Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Speed Post Document Tariff: जानें, डाकघर में स्पीड पोस्ट के नए नियम, OTP के साथ कर सकेंगे रियल टाइम ट्रैकिंग

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:31 AM (IST)

    Spped Post Document Tariff इंडिया पोस्ट डाक विभाग की 171 साल पुरानी रजिस्ट्री सेवा बंद हो गई है। डाकघरों में अब सिर्फ स्पीड पोस्ट हो रहा है। रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है। यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। वर्ष 1854 में रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा चलन में आया था।

    Hero Image
    Spped Post Document Tariff: इंडिया पोस्ट, डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Spped Post Document Tariff इंडिया पोस्ट, डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। डाकघरों में चल रही 171 साल पुरानी रजिस्ट्री पोस्ट सेवा बंद कर दी गई है। डाकघरों में अब रजिस्ट्री पोस्ट सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है। यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। ग्राहकों को केवल स्पीड पोस्ट की सुविधा उपलब्ध है। अब प्रधान डाकघर सहित सभी डाकघरों में रजिस्ट्री काउंटर का उपयोग दूसरे कार्यों में किया जा रहा है। डाक विभाग का मानना है कि इस निर्णय से डाक सेवाएं तेज, सुविधाजनक और आधुनिक बनेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्पीड पोस्ट के नए नियम व दर 

    पोस्ट आफिस में स्पीड पोस्ट के नए नियम व दर लागू की गई है। इसके मुताबिक अब इंडिया पोस्ट ने स्पीड पोस्ट के साथ ओटीपी डिलीवरी और रियल टाइम ट्रैकिंग को भी जोड़ दिया है। इसके जरिये आम आदमी घर बैठे कभी भी अपने पोस्ट की सही और ताजा जानकारी हासिल कर सकता है। स्पीड पोस्ट की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के यह सुविधा मोबाइल पर प्राप्त की जा सकती है।

    स्पीड पोस्ट पर कितना आएगा खर्च

    डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि स्पीड पोस्ट के खर्च की बात करें तो 50 ग्राम तक के पार्सल के लिए दूरी के हिसाब से 200 किलोमीटर से ऊपर 35 रुपये, जबकि 200 ग्राम तक के पार्सल के लिए दूरी के हिसाब से 40 से 70 रुपये तक शुल्क ग्राहकों को देना होगा। 201 से 500 ग्राम तक के पार्सल के लिए 50 से 90 रुपये तक और हर 500 ग्राम अतिरिक्त वजन पर 15 से 50 रुपये तक अतिरिक्त शुल्क स्पीड पोस्ट के लिए तय किया गया है।

    इस कारण बंद हुई रजिस्ट्री

    दूसरी ओर इस निर्णय को इस तरह से देखा जा रहा है कि रजिस्ट्री पोस्ट पर डाक विभाग को अधिक खर्च आ रहा है। यानी, रजिस्ट्री पोस्ट रिटर्निंग उतने ही पैसों में होता है, जितने में बुकिंग होती है। रजिस्ट्री पत्र लौटने पर इसका खर्च विभाग को वहन करना पड़ता है। डाक विभाग के अधिकारी के अनुसार रजिस्टर्ड पोस्ट का उपयोग भी लगातार घट रहा है। इसके चलते भी स्पीड पोस्ट के साथ मर्ज करने का फैसला लिया गया है।

    रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा की शुरुआत साल 1854 में हुई थी। इस सुविधा के तहत ग्राहकों को डिलीवरी का सबूत और रिसीवर के हस्ताक्षर मिलते थे। अब वही सुविधाएं स्पीड पोस्ट में भी उपलब्ध होगी। अंतर सिर्फ इतना है कि स्पीड पोस्ट अपनी तेज डिलीवरी के लिए जानी जाती है और इसमें पार्सल पते पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को सौंपा जा सकता है। जबकि रजिस्टर्ड पोस्ट केवल नामित व्यक्ति को ही दी जाती थी।

    प्रधान डाकघर के डाकपाल सुबोल सिंह ने बताया कि रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दिया गया  है, मुख्यालय से इसके लिए दिशा निर्देश प्राप्त हो गया है। विधिवत सूचना  पत्र प्राप्त होने के बाद नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब ग्राहक अपने पार्सल को स्पीड पोस्ट के जरिये अंतर जिला के साथ ही देश के दूसरे राज्यों में सहजता से भेज रहे हैं।