Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीएफ का चुपके से घटाया चार प्रतिशत ब्याज, पूछा तो मिली यह प्रतिक्रिया

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 08:53 AM (IST)

    तिमांविवि में पीएफ अकाउंट का ब्याज दर घटा दिया गया है। बैंक से पूर्व में मिलता था आठ प्रतिशत ब्याज। एनपीएस का भी उलझा हुआ है मामला। यह गंभीर मामला है। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे लोग रणनीति तय करेंगे।

    Hero Image
    तिमांविवि में पीएफ का ब्‍याज घटा दिया है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकमाांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) तीन सौ से ज्यादा कर्मियों का बैंक ने चुपके से पीएफ का ब्याज दर घटाकर आठ प्रतिशत से चार प्रतिशत कर दिया है। पीएफ में कर्मचारियों का 10 प्रतिशत अंशदान जमा होता है। आश्चर्य की बात है कि यह मामला कुछ दिनों पूर्व कर्मचारी संघ को इस बात की जानकारी हुई। यह ब्याज दर कुछ माह पूर्व नहीं बल्कि कई वर्षों पहले ही घटा दिया गया था, किंतु इसकी सुध ना तो तत्कालीन अधिकारियों ली और ना किसी को इस बात का पता चला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मामले में कर्मचारी संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्व में ही लिखकर दिया है। संघ के महासचिव रंजीत कुमार ने कहा कि इस संबंध में कुलसचिव से मिलकर अपनी बात रखी जाएगी। ब्याज दर घटाने का मामला गंभीर है। यदि इस मामले का समाधान नहीं हुआ तो वे लोग आगे की रणनीति तय करेंगे। इस मामले की जानकारी होने पर कर्मचारी नेताओं की मांग पर पूर्व एक एक अधिकारी ने बैंक अधिकारियों से जानकारी ली थी। उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से बात करने की की बात कही थी। बावजूद मामला जस का तस पड़ा हुआ है।

    उधर, 2005 सितंबर के बाद नियमित कर्मियों न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए प्राण नंबर दिया गया है। विश्वविद्यालय की लेटलतीफी के कारण विश्वविद्यालय कर्मियों का नवंबर 2021 से प्राण नंबर तैयार हुआ है। तब से ही एनपीएस के खाते में कर्मियों का अंशदान जमा हो रहा है। 2017 से अब तक टीएमबीयू में सौ से ज्यादा कर्मी नियुक्त हुए हैं। बावजूद कई कालेजों ने कर्मियों के अंशदान की कटौती कर जमा नहीं किया। अब सरकार ने विश्वविद्यालय को कालेज कर्मियों का अंशदान जमा करने का निर्देश दिया है।

    बड़ी समस्या है कि कालेजों द्वारा अंशदान नहीं काटे जाने के कारण अब शिक्षकों को एक मुश्त राशि जमा करनी होगी। अन्यथा विश्वविद्यालय अपना अंशदान जमा नहीं करेगी। वर्तमान में कर्मियों का बेसिक पे और मंहगाई भत्ता का 10 प्रतिशत अंशदान कटौती होती है, जबकि 10 प्रतिशत विश्वविद्यालय को अंशदान के रूप में एनपीएस खाते में जमा करना होता है।

    इस मामले की जानकारी ली जाएगी। एनपीएस के बारे में भी पूरी जानकारी ली जाएगी। समस्याओं का उचित समाधान किया जाएगा। - प्रो. जवाहर लाल, कुलपति टीएमबीयू