तिल-तिल कर मर रहा Vikramshila Setu Bhagalpur, 8 इंच तक बढ़ी दरार... बड़े खतरे में पूर्वी बिहार की लाइफलाइन
Vikramshila Setu Bhagalpur पूर्वी बिहार की लाइफलाइन विक्रमशिला सेतु अपनी बदहाली से जार-बेजार है। रोज-रोज के जाम और लगातार बढ़ते वाहनों के दबाव से पुल पर बड़ा संकट आन खड़ा हुआ है। इस बीच अभियंता प्रमुख ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को विशेषज्ञों से विक्रमशिला सेतु की जांच कराने के लिए पत्र लिखकर जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Vikramshila Setu Bhagalpur पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख सुनील कुमार ने विक्रमशिला सेतु की विशेषज्ञों की जांच कराने के लिए पुल निर्माण निगम के प्रंबध निदेशक को फिर पत्र लिखा है। एक सप्ताह पहले अभियंता प्रमुख द्वारा लिखे पत्र में जांच रिपोर्ट जल्द सौपने के लिए कहा गया है। ताकि जांच रिपोर्ट के आधार पर सेतु की जल्द मरम्मत कराई जा सके। पिछले एक साल से पूर्वी बिहार की लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु की मरम्मत फंसा हुआ है। मरम्मत के अभाव में एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप बढ़ता जा रहा है।
विक्रमशिला सेतु का एक्सपेंशन ज्वाइंट खराब हो चुका है। वाहनों के दवाब में दरारें बढ़ती जा रही है। 12 माह में छह से आठ इंच तक ज्वाइंट का गैप बढ़ गया है। वहीं, सेतु सड़क भी खराब है। इससे वाहनों का परिचालन प्रभावित होने के साथ ही दुर्घटना भी हो रही है। वाहनों के खराब होने से यातायात बाधित हो रहा है। घंटों जाम लग रहा है। पिछले एक साल में सात-आठ बार पत्र लिखने के बावजूद विशेषज्ञों से सेतु की जांच नहीं कराई गई। तीन माह पहले भी एनएच भागलपुर प्रमंडल कार्यालय इस संबंध में अभियंता प्रमुख को लेटर लिखा गया था।
भागलपुर को देश के अन्य हिस्सों को जोड़ने वाली पूर्वी बिहार की लाइफ लाइन के एक्सपेंशन ज्वाइंट का दरार बढ़ने से इसके बियरिंग पर भी असर पड़ रहा है। इससे इस सेतु के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है। व्यवस्था को ठीक कर पुल को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाने के बजाय अभी तक पुल निर्माण निगम के जांच रिपोर्ट का ही इंतजार किया जा रहा है। एनएच के कार्यपालक अभियंता के आग्रह पर मुख्य अभियंता ने पुल निर्माण निगम से सेतु की जांच कर रिपोर्ट करने के लिए कहा था। लेकिन पुल निर्माण निगम के अधिकारियों ने निर्देशों की अनदेखी कर जांच कर रिपोर्ट नहीं दी गई।
सेतु के पोल संख्या 89, 113, 125, 133, 141, 148, 128 सहित 13 से अधिक जगहों में एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप ज्यादा बढ़ गया है। गैप बढ़ने का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है सेतु के ऊपर से इसके नीचे का हिस्सा दिखाई दे रहा है। ज्वाइंट के गैप से गंगा दिखाई दे रहा है। इसका मुख्य कारण इस पुल की बियरिंग खराब होना बताया जाता है। जिसके कारण एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप बढ़ रहा है। इसकी वजह है वाहनों के उन जगहों से गुजरने पर धड़ाम-धड़ाम का आवाज होती है। उछाल महसूस होता है।
भारी वाहनों के चलने पर पुल पर ज्यादा कंपन महसूस होता है। जरूरत से ज्यादा कंपन होना पुल के लिए अच्छा संकेत नहीं है। एक्सपेंशन ज्वाइंट में बढ़ते गैप की वजह से ही रेलिंग के बीच भी गैप बढ़ गया है। इसकी वजह से सेतु पर गाड़ियों में बार-बार ब्रेक लगाना पड़ता है। इससे यातायात पर असर पड़ता है। साथ ही बार-बार ब्रेक लगाने और जाम की वजह से एक जगह पर घंटों वाहनों के खड़े रहने से सेतु पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अस्थि-पंजर ढीले हो चुके इस पुल पर आए दिन गाड़ियां खराब हो जाती हैं। सड़क हादसे हो रहे हैं।
इधर, चार-पांच दिन पहले एनएच के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में पुल निर्माण निगम सहित एनएच विभाग के अभियंताओं की टीम भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ जहाज से सेतु की स्थिति का जायजा लिया था। अभियंता का कहना है इस पुल के पिलरों में कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की टीम गंगा में पानी की गहराई और करंट यानी पानी के बहाव की जांच के लिए जहाज से जायजा ले रहे थे। अभियंता ने बताया कि गंगा के जलस्तर और पानी की धार को नापने के लिए जलमार्ग प्राधिकरण गंगा में सेंसर लगाएगा।
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