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    कटिहार: शहर किसी चौराहे पर नहीं जल रहा अलाव, आपदा विभाग को हर रोज भेजी जा रही रिपोर्ट

    कटिहार शहर में अलाव की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। जबकि आपदा विभाग की ओर से हर रोज रिपोर्ट भेजी जा रही है। विभाग की ओर से सार्वजनिक स्थानों रेलवे बस स्टैंड एवं फटपाथ पर जीवन गुजर बसर करने वाले लोगों के लिए अलाव...

    By Abhishek KumarEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 04:21 PM (IST)
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    कटिहार शहर में अलाव की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। सांकेतिक तस्‍वीर।

    जासं, कटिहार। ठंड का प्रकोप धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। शीतलहर को लेकर गरीब एवं असहाय लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था किए जाने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा कंबल वितरण किए जाने का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दिया गया है। मुख्यालय स्तर से मिले निर्देश के बाद जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को कोरोना गाइडलाइन का ख्याल रखते हुए सार्वजनिक स्थानों, रेलवे बस स्टैंड एवं फटपाथ पर जीवन गुजर बसर करने वाले लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था किए जाने संबंधी पत्र जारी किया गया है।

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    आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इसको लेकर जिले को छह लाख की राशि का आवंटन भी किया गया है। मुख्यालय स्तर से हर रोज जलाए गए अलाव एवं वितरित किए गए कंबल से संबंधित प्रतिवेदन तलब किया गया है। प्रशासनिक स्तर से प्रतिदन 10 से 16 स्थानों पर अलाव जलाए जाने की रिपोर्ट पिछले चार दिनों से प्रतिवेदित की जा रही है। लेकिन स्थिति ठीक इसके उलट है। नगर निगम क्षेत्र की बात तो दूर अंचलों में भी गरीब व असहाय लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

    दो दिन पूर्व फलका प्रखंड में दो स्थानों पर अलााव जलाए जाने की महज औपचारिकता भर पूरी की गई। कहीं आवंटन नहीं होने तो कहीं निर्देश संबंधी पत्र प्राप्त नहीं होने की बात कही जा रही है। प्रावधान के तहत राशि आवंटित नहीं हो पाने की स्थिति में भी अंचलाधिकी किसी अन्य मद से इसकी व्यवस्था कर सकते हैं। आवंटन के बाद खर्च की गई राशि को समायोजित किया जाना है। प्रशासनिक स्तर से प्रतिवेदित की गई रिपोर्ट को ही मानें तो 25 दिसंबर को 10 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई। इन स्थानों पर 230 किलो लकड़ी का उपयोग किया गया।

    13 दिसंबर को 13 स्थानों पर अलाव जलाए जाने का रिपोर्ट प्रतिवेदित किया गया। अब तक 69 कंबल वितरित किए जाने की बात रिपोर्ट में कही गई है। 10 स्थानों पर महज 230 किलो लकड़ी का उपयोग अलाव के लिए किए जाने से इसकी औपचारिकता भर पूरी की जाने की बात को ही साबित करता है। हलांकि अभी न्यूनतम तापमान वर्तमान में सात डिग्री सो अधिक है। लेकिन शाम होते ही कनकनी और ठंड का प्रकोप बढऩे लगता है। प्रशासनिक रिपोर्ट में भी अब तक 5927 जनसंख्या शीतलहर से प्रभावित होने की बात कही गई है।

    शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं

    नगर निगम क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई हैँ। गरीब व असहाय लोगों के लिए सदर अस्पताल में रैन बसेरा बनाए जाने की बात कही गई है। लेकिन रैन बसेरा में समुचित सुविधा का अभाव है। अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य होने के कारण रैन बसेरा में असहाय तबके के लोग रात काटने को नहीं पहंच रहे हैं।

    2167 कंबल की हुई है खरीद

    सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा गरीब व असहाय लोगों के बीच वितरण के लिए 2167 कंबल की खरीद की गई है। विभाग क्षरा 630 कंबल वितरित किए जाने की बात कही गई है। 5.80 लाख में

    65 प्रतिशत राशि का आवंटन किया गया है। राज्य सरकार की क्रय नीति के तहत पांच लाख तक की खरीद के लिए तीन सदस्यीय समिति द्वारा अनुमोदन के बाद खरीद की जा सकती है। कंबल की खरीद भी स्थानीय स्तर पर की गई है। अलाव के लिए लकड़ी की खरीद भी स्थानीय लकड़ी गोला से ही किया जाता है। बाजार में वर्तमान में 800 से 900 रूपये प्रति ङ्क्षक्वटल की दर से लकड़ी मिल रही है।

    ठंड को देखते हुए गरीब व असहाय लोगों के बीच वितरण के लिए 2167 कंबल की खरीद की गई है। इसमें 630 कंबल का वितरण किया जा चुका है। चिन्हित लोगों व फूटपाथ पर रहने वाले लोगों के बीच कंबल वितरण का काम किया जा रहा है। -राजीव रंजन, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग