बदलेगा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का स्वरूप, अब ट्रेड सेक्टर में भी मिलेगा ऋण
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अब 50 लाख तक मिलेगा निर्माण सेक्टर में ऋण। 20 लाख रुपये तक बढ़ी सर्विस सेक्टर में ऋण की सीमा। 235 लाभुकों को पीएमइजीपी योजना में ऋण देने का है लक्ष्य। इससे इस योजनाओं से लाभ लेने वालों की संख्या बढ़ जाएगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। रोजगार सृजन के दृष्टिकोण केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का स्वरूप अब बदला बदला नजर आएगा। केंद्र सरकार ने अब इस योजना के तहत ट्रेड सेक्टर में ऋण देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैंकों को निर्देश जारी किया जा चुका है। वहीं, निर्माण और सर्विस सेक्टर में ऋण की सीमा भी बढ़ा दी गई है।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि अभी तक निर्माण सेक्टर में अधिकतम 25 लाख रुपये तक ऋण दिया जाता था। अब ऋण की अधिकतम सीमा 50 लाख तक कर दी गई है। सर्विस सेक्टर में ऋण की अधिकतम सीमा दस लाख से बढ़ा कर 20 लाख कर दी गई है। हालांकि, 50 लाख से अधिक ऋण देने के लिए बैंकों की सहमति अनिवार्य होगी। आवेदकों के आवेदन पर बैंकों को 30 दिन के अंदर अपनी सहमति या असहमति प्रकट कर देनी होगी। सहमति देने के बाद 45 दिनों के अंदर लाभुकों को ऋण राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अब आठवीं पास युवाओं को पांच से दस लाख रुपये तक ऋण दिए जाएंगे। दस लाख से अधिक ऋण लेने के लिए आवेदकों का इंटर या उससे उच्च शैक्षणिक डिग्रीधारी होना अनिवार्य होगा। निर्माण सेक्टर में ग्रामीण क्षेत्र के आवेदकों को 35 और शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं, सेवा सेक्टर में ग्रामीण क्षेत्र के लाभुकों को 25 और शहरी क्षेत्र के लाभुकों को 15 प्रतिशत अनुदान दिए जाएंगे।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने कहा कि पहली बार ट्रेड सेक्टर में स्वरोजगार सृजन के लिए युवा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण प्राप्त कर सकेंगे। ट्रेड सेक्टर में भी 20 लाख रुपये तक ऋण ले सकते हैं।
वहीं, पीएमइजीपी -दो के तहत वैसी इकाई जो तीन वर्ष से अधिक समय से संचालित है और बैंक की सारी राशि लौटा दी हो, कभी उनका खाता एनपीए नहीं हुआ है, वैसी इकाई को निर्माण सेक्टर में एक करोड़ और सर्विस सेक्टर में 20 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा।
पीएमइजीपी योजना के तहत जिला में 231 लाभुकों को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहली बार ट्रेड सेक्टर में भी ऋण देने का निर्णय लिया गया है। इसका लाभ व्यवसायियों को भी मिलेगा। सभी जन प्रतिनिधियों से अधिक से अधिक आवेदन सृजन में सहयोग के लिए पत्र लिखा गया है। - संजय कुमार वर्मा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र
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