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    December 2021 festival list: रुक्मिणी अष्टमी, गणेशचतुर्थी, शिवचतुर्दशी व सफला एकादशी; शादी-विवाह और शुभ कार्य बंद

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Dec 2021 10:53 PM (IST)

    December 2021 festival list दिसंबर में व्रत त्‍योहार रुक्मिणी अष्टमी गणेशचतुर्थी शिवचतुर्दशी व सफला एकादशी इस माह खास है। खरमास के कारण शादी-विवाह और शुभ कार्य हो जाएंगे बंद। आदि अध्यात्मिक दिनों से भरा रहेगा माह। पंडितों ने व्रत के विधान बताए हैं।

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    December 2021 festival list: खरमास के कारण शादी नहीं होंगे।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। December 2021 festival list : दिसंबर माह में खरमास के कारण जहां शादी-विवाह जैसे शुभ काम बंद रहेगा। वहीं कई व्रत त्योहार इस माह को खास बना रहा है। बूढ़ानाथ मंदिर के आचार्य पंडित टुन्नाजी ने बताया कि दो दिसंबर को प्रदोष व्रत और शिव चतुर्दशी व्रत होगा। प्रदोष व्रत को लेकर मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनका गुणगान करते हैं। यह व्रत करने से बाबा भोलेनाथ मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति करते हैं। वहीं, शिव चतुर्दशी का व्रत जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से करता है, उसके माता- पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है।

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    चार दिसंबर को स्नान-दान श्राद्ध अमावस्या है। इसके अलावा इस दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। मान्यता है कि ग्रहण के दिन स्नान-दान करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। सात दिसंबर को विनायकी चतुर्थी व्रत है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी कहा जाता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी कहते हैं। इस दिन विधि-विधान से गणपति बप्पा की पूजा की जाए तो वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

    नाग दिवाली और विवाह पंचमी इस बार 8 दिसंबर को है। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम के साथ माता जानकी का विवाह संपन्न हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को विवाह पंचमी और श्रीराम विवाहोत्सव के नाम से जाना जाता है। इसी दिन नाग दिवाली भी है। इस मौके पर नागों के पूजन का विशेष महत्व है।

    मोक्षदा एकादशी इस बार 14 दिसंबर को है। इसका धार्मिक महत्व पितरों को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी के रूप में भी है। मान्यता है कि यह व्रत करने से व्रती ही नहीं बल्कि उसके पितरों के लिए भी मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं।

    16 दिसंबर को धनु संक्रांति और प्रदोष व्रत है। इसके अलावा खरमास भी इसी तिथि से शुरू होगा। सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इस प्रक्रिया को धनु संक्रांति कहा जाता है। वहीं, जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु या मीन में विराजमान होते हैं तो उस समय को खरमास कहा जाता है। खरमास की अवधि में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

    गणेश चतुर्थी यानी कि संकष्टी चतुर्थी इस बार 22 दिसंबर को है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा-उपासना की जाती है।यह साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी है। यह व्रत करने से बप्पा जीवन की सारी मुश्किलें दूर कर देते हैं

    रुक्मिणी अष्टमी इस बार 29 दिसंबर को है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में इसी तिथि पर देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था। धार्मिक ग्रंथों में देवी रुक्मिणी को माता लक्ष्मी का अवतार बताया गया है। इस दिन विधि-विधान से देवी रुक्मिणी का पूजन-अर्चन करने से मनमांगी मुरादें पूरी होती है।

    सफला एकादशी यानी कि पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी। जैसा कि इस एकादशी के नाम से ही स्पष्ट है सफला यानी कि सफलता। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सारे कार्य और सारे मनोरथ सफल होते जाते हैं।

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