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    भागलपुर की सड़कों से व्यथित हुए स्‍वामी रामभद्राचार्य, उन्होंने बिहार से किया ये बड़ा वादा

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 05 May 2022 11:30 PM (IST)

    पद्मविभूषण जगतगुरु रामानंदाचार्य स्‍वामी रामभद्राचार्य भागलपुर आए हुए थे। उनका कहलगांव में नौ दिनों तक प्रवचन हुआ। उन्‍होंने बिहार की जर्जर सड़कों पर चिंता जताई। उन्‍होंने वादा किया कि वे बिहार की सड़कों को बेहतर बनवाने की दिशा में प्रयास करेंगे।

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    आचार्य रामचंद्र दास और स्‍वामी रामभद्राचार्य महाराज।

    ऑनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। तुलसीपुर, आमोदवन, चित्रकुट, मध्‍यप्रदेश के संत पद्मविभूषण जगतगुरु रामानंदाचार्य स्‍वामी रामभद्राचार्य महाराज का नौ दिवसीय रामकथा भागलपुर में संपन्‍न हो गया। दो मई को कथा संपन्‍न कर तीन मई को वे कहलगांव से सीतामढ़ी के लिए‍ प्रस्‍थान कर गए। यात्रा के क्रम में उन्‍हें बिहार की सड़कों ने काफी व्‍यथित किया। इसकी चर्चा उन्‍होंने रामकथा के दौरान भी की। खासकर भागलपुर से कहलगांव मार्ग की चर्चा  करते हुए उन्‍होंने कहा कि एनएच की ऐसी हालत कल्‍पना से परे है। कैसे लोग यहां इस मार्ग से चलते हैं, यह सोचने वाली बात है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि जर्जर सड़कों को जल्‍द से ठीक कराएं। 

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    स्‍वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि कहलगांव में महर्षि अष्टावक्र के मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्‍होंने स्‍वयं इस मंदिर का शिलान्‍यास किया। शिलान्‍यास के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले ईंट को उन्‍होंने पहले अपने माथे पर रखा, फ‍िर नींव में डाली। उन्‍होंने कहा कि इस मंदिर का उद्घाटन करने वे खुद यहां आएंगे। इसके लिए अगले वर्ष 27 अप्रैल से 5 मई 2023 तक वे कहलगांव (जिला-भागलपुर) में रहेंगे। इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आएंगे। स्‍वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि बिहार की सड़कें काफी बहदाल है। उन्‍होंने कहा यहां की सड़कों की जानकारी वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे। उन्‍होंने बिहार के लोगों से वादा किया कि यहां की सड़कों को बेहतर और गुणवत्‍तापूर्ण बनवाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। कहा कि यहां पता ही नहीं चलता सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क। हमेशा सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। उन्‍होंने कहा कि यात्रा करने से समय सभी सशंकित रहते हैं कि वे सुरक्षित अपने गंतव्‍य तक पहुंच पाएंगे या नहीं। हनुमान चालीसा पढ़ते-पढ़ते लोग यहां यात्रा करते हैं। उन्‍होंने भागलपुर के जदयू सांसद अजय कुमार मंडल से भी कहा क‍ि भागलपुर-कहलगांव मार्ग को जल्‍दी जीर्णोद्धार कराएं। इसके लिए वे मुख्‍यमंत्री से बात करें।  

     

    पद्मविभूषण जगतगुरु रामानंदाचार्य स्‍वामी रामभद्राचार्य के महाराज के उत्‍तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास 'जय महाराज' ने भी सड़कों की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई। उन्‍होंने कहा कि वे कहलगांव से भागलपुर के लिए सड़क मार्ग से गुजर रहे थे। भागलपुर रेलवे जंक्‍शन पर उन्‍हें विक्रमशिला ट्रेन को पकड़ना था। ट्रेन के निर्धारित समय से ढाई घंटे पूर्व वे कहलगांव से निजी चार‍पहिया वाहन से निकले। कहलगांव से भागलपुर रेलवे जंक्‍शन मात्र 35 किलोमीटर है। लेकिन ढाई घंटे में वे वहां नहीं पहुंच सके। उनके पहुंचने के पांच मिनट पूर्व ट्रेन निकल गई।

    इसके बाद उन्‍होंने भागलपुर जिला के भाजपा जिलाध्‍यक्ष रोहित पांडेय से संपर्क किया। उनके प्रयास से उनकी टिकट राजधानी एक्‍सप्रेस में बनी। रोहित पांडेय ने आचार्य रामचंद्र दास को नवगछिया रेलवे स्‍टेशन पहुंचाया। जहां से वे अपने गंतव्‍य की ओर प्रस्‍थान किए।

    आचार्य रामचंद्र दास ने कहा कि राज्‍य का विकास वहां की सड़कों की स्थिति से पता चलता है। सरकार को शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, सड़क, बिजली और पानी पर विशेष ध्‍यान देने की जरुरत है। भागलपुर गंगा तट पर स्थित है। गंगा का प्रदूषण दुर्भाग्‍यपूर्ण है। गीता, गंगा और गाय भारत की पहचान है। इसकी रक्षा करें।