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नगर निगम : अविश्वास पर 'पूर्णविराम' की कवायद में पार्षदों संग बैठीं मेयर, मान-मनौव्वल का दौर जारी Bhagalpur News

अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटे कुछ पार्षदों के साथ मेयर और डिप्टी मेयर की वार्ता के बाद अभियान पर थोड़ा विराम लग गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 12:25 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 12:25 PM (IST)
नगर निगम : अविश्वास पर 'पूर्णविराम' की कवायद में पार्षदों संग बैठीं मेयर, मान-मनौव्वल का दौर जारी Bhagalpur News
नगर निगम : अविश्वास पर 'पूर्णविराम' की कवायद में पार्षदों संग बैठीं मेयर, मान-मनौव्वल का दौर जारी Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। शहर की मेयर के खिलाफ पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव की मुहिम पर अल्पविराम लग जाने के बाद अब पूर्णविराम की कवायद में बैठकों और मान-मनौव्वल का दौर जारी है। इसी कड़ी में मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने पार्षदों के साथ बैठक की। इसमें पार्षदों ने कई प्रस्ताव रखे, जिस पर सहमति भी बनी। पार्षदों की इस चेतावनी के साथ कि अमल नहीं होने पर अविश्वास प्रस्ताव का विकल्प खुला है। दरअसल, निगम में तीन गुटों की अलग-अलग सियासत में मेयर व डिप्टी मेयर के पदों पर नए चेहरे की कवायद भी है। इसे देखते हुए सत्तारूढ़ खेमा सक्रिय हो गया है। यह बैठक पार्षदों के समर्थन की नुमाइश के रूप में देखी जा रही है।

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दो साल पूरा होते ही सक्रिय हुआ असंतुष्ट खेमा

नगर निगम बोर्ड के चौथे कार्यकाल के दो साल नौ जून को पूरा होते ही असंतुष्ट खेमा सक्रिय हो चुका था। हालांकि, यह दृश्य राज्य के दूसरे नगर निगम क्षेत्रों में भी दिखा है। बहरहाल, पार्षद हंसल सिंह की अगुवाई में 29 से अधिक पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया। इसकी भनक लगते ही डिप्टी मेयर मुंबई में अपना कार्यक्रम छोड़ तुरंत शहर लौटे तो मेयर भी देवघर से लौटने के बाद पार्षदों को मनाने में जुट गईं। हंसल सिंह को मनाने में कुछ हद तक सफलता भी मिली, पर शर्त यह भी कि दिए गए प्रस्तावों पर सहमति नहीं बनने पर कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसमें यह भी शामिल है कि स्थायी समिति में हंसल सिंह, अनिल पासवान, गोविंद बनर्जी और कुमारी कल्पना को शामिल किया जाए।

मेयर बोलीं, गलती हुई हो तो क्षमा कर दीजिए

बुधवार की शाम छह बजे खरमनचक स्थित डिप्टी मेयर के घर पर पार्षदों की बैठक करीब ढाई घंटे चली। रात साढ़े आठ बजे तक अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों का मंतव्य लिया गया। गिले-शिकवे दूर करने का आश्वासन भी। यहां जुटे 38 पार्षदों ने अपनी भड़ास जमकर निकाली। विकास कार्य नहीं होने और पार्षदों की मांग को अनसुना करने आदि की शिकायतें भी आईं। पार्षदों के आक्रोश को देख मेयर ने कहा, अगर अनजाने में कोई गलती हुई हो तो क्षमा कर दीजिए। पार्षदों को हमेशा साथ लेकर चलने का प्रयास किया। पूर्व नगर आयुक्त की वजह से शहर का विकास कार्य बाधित हुआ है। जब भी जरूरत होगी, पार्षदों के सुख-दुख में शामिल रहेंगे। इसके बाद असंतुष्ट पार्षदों की पांच सूत्री मांगें मान ली गईं। इस पर मेयर और डिप्टी मेयर ने हस्ताक्षर कर दिया। फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गहराया संकट टल गया है।

तीन गुटों में बंटे हैं पार्षद

अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटे पार्षद हंसल सिंह के साथ मेयर और डिप्टी मेयर की वार्ता के बाद अभियान पर थोड़ा विराम लग गया है। अब कुछ पुराने पार्षदों ने मेयर के खिलाफ गोलबंदी शुरू कर दी है, जिसमें नई रणनीति तैयार की जा रही है।

जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को दिया था समर्थन

हंसल सिंह, खुशबू कुमारी, एबून निशा, सीता देवी, सोफिया हुमैरा, गुलाम सरवर, सुनीता देवी, पाकीजा, फरहाना, विधुवाला सिंह, कंचन देवी, पंकज कुमार दास, बबिता देवी, कुमारी कल्पना, नन्ही बेगम, नजमा खातुन, सरयुग प्रसाद साह, अरसदी बेगम, गजाला प्रवीण, शिवानी देवी, प्रीति देवी, फिरोजा यासमीन, गोविंद बनर्जी, शीला देवी, साबरा, अनिल कुमार पासवान व बीबी बलिमा आदि।

क्या हैं मांगें

- मेयर प्रत्येक माह बोर्ड की बैठक बुलाएं।

- बोर्ड और स्थायी समिति की बैठक की कार्यवाही पार्षदों के घर तक पहुंचाई जाए।

- विक्षुब्ध खेमे के चार पार्षदों को स्थायी समिति में शामिल किया जाए।

- विकास कार्यों के लिए पार्षदों की निगरानी टीम बने, इस रिपोर्ट पर कार्रवाई हो।

- पार्षद कक्ष भवन का निर्माण छह माह के अंदर पूरा हो।

- पार्षदों के आवेदन और शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो।

- मेयर स्वास्थ्य, जलकल और स्थापना समिति का शीघ्र गठन करें।

- मान-सम्मान मिले और मेयर जिस वार्ड में जाएं वहां के पार्षदों को साथ लें।

स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा ने कहा कि मेयर को पार्षदों ने चुना है। वे पांच वर्षों का अपना कार्यकाल पूरा करेंगी। अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास असफल रहेगा। पार्षद हंसल सिंह ने कहा कि विरोधी खेमे के पार्षदों की मांगों पर मेयर विचार करती हैं तो अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा, अन्यथा 36 पार्षदों की हस्ताक्षरयुक्त कॉपी हमारे पास है। कभी भी प्रस्ताव ला सकते हैं। पहले समन्वय का प्रयास किया जाएगा। मेयर सीमा साहा ने कहा कि मैं पार्षदों के सुख-दुख में हमेशा साथ थी और आगे भी रहूंगी। कभी-कभी थोड़ा मनभेद हुआ करता है, जिसे दूर कर लिया गया है। सभी मिलकर शहर का विकास करेंगे।


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