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    ना दोस्तों ने साथ दिया, ना परिवार वालों ने... तड़प-तड़पकर मर गया भागलपुर का छोटू कुरैशी

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 06:52 PM (IST)

    भागलपुर के बबरगंज में छोटू कुरैशी नामक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से वह घायल हो गया था। दोस्तों ने उसे अस्पताल पहुंचाने की जगह घर छोड़ दिया जहाँ परिवार वालों ने भी उसे तड़पता हुआ छोड़ दिया। अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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    रेलवे लाइन पार करते ट्रेन की चपेट में आया छोटू कुरैशी, दोस्तों ने अस्पताल के बजाय पहुंचा दिया था घर

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। बबरगंज थानाक्षेत्र के मोगलपुरा निवासी छोटू कुरैशी को उसके दोस्तों और घरवालों ने तड़पता छोड़ मौत के मुंह में ढकेल दिया था। रेलवे पटरी पर दोस्तों के साथ बैठे छोटू कुरैशी रेलवे लाइन पार करते समय 28 जुलाई 2025 को ट्रेन की चपेट में आ गया था। जिस क्रम में उसके पेट और पीठ पर चोट आई थी।  एक पांव भी कटकर अलग हो गया था।

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    उसे जख्मी हालत में तब उसके साथ वहां मौजूद दोस्तों ने उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाए उसके घर पर लाकर बेड पर लिटा दिया था। तब उन दोस्तों में एक ने उसे घर लाए जाने और वहां परिजनों के समक्ष होने वाली बातचीत का वीडियो बनाया था। वह वीडियो बबरगंज पुलिस के हाथ लग गई।

    जिसके अवलोकन बाद एसएसपी हृदय कांत के निर्देश पर सिटी डीएसपी-टू राकेश कुमार ने घटनाक्रम पर पड़े रहस्य से पर्दा उठाते हुए कहा कि छोटू कुरैशी की हत्या नहीं हुई थी। ट्रेन की चपेट में आकर वह जख्मी हो गया था। उसे दोस्तों ने जख्मी हालत में ही उसे घर पहुंचा दिया था। दोस्तों ने घर पर उसकी मौजूदगी का वीडियो बनाया था।

    उस क्रम में एक दोस्त ने उसे कहा देख छोटू तेको हमलोग सुरक्षित घर पहुंचा दिया न भाय... हालांकि संवेदनहीन दोस्तों ने छोटू को बुरी तरह जख्मी हालत में होने पर अस्पताल ले जाने के बजाय उसे घर पर पहुंचा दिया। जहां उसके घर वालों ने भी उसे गेंदरा ओढ़ा तड़पता छोड़ दिया, लेकिन अस्पताल ले जाना उचित नहीं समझा।

    जिसके बाद अत्यधिक खून निकल जाने से छोटू कुरैशी ने तड़पता हुए दम तोड़ दिया। घरवालों ने छोटू के क्षत-विक्षत शव को पास के कब्बाली मैदार के समीप तालाब के पास फेंक दिया। अस्पताल में भर्ती नहीं करा उसे मरता छोड़ देने वाले पिता और उसके भाई का हृदय जरा भी नहीं पसीझा कि उसके सामने तड़प रहा उसका भाई, उसका बेटा है।  जो अस्पताल ले जाए जाने पर बच सकता है, लेकिन जाने ऐसी कौन सी परिस्थितियां थी जिस वजह से जख्मी छोटू को परिजन अस्पताल नहीं ले जा सके।

    जिंदा हालत में तड़पते छोटू को मरने छोड़ देने वाले परिजन और उसके दोस्तों ने हत्या से कम अपराध शायद नहीं किया। यही नहीं पुलिस को भी गुमराह किया।

    डीएसपी सिटी- टू राकेश कुमार और बबरगंज थानाध्यक्ष रविशंकर कुमार ने अपने तंत्र का प्रयोग करते हुए यह पता कर लिया कि घटनाक्रम की उसके दोस्तों में एक ने वीडियो बनाई थी। घटनाक्रम में जांच के लिए बुलाई गई फॉरेंसिक जांच टीम ने भी प्रारंभिक जांच में उसे हादसा बताया था। अब बबरगंज पुलिस मामले में यूडी केस दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है। मौके पर मौजूद छोटू के दोस्तों पर भी रिपोर्ट दर्ज करने की संभावना जताई जा रही है।