TMBU : फर्जी पंजीयन पर पास कर ली स्नातक परीक्षा, College ने साधी चुप्पी
TMBU विश्वविद्यालय की एक बार फिर गरिमा ठेस पहुंची है। एक छात्र ने फर्जी पंजीयन के आधार पर स्नातक की परीक्षा पास कर ली। मामले की जानकारी होने पर कॉलेज प्रशासन चुप है।
भागलपुर [बलराम मिश्र]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में स्नातक विज्ञान (प्रतिष्ठा) के एक फर्जी पंजीयन नंबर का मामला सामने आया है। यह सत्र 2013-16 की बात है। इसी पंजीयन नंबर पर टीएमबीयू से संबद्ध एसएस कॉलेज, मेहुस के छात्र आभास कुमार चौधरी ने स्नातक तीनों खंडों की परीक्षा भी पास कर ली है। सात वर्षों में किसी स्तर पर गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई। जब छात्र अपना मूल प्रमाण-पत्र लेने टीएमबीयू पहुंचा तो उसका पंजीयन नंबर रिकॉर्ड में नहीं मिला। इस जानकारी के बाद हड़कंप मच गया है।
कॉलेज ने भी साधी चुप्पी : छात्र आभास के मुताबिक एक व्यक्ति की मदद से उसने एसएस कॉलेज, मेहुस में नामांकन लिया था। उस समय उसे पंजीयन संख्या 1304400000/13 जारी किया गया था। उसने आरडी कॉलेज, शेखपुरा और एसजीएम कॉलेज, शेखपुरा में स्नातक की परीक्षाएं दी थीं। पार्ट वन की परीक्षा के बाद टीएमबीयू ने उसे अंक पत्र जारी किया था। उसमें पंजीयन नंबर अंकित ही नहीं था।
पूर्व में भी पकड़े गए हैं ऐसे कई मामले : टीएमबीयू में पहले भी कई फर्जी पंजीयन के मामले पकड़े गए थे। कुछ वर्ष पूर्व परीक्षा नियंत्रक अरुण कुमार सिंह ने अपने कक्ष में ही फर्जी अंक पत्र के साथ एक छात्र को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। उसने फर्जी अंक पत्र और पंजीयन जारी करने वाले गिरोह के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां दी थीं। इससे विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था।
दाव पर छात्र का कॅरियर : पंजीयन नंबर की जानकारी के लिए जब आभास ने कॉलेज में आवेदन दिया तो वहां से उसे कोई जवाब नहीं दिया गया। तब वह टीएमबीयू पहुंचा। यहां परीक्षा विभाग में भी उसका रिकॉर्ड खंगाला गया, लेकिन उस पंजीयन नंबर का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है। ऐसे में आशंका है कि बड़े गिरोह के चंगुल में छात्र फंस गए हैं। आभास ने बताया कि अब उसका कॅरियर दाव पर है।
पूर्व में भी फर्जी पंजीयन का मामला सामने आया है। छात्र को टीएमबीयू से प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। इस मामले की भी जांच कराई जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक
मामले की जानकारी नहीं है। यदि छात्र आता है तो रिकॉर्ड चेक कराया जाएगा। यदि छात्र ने अन्य माध्यम से नामांकन कराया होगा तो फर्जी पंजीयन जारी होना बड़ी बात नहीं है। - डॉ. राम प्रकाश सिंह, प्राचार्य, एसएस कॉलेज, मेहुस