंटरनेट मीडिया के सभी प्‍लेटफार्म को भी सरकार के संबंधित देश का गाइडलाइन को मानना चाहिए। सुरक्षा को मजबूत बताएं। गलत इस्‍तेमाल करने वालों पर कार्रवाई हो। सरकार और इंटरनेट म‍डिया संचालन आपस में बातचीत कर बीच का रास्‍ता निकालें।


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