मां के दूध में इम्युनिटी भरपूर, नवजात को कराएं स्तनपान, फायदे ही फायदे, जानिए...
स्तनपान के अनेक फायदे हैं। नवजात शिशु को मां का दूध जरूर पिलानी चाहिए। जानें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ श्रेया यादव व अनिता कुमारी की राय। कहा-इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
भागलपुर [अभिषेक कुमार]। कोरोना काल में हर कोई इम्युनिटी बढ़ाने में लगा है। बाजार में तरह-तरह के इम्युनिटी बूस्टर बिक रहे हैं, साथ ही लोग घर पर भी काढ़ा से लेकर तमाम उपाय कर रहे हैं। लेकिन अगर प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर की बात करें तो वो है मां का दूध। मां के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व केवल बचपन में ही नहीं बल्कि जीवन भर इम्युनिटी देता है।
नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा युक्त मां दूध (कोलेस्ट्रम) संपूर्ण आहार होता है। जिसे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा छह माह तक नियमित रूप से स्तनपान कराते रहना चाहिए।
इस साल नहीं हो सका जागरुकता कार्यक्रम
स्तनपान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1991 में की गई थी। हर साल इसे एक नए विषय के साथ मनाया जाता है। लेकिन, इस बार कोरोना संकट के कारण जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सका।
स्तनपान कराने वाली माताएं इन चीजों का करें सेवन
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ
प्रोटीन का सेवन शिशु के विकास को पोषण देने और उसको हेल्दी रखने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली माताओं को अक्सर अपने दैनिक आहार में 25 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इसके लिए डेयरी उत्पाद, दाल, फल आदि का सेवन करें।
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
माताओं और बच्चे में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। लोहे का सबसे अच्छा स्रोत हरी पत्तेदार सब्जियां, पके फल, मटर, काजू, कद्दू के बीज आदि भी हैं।
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ
स्तनपान कराने वाली मां के लिए प्रति दिन लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आदर्श सिफारिश है। यह हड्डी, दांत और मांसपेशियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए दूध, घी, छाछ, दही, और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
गैलेक्टागोग्स
स्तन के दूध की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की जाने वाली किसी भी जड़ी-बूटी, भोजन या दवा को गैलेक्टागोग्स के रूप में जाना जाता है। इसके लिए साबुत अनाज जैसे जई और जौ, अजवाईन के बीज आदि का सेवन करना चाहिए।
स्तनपान कराने के ये हैं फायदे
-मां और बच्चे के बीच का संबंध और प्रगाढ़ होता है।
-बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि होती है।
-बाहर का दूध पिलाने से संक्रमण का खतरा रहता है।
-स्तनपान कराने वाली महिलाओं में गांठ बनने की संभावना कम रहती है।
-यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अब भी आगे
स्तनपान कराने में अब भी गांव की महिलाएं शहर की महिलाओं से आगे हैं। एक शोध के अनुसार, 83 फीसद माताएं बच्चे के जन्म के तुरंत बाद स्तनपान करा लेती हैं, जबकि 57 फीसद छह महीने बाद अपने बच्चों को पालना शुरू करती हैं।
मां का दूध बच्चे के लिए पचने योग्य होता है। मां को अपना दूध बच्चे को केवल छह माह तक ही पिलानी चाहिए। उससे जीवाणु या वायरल संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। मां का दूध सेवन करने वाले बच्चे को जठरांत्र संबंधी बीमारियों से रक्षा करता है। पेट दर्द और दस्त कम होता है। - डॉ श्रेया यादव, स्त्री रोग विशेषज्ञ
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मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है। साथ ही पचने में त्वरित और आसान होता है। हाल के वर्षों में स्तनपान को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है। -डॉ. अनिता कुमारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ।