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    Bhagalpur News: मोर्चरी में सिर्फ चार शव रखने की जगह, लाशों की दुर्गंध से मरीज बेहाल

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 09:32 AM (IST)

    भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थित मोर्चरी में शवों की संख्या अधिक होने से परेशानी हो रही है। मोर्चरी से उठ रही दुर्गंध के कारण मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिससे मोर्चरी को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की मांग उठ रही है। अस्पताल में जगह की कमी के कारण नई मोर्चरी बनाने में कठिनाई हो रही है।

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    मोर्चरी में सिर्फ चार शव रखने की जगह(प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक कमरा जिसे 15 साल पहले मोर्चरी बनाया गया है. इसमें चार लाश को सुरक्षित रखा जा सकता है।

    जबकि यहां लाश रखने वालों की कतार लगी रहती है। थाना, दियारा इलाके में मिली लाश, अस्पताल में अज्ञात लाश, रेलवे समेत दूसरे जिले से पोस्टमार्टम के लिए लाई गई लाश को यहां रखने के लिए लोग परेशान रहते हैं।

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    अब इस बीच मोर्चरी जिस जगह पर है वहां मेडिसिन विभाग का फेब्रिकेटेड वार्ड का संचालन होता है। अब मोर्चरी में रखी लाश से इतनी बदबू आती है कि कोई यहां खड़ा तक नहीं हो पाता है।

    मंगलवार को बदबू से लोग रहे परेशान

    तीन दिन पहले मोर्चरी में सड़ी गली लाश को पोस्टमार्टम कराने के बाद रखा गया था। वजह लाश अज्ञात थी। ऐसे में तीन दिन तक लाश को सुरक्षित रखने का नियम है। ऐसे में लाश से निकलने वाली बदबू चारों तरफ फैल गई।

    इलाज कराने आए मरीज के परिजन फेब्रिकेटेड वार्ड के बाहर खड़े रहते हैं। लेकिन लाश से निकली वाली बदबू से ये यहां ठहर नहीं पा रहे थे।

    मरीज के परिजन राकेश कुमार ने बताया कि बदबू इतनी तेज है कि खड़ा तक नहीं हो पा रहे हैं। मोर्चरी को यहां से दूसरी जगह बनाना चाहिए।

    यह बता दें जिस जगह पर मोर्चरी बनाया गया है वहां चार साल पहले खाली जमीन थी। कुछ भी यहां निर्माण नहीं हुआ था। लेकिन यहां फेब्रिकेटेड वार्ड बनाया गया। जिससे मोर्चरी लोगों को परेशानी में डाल रहा है।

    नगर निगम क्षेत्र में बने मोर्चरी तो बने बात

    अस्पताल के अंदर अब इतनी जगह नहीं है जहां मोर्चरी का निर्माण कार्य किया जा सके। ऐसे में अधिकारी कहते हैं कि स्मार्ट सिटी के फंड से अगर नगर निगम के फंड से मोर्चरी बनाया जाए तो बेहतर होगा।

    यहां केवल चार लाश को सुरक्षित रखने की व्यवस्था है। वहीं अगर लाइट चली जाती है तो परेशानी बढ़ जाती है। इस समस्या का विकल्प मोर्चरी को दूसरी जगह बनाना ही है।

    अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि हमारे यहां तेरह जिले, अस्पताल का अज्ञात लाश, रेलवे एवं थाना से लाश को रखने के लिए पुलिस एवं आम लोग आते हैं। मोर्चरी की इतनी क्षमता नहीं है कि सभी लाश को सुरक्षित रख सके। हालांकि गंध जो आ रहा है उसे दूर बुधवार को कर दिया जाएगा।