Terror Funding Case: कश्मीर से पूर्वोत्तर वाया सीमांचल नेटवर्क को खंगाल रही NIA, बिहार में स्लीपर सेल एक्टिविटी पर पहले भी हुई है कार्रवाई
Terror Funding Case एनआईए (NIA) ने जहां जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई की वहीं एक दल बिहार के कटिहार भी पहुंचा। यहां नूर अख्तर के घर पर छापेमारी कर अहम सुराग जुटाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो टेरर फंडिंग के मामले में यासीन भटकल से कई जानकारियां मिली हैं जिसके बाद...
नीरज कुमार, कटिहार: Terror Funding Case - टेरर फंडिग को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार 15 जून को जम्मू-कश्मीर में कई जगह छापेमारी की, ऐसी सूचना मिली। वहीं, टीम सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक ही सीमित नहीं रही। एनआईए वहां से लेकर पूर्वोत्तर तक वाया सीमांचल पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। बुधवार को कटिहार, कश्मीर के बारामूला सहित देश के चार स्थानों पर एनआइए ने छापामारी की कार्रवाई की। जिले के बारसोई अनुमंडल अंतर्गत धचना गांव में मदरसा छात्र नूर अख्तर के घर छापामारी को एनआइए की टीम सर्च वारंट के साथ पहुंची थी।
हालांकि, नूर अख्तर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। लेकिन उसके घर से एनआइए द्वारा कुछ कागजात व डायरी बरामद होने की बात कही जा रही है। इस छापेमारी को लेकर नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद हुई हिंसा से भी जोड़ते हुए चर्चा की जाने लगी लेकिन अति गोपनीय इस कार्रवाई में पुलिस ने दोनों विषयों पर किसी प्रकार की पुष्टि नहीं की। एनआईए की छापामारी की इस कार्रवाई के पीछे के कारणों का स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है। लेकिन इस कार्रवाई से इतना तो स्पष्ट है कि इसके पीछे बड़ा कारण है।
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टेरर फंडिंग को लेकर कश्मरी से पूर्वोत्तर के असम तक टेरर फंडिंग केे नेटवर्क को भी खंगालने का काम किया जा रहा है। जिस नूर अख्तर के घर छापामारी की कार्रवाई की गई, उसका एक दोस्त बारसोई क्षेत्र का ही मो. अकील पूर्व में एनआइए के हत्थे चढ़ा है। नूर यूपी के सहारनपुर स्थित एक मदरसा में पढ़ता है। 17 वर्ष तक की उम्र तक नूर ने बारसोई के ही एक मदरसे में पढ़ाई की। इसके बाद वह सहारनपुर चला गया। पिछले आठ माह से नूर के घर नहीं आने की बात भी कही जा रही है।
कट्टरपंथ व उन्माद भड़काने के लिए हो रही टेरर फंडिंग
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के साथ ही उन्माद भड़काने के लिए टेरर फंडिंग की जा रही है। सीमांचल के इलाके से भी राष्ट्रविरोधी ताकतों के तार जुड़े होने तथा स्लीपर सेल के काम करने को लेकर भी इसके पूर्व भी एनआइए की टीम पहुंची है। आइएम सरगना यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर आइएम के सीमांचल में स्लीपर सेल को खंगालने को लेकर एनआइए पहुंची थी। कुछ वर्ष पूर्व दिल्ली स्टेशन पर ब्लास्ट मामले का तार भी यहां से जुड़ा होने की बात सामने आई थी। बांग्लादेश व नेपाल की सीमा से नजदीक होने के कारण से कटिहार सहित सीमांचल का इलाका संवेदनशील माना जाता है।
'एनआइए की टीम सर्च वारंट को लेकर पहुंची थी। स्थानीय पुलिस ने सर्च वारंट के तामिला को लेकर एनआईए को सहयोग किया। सर्च आपरेशन के क्रम में एनआइए को मिले कागजात सहित अन्य दस्तावेज के संबंध में पुलिस को कोई जानकारी है। किस कारण से एनआईए की टीम पहुंची थी, इसको लेकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता। एनआईए का आपरेशन गोपनीय होता है। स्थानीय पुलिस सिर्फ सहयोग करती है।' - जितेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक, कटिहार
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