Move to Jagran APP

रेलवे की फाइल में जिंदा है सुल्तानगंज-देवघर-बांका लाइन, केंद्रीय बजट में इस रेल लाइन को मिले महज 44 हजार

सुल्तानगंज-देवघर-बांका-बरहट और बथनी रोड रेललाइन का कायाकल्प अब तक नहीं हो सका है। 147 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के निर्माण के लिए 5.18 अरब का बजट था। इस बार महज 44 हजार रुपये आवंटित करना ऊंट के मुंह में जीरा जैसी कहावत की तरह है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 09:20 AM (IST)
सुल्तानगंज-देवघर-बांका-बरहट और बथनी रोड रेललाइन का कायाकल्प अब तक नहीं हो सका है।

 भागलपुर [रजनीश]। 11 वर्ष में भले ही सुल्तानगंज-देवघर-बांका-बरहट और बथनी रोड तक एक मीटर रेल पटरियां नहीं बिछी हैं, लेकिन रेलवे की फाइल में यह परियोजना अभी भी जीवित है। एक फरवरी को पेश हुए 2021-22 के आम बजट में इस योजना पर महज 44 हजार की राशि निर्गत की गई है। इस योजना पर एक बार में कभी भी बड़ी राशि निर्गत नहीं हो सकी है। रेलवे ने एक बार लोगों में आस जागने के लिए मामूली फंड रिलीज कर कोरम पूरा करने का काम किया है। रेलवे हर साल बजट में कुछ न कुछ राशि इसके लिए आवंटित करती रही है। अब इस योजना की लागत भी एक अरब से ज्यादा बढ़ गई है। 147 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के निर्माण के लिए 5.18 अरब का बजट था। अब इसका खर्च बढ़कर 6.31 अरब तक पहुंच गया है। ऐसे में महज 44 हजार रुपये आवंटित करना ऊंट के मुंह में जीरा जैसी कहावत की तरह है।

loksabha election banner

तीन जिलों और झारखंड को जोड़ेगी नई लाइन

इस प्रोजेक्ट पर आम बजट में महज 44 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह रकम देकर रेलवे ने लोगों को सिर्फ भरोसा दिया गया है कि इस प्रोजेक्ट पर अभी भी रेलवे की नजर है। देवघर-सुल्तानगंज, बांका-बरहट और बांका से बथनी रोड 147 किमी लंबी बड़ी रेल लाइन बनने की घोषणा 2008-09 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने की थी। घोषणा के कई वर्षों बाद तक राशि नहीं मिली। 2019-20 की बजट में 31.74 हजार रुपये का फंड दिया गया। इसी तरह 2020-21 आम बजट में एक हजार रुपये स्वीकृत कर प्रोजेक्ट पर जख्म पर मरहम लगाने की तरह है। इस बार राशि बढ़ाकर 44 हजार कर दी गई है। यह लाइन भागलपुर, मुंगेर, बांका जिले के अलावा झारखंड के देवघर जिले को जोडग़ी।

आस लगाए बैठी है बड़ी आबादी

नई लाइन के लिए लगभग पांच सौ एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जमीन भागलपुर व बांका जिले में है। कटोरिया, बेलहर, शंभूगंज, फुल्लीडुमर, अमरपुर इलाके के हजारों की आबादी वर्षों से रेल आने की आस लगाए बैठे हैं। सुल्तानगंज -देवघर नई रेल लाइन का काम एक दशक बाद भी शुरू नहीं हो सका है। इस बार आम बजट से लोगों को उम्मीदें थी, पर उस पर सिर्फ मरहम लगाया गया।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.