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    भागलपुर सुपर स्पेशियलिटी में पुरानी एजेंसी के 50% कर्मियों को ही मिलेगी नौकरी, शेष अयोग्य

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 02:07 PM (IST)

    भागलपुर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पुरानी एजेंसी के केवल 50% कर्मचारियों को ही नौकरी मिलेगी। अंग विकास परिषद ने अकुशल कर्मियों के कारण सभी को काम ...और पढ़ें

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    सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यरत सभी मानव बल को अंग विकास परिषद द्वारा काम नहीं दिया जाएगा। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने परिषद के प्रतिनिधियों को इस मामले में बुलाया था। परिषद के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि वे पुरानी एजेंसी के सभी कर्मियों को नौकरी नहीं देंगे, केवल 50 प्रतिशत को ही काम पर रखा जाएगा। इस निर्णय के बाद अस्पताल में आंदोलन की संभावना बढ़ गई है।

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    अंग विकास परिषद के प्रतिनिधियों ने डॉ. अजय से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। डॉ. अजय ने बताया कि एजेंसी ने कहा कि वे सभी को काम पर नहीं रखेंगे, क्योंकि उनमें से कई अकुशल हैं।

    उपाधीक्षक ने कहा कि अधीक्षक एवं प्राचार्य ने निर्देश दिया है कि सभी को नौकरी दी जाए, लेकिन जो अकुशल हैं, उनके काम की समीक्षा की जाए। यदि वे मरीजों के लिए बेहतर कार्य नहीं करते हैं, तो उन्हें नोटिस देकर हटा दिया जाएगा। परिषद के प्रतिनिधियों ने इस पर चार बार बैठक की और अंततः कहा कि वे सभी को काम पर नहीं रख सकते।

    अस्पताल में पुरानी एजेंसी अंतरा के कर्मी कार्यरत थे, जिनमें ड्रेसर, टेक्नीशियन, काउंसलर आदि शामिल हैं। ये लोग पहले से कहीं और काम कर रहे थे और पुरानी नौकरी छोड़कर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में योगदान दे रहे थे। अब केवल तीस से अधिक लोगों को नौकरी मिलने की संभावना है, जबकि शेष कर्मियों के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

    अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार से उपाधीक्षक डॉ. अजय ने मुलाकात की और अस्पताल की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब तक एजेंसी पूरी तरह से काम नहीं संभाल लेती, तब तक 15 से 20 मानव बल की मांग की गई है। अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि एक से दो दिन में यह उपलब्ध कराया जाएगा।

    इलाज की मिली सुविधा

    सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों को इलाज की सुविधा मिली। उपाधीक्षक डॉ. अजय ने बताया कि एक मरीज का डायलिसिस किया गया। कार्डियोलॉजी का ओपीडी भी संचालित हुआ, जिसमें कई मरीज आए। जहां मानव बल की कमी थी, वहां दूसरे विभाग से कर्मियों को भेजा गया, जिससे मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

    परिषद ने 50 प्रतिशत मानव बल लेने की बात कही है। इस मामले में बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसी की नौकरी नहीं जाए, इसके लिए प्रयास जारी है। - डॉ. संदीप लाल, प्राचार्य, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज