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TMBU: कोरोना वायरस भी नहीं रोक सका लैब में शोध और उत्पादन कार्य, जानिए

TMBU शोधार्थियों के जुनून को सलाम प्रधान विज्ञानी के मार्गदर्शन में कर रहे हैं काम। बोले शोधार्थी आपदा की घड़ी में भी काम पर डटे रहने की होती है जरूरत। टिशू कल्चर लैब में शोध एवं बांस पौधे के उत्पादन का कार्य निरंतर चल रहा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 06:40 AM (IST)
TMBU: कोरोना वायरस भी नहीं रोक सका लैब में शोध और उत्पादन कार्य, जानिए
तिमांविवि के टिशू कल्चर लैब में शोध एवं बांस पौधे के उत्पादन का कार्य निरंतर चल रहा है।

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। कोरोना वायरस के इस आपदा काल में जहां लोग जान बचाने के लिए अपने अपने घरों में दुबके हुए हैं, वहीं टीएनबी कॉलेज के बॉटनी विभाग के टिशू कल्चर लैब में शोध एवं बांस पौधे के उत्पादन का कार्य निरंतर चल रहा है। कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए इस प्रयोगशाला को हर दूसरे दिन खोला जाता है। जहां एक तिहाई संख्या के साथ ही यहां काम करने शोधार्थी, शोधकर्ता और सहायक कर्मी आते हैं। वे यहां पूरी तन्मयता के साथ शोध और उत्पादन का काम कर रहे हैं

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लैब को किया जाता है स्टे रिलाइज

कोरोनावायरस के बचाव के लिए लैब को केमिकल और अल्ट्रावायलेट किरणों से स्टेरलाइज किया जाता है। लैब में प्रवेश करने के पूर्व सभी कर्मियों के कपड़े भी नियमित रूप से स्टेरलाइज की जाती है, तभी उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाती है।

राष्ट्रीय स्तर पर मानक प्रयोगशालाओं में है शामिल

टीएमबीयू का यह टिशू कल्चर लैब राज्य का एक ऐसा इकलौता लैब है जो भारत सरकार के राष्ट्रीय बांस मिशन के मानक प्रयोगशालाओं में शामिल है। यहां प्रतिवर्ष 300000 बांस के गुणवत्तापूर्ण एवं रोग रहित पौध तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है।

इन पांच मानक किस्मों का पौध होता है तैयार

यहां के लैब में पांच उच्च कोटि के बांस के पौधे तैयार किए जाते हैं , जिसमें बंबुसा बालकोआ, बंबुसा टूलडा, डेंड्रोकलामस स्टॉक्सी, डेंड्रोकलामस हामिलटोनाई और डेंड्रोकलामस अस्पर डेंड्रोकलामस सिक्किमिएंसिस शामिल है।यहां के उच्च गुणवत्ता पूर्ण बांसों के उत्पादन के प्रोटोकॉल का मानकीकरण कर लिया है तथा और भी कई गुणवत्ता पूर्ण बांसो के उत्पादन का प्रोटोकॉल का मानकीकरण किये जा रहे हैं।  

यह शोधार्थी आपदा काल में भी कर रहे हैं काम

प्रयोगशाला मैं कार्यकुशल शोधार्थी डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. रोहित कुमार, सुनीता कुमारी, आशीष रंजन, स्वाति कुमारी, जागृति कुमारी, श्रुति कुमारी, अंशु कुमारी, अस्मिता आनंद, राधा कुमारी, राजेश कुमार, संजीव कुमार व अन्य सहायक कर्मी निडर होकर पूरी तन्मयता के साथ काम कर रहे हैं।

बांस राज्य में हरियाली बढ़ाएगा।पर्यावरण को शुद्ध बनाएगा।कोरोनावायरस के इस संकट काल में घर आए प्रवासी मजदूरों को सरकार बांस के जरिए कुटीर उद्योग भी उपलब्ध कराएगी जिससे उनके आर्थिक उन्नति का नया द्वार खुलेगा। - प्रो.एके चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक टिशू कल्चर लैब टीएनबी कॉलेज भागलपुर।


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