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    कछुआ पकड़ा तो सात साल तक की होगी जेल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 21 Feb 2021 03:00 AM (IST)

    कछुआ को पकड़ने पर सात साल की सजा हो सकती है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार शेडयूल वन के जानवर सहित कछुआ को पकड़ना बेचना और पालना व खाना कान ...और पढ़ें

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    कछुआ पकड़ा तो सात साल तक की होगी जेल

    भागलपुर । कछुआ को पकड़ने पर सात साल की सजा हो सकती है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार शेडयूल वन के जानवर सहित कछुआ को पकड़ना, बेचना और पालना व खाना कानूनन जुर्म है। ऐसे लोगों पर वन विभाग कार्रवाई करेगा। वन विभाग ने हाल के दिनों में 16 कछुआ को कारोबारी से मुक्त कराया है। इन कछुआ का इलाज सुंदरवन स्थित कछुआ सेंटर में पशुपालन पदाधिकारी डॉ. संजीत कुमार के नेतृत्व में चल रहा है। कछुआ के स्वस्थ होने पर इसे गंगा नदी में छोड़ा जाएगा।

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    सुंदरवन में होता है कछुआ का इलाज

    कछुआ गंगा नदी का सफाई कर्मी है। यह गंगा में फेंके गए सड़े-गले चीजों को खाकर सफाई करती है। इसको लेकर वन विभाग ने सुंदर वन में कछुआ सेंटर खोला है। इसकी स्थापना पिछले वर्ष हुई थी। भागलपुर सहित आसपास के जिलों से कछुआ मुक्त कराकर सेंटर में रखकर इलाज किया जाता है। कछुआ के स्वस्थ होने के बाद उसे गंगा नदी की सफाई के लिए छोड़ दिया जाता है। पिछले सप्ताह दो कछुआ को नवगछिया से लाकर इलाज किया जा रहा है। अभी दोनों कछुआ मिट्टी के अंदर है। बाहर निकलने पर उसे गंगा नदी में छोड़ा जाएगा।

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    डॉल्फिन के कारण कछुआ को संरक्षण

    लॉकडाउन के दौरान गंगा नदी का पानी काफी हद तक साफ व निर्मल हुआ है। इसके चलते काफी संख्या में कछुओं को गंगा नदी में देखा गया। इसकी संख्या में बढ़ोत्तरी भी हुई है। सुल्तानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र रहने के कारण इस क्षेत्र में कछुआ के संरक्षण और संवर्धन को भी बल मिला है। इस क्षेत्र में कछुआ की तीन प्रजाति है, जो सैकड़ों की संख्या में देखी जा रही है। इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

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    मछुआरों पर वन विभाग की नजर

    गंगा नदी में कछुआ को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग की नजर है। वन विभाग द्वारा गश्ती टीम गठित कर मछुआरों पर नजर रखी जा रही है। विभाग द्वारा लगातार गंगा नदी में गश्ती की जा रही है।

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    कोट..

    कछुआ का बेचना और पालना दोनों कानूनन जुर्म है। पकड़े जाने पर सात साल की सजा हो सकती है। दस दिनों में 16 कछुआ को मुक्त कराकर इलाज किया जा रहा है। ठीक होने पर उसे गंगा नदी में छोड़ा जाएगा।

    डॉ. संजीत कुमार, पशु चिकित्सक, वन विभाग