नवगछिया पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो अंतरराज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए हैं। ये अपराधी ऑनलाइन गेमिंग ऐप की आड़ में लोगों को ठगते थे और गरीब लोगों के दस्तावेज किराए पर लेकर उनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करते थे। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
संवाद सहयोगी, नवगछिया। नवगछिया पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नवगछिया के नया टोला स्थित एक किराए के मकान से दो अंतरराज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है।
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आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद
साथ ही इनके पास से भारी मात्रा में आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 9 एंड्रॉयड मोबाइल फोन, 18 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, एक कैंटीन कार्ड, दो टैबलेट, 7 विभिन्न बैंकों की चेकबुक, तीन आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आईडी कार्ड, एक जिओ राउटर सहित अन्य कई उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं।
एसडीपीओ ओमप्रकाश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नया टोला में स्थित रोशन सिंह के किराए के मकान में लगातार चार-पांच अज्ञात लोगों का आना-जाना हो रहा है, जिससे शक के आधार पर पुलिस ने छापामारी की और दोनों साइबर अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
ऑनलाइन गेमिंग एप की आड़ में ठगी का खेल
गिरफ्तार साइबर अपराधी खुद को ‘Readybook.blue’ नामक ऑनलाइन गेमिंग एप से जुड़े होने का दावा कर रहे थे, लेकिन पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि ये आरोपी एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह से जुड़े हैं। ये व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से ठगी को अंजाम देते हैं।
ये लोग गरीब और अनजान लोगों से 20,000 रुपये तक देकर उनके बैंक पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड और अन्य दस्तावेज किराए पर लेते थे और फिर उनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए करते थे।
अन्य आरोपियों की तलाश में छापामारी जारी
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने पांच अन्य साथियों के नाम उजागर किए हैं, जिनमें सहरसा, बोकारो और झारखंड के अन्य जिलों के अपराधियों के नाम शामिल हैं। पुलिस अब इन्हें भी गिरफ्तार करने के लिए प्रयासरत है।
एसडीपीओ ओमप्रकाश कुमार ने बताया कि मकान मालिक रोशन सिंह की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यदि उसकी संलिप्तता पाई जाती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार अपराधियों को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी, ताकि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके।
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