अब टीवी पर देखिए धरहरा की कहानी, सदियों पुरानी परंपरा के कारण राष्ट्रीय फलक है यह गांव Bhagalpur News
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गांव की परंपरा मालूम हुई तो विश्व पर्यावरण दिवस पर पहली बार 2010 में यहां पहुंचे और गांव की बेटी के नाम पर पेड़ लगाए।
भागलपुर, जेएनएन। नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड का छोटा सा गांव है धरहरा। इस गांव की सदियों पुरानी एक ऐसी परंपरा है, जो बेटियों के जन्म के बहाने मानव और पर्यावरण के संबंध को मजबूत बनाती है। यहां बेटियों के जन्म पर उनके पिता 10 फलदार वृक्ष लगाते हैं। इसके चलते यह गांव विश्व पटल पर छाता चला गया। बीते कुछ वर्षों में आदर्श ग्राम धरहरा ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस गांव को अब पहचान का संकट नहीं है। इस गांव की कहानी अब लोग टीवी पर भी देख सकेंगे। यहां की परंपरा पर मुंबई की फन फोकस के बैनर तले एक सीरियल बना है, जिसका नाम है भाइयों की लाडली। 26 एपिसोड के इस सीरियल का प्रसारण 23 मार्च से डीडी किसान चैनल पर होगा। सीरियल में पेड़ लगाने से बेटियों के पिता की मजबूत होती आर्थिक स्थिति को दिखाया गया है। फिल्म के निदेशक सह लेखक राकेश सिन्हा हैं। इसकेमुख्य कलाकार रितेश उपाध्याय और नायिका फलक खा हैं। धरहरा गांव के पंकज मेहता ने भी कलाकार की भूमिका निभाई है।
नायिका विवाह के पश्चात गांव की परंपरा को लेकर ससुराल जाती हैं। ससुराल में फलदार पौधा को बांट कर लोगों के बीच इस परंपरा की जानकारी देती हैं। इससे पहले 2012 में गणतंत्र दिवस के दौरान दिल्ली के राजपथ पर बिहार की झांकी में भी इस गांव का दृश्य दिखाया गया था।
मुख्यमंत्री भी यहां आकर बेटियों के नाम पर लगा चुके हैं फलदार वृक्ष
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गांव की परंपरा मालूम हुई तो विश्व पर्यावरण दिवस पर पहली बार 2010 में यहां पहुंचे और गांव की बेटी के नाम पर पेड़ लगाए। 2013 तक लगातार विश्व पर्यावरण दिवस पर गांव आकर बेटियों के नाम पर फलदार पेड़ लगाते रहे। कई बार सीएम के यहां आने से गांव की सड़कें, स्कूल, उप स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाएं चकाचक हो गईं।