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भाजपा ने सीमांचल को दिया बड़ा तोहफा, तारकिशोर के रूप में पहली बार सत्ता की ड्राइविंग सीट पर यह क्षेत्र

बिहार की सत्‍ता में इस बार सीमांचल का प्रभाव देखा जा रहा है। कटिहार के विधायक तारकिशोर प्रसाद पहले विधायक दल के नेता बने। वे ही राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री बनाए गए । भाजपा ने सीमांचल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए तारकिशोर को मुख्‍य भूमिका दी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 07:46 PM (IST)
भाजपा ने सीमांचल को दिया बड़ा तोहफा, तारकिशोर के रूप में पहली बार सत्ता की ड्राइविंग सीट पर यह क्षेत्र
कटिहार के विधायक तारकिशोर प्रसाद। जिन्‍हें बिहार का उपमुख्‍यमंत्री बनाया जा रहा है।

कटिहार [प्रकाश वत्स]।  सोमवार का दिन कटिहार ही नहीं पूरे सीमांचल के लिए जश्न का दिन बन गया है। लगभग पांच दशक बाद कटिहार सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद के रुप में सीमांचल सूबे की सत्ता की ड्राइविंग सीट पर बैठ चुके हैं। श्री प्रसाद उप मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले चुके हैं। यह भाजपा की ओर से सीमांचल को बड़ा तोहफा भी माना जा रहा है। इससे पूर्व कटिहार के ही कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चयनित होने वाले व पूर्णिया के लाल स्व. भोला पासवान शास्त्री को तीन बार सूबे की मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने का मौका मिला था।

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सन 1974 से अभाविप के जिला प्रमुख के रुप में सियासी सफर शुरु करने वाले श्री प्रसाद कटिहार सदर विधानसभा सीट से लगातार चौथी जीत दर्ज की है। वे बिहार विधानसभा में सत्तारुढ़ दल के सचेतक भी रहे हैं। इंटर तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजनीति में अपनी पूर्ण सक्रियता रखने वाले श्री प्रसाद सदा से पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के करीबी रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पार्टी के कद्दावर नेताओं से भी उनके बेहतर संबंध रहे हैं। गत कार्यकाल में उनके मंत्री बनने की प्रबल संभावना थी, लेकिन ऐन मौके पर यह मौका जिले के प्राणपुर विधानसभा के पूर्व विधायक दिवंगत बिनोद कुमार सिंह को मिल गया था। इस बार उन्हें मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन वे उप मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं, इसकी कल्पना उनके समर्थकों को भी नहीं थी।

बता दें कि अब तक के इतिहास में एक मात्र स्व. भोला पासवान शास्त्री ही ऐसे शख्स थे, जिन्हें तीन-तीन बार मुख्यमंत्री का पद संभालने का मौका मिला था। इसके अलावा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के कार्यकाल में सीमांचल के कद्दावर नेता तस्लीमउद्दीन मंत्री हुआ करते थे और सत्ता में उनका अपना रसूख हुआ करता था। लालू यादव के लिए भी उनकी अनदेखी कठिन होती थी, परंतु तारकिशोर प्रसाद को मिला यह मौका, निश्चित रुप से भाजपा की ओर से इस परिक्षेत्र को दिया गया बड़ा तोहफा माना जा रहा है।

तारकिशोर की ताजपोशी से बढ़ी सीमांचल की उम्मीदें

बाढ़ व कटाव की समस्या से अभिशप्त सीमांचल की उम्मीदें बढ़ गई है। तारकिशोर प्रसाद के  डिप्‍टी सीएम  बन जाने से  कटिहार समेत पूरे सीमांचल में  लोगों की उम्मीदें विकास को लेकर काफी बढ़ गई है। बता दे कि कटिहार जिले में अब तक बाढ़, कटाव के साथ विस्थापितों के पुनर्वास की समस्याएं मुंह बांए खड़ी है। कृषि आधारित उद्योग की मांग यहां दशकों से होती रही है। इन दोनों समस्याओं को लेकर खुद तारकिशोर प्रसाद भी सदन में आवाज उठाते रहे हैं। ऐसे में उनके उप मुख्यमंत्री बनने से सीमांचल के लोग काफी आशान्वित हैं। 


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