Srijan scam Bhagalpur update: बीओआइ और इंडियन बैंक ने चेक की जानकारी के लिए मांगा समय
Srijan scam Bhagalpur update जिला नजारत शाखा का 220 करोड़ गया था सृजन के खाते में। पूर्व नाजिर ओम श्रीवास्तव के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही। जिला न ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Srijan scam Bhagalpur update: सृजन घोटाला मामले में जिला नजारत शाखा के पूर्व नाजिर ओम श्रीवास्तव से संबंधित सुनवाई सोमवार को हुई। अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) अरुण कुमार सिंह के यहां चल रही सुनवाई के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। बैंक के प्रतिनिधियों ने एक चेक की जानकारी तो उपलब्ध करा दी, लेकिन एक और चेक के संबंध में कुछ दिनों की मोहलत मांग ली। बैंक के प्रतिनिधियों का कहना था कि हड़ताल की वजह से दूसरे चेक से संबंधित जानकारी नहीं मिल पाई है। अगली सुनवाई के दौरान पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। विभागीय जांच अधिकारी ने बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक से चेक से संबंधित जानकारी मांगी थी। बैंक से मांगा गया था कि ओम श्रीवास्तव जब नजारत के नाजिर थे, तब कितने चेक बैंक को भेजा गया। चेक में दर्ज राशि कहां गई। चेक पर किसके हस्ताक्षर थे।
जिला नजारत शाखा के पूर्व नाजिर ओम श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने चार चेक को न तो खुद बैंक में जमा किया और न ही मैसेंजर के माध्यम से बैंक में जमा कराया। चारो चेक अमरेंद्र यादव के माध्यम से बैंक भेजा गया था। जिस समय ओम श्रीवास्तव अमरेंद्र यादव के माध्यम से बैंक में चेक जमा कराया था, उस समय वह जिला नजारत शाखा में कार्यरत नहीं था। अमरेंद्र उस वक्त विकास शाखा में कार्यरत था। आशंका जताया जा रहा है कि अमरेंद्र यादव से चेक भिजवाना उनकी घोटाले में संलिप्तता जाहिर कर रही है। इस मामले में ओम श्रीवास्तव के विरुद्ध आरोपपत्र गठित किया जा चुका है। सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ ओम श्रीवास्तव से दिल्ली में पूछताछ कर चुकी है। नजारत के मामले में वहां के पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव भी पटना के बेउर जेल में बंद हैं। करीब 220 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध निकासी जिला नजारत शाखा के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से की गई है। सृजन घोटाले की पहली प्राथमिकी जिला नजारत शाखा द्वारा ही दर्ज कराई गई है। 12 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित जांच के दौरान सृजन घोटाला उजागर हुआ था। इसके बाद अन्य विभागों की जांच शुरू हुई थी और घोटाला उजागर हुआ था।

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